ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु के राज्यपाल विवादों से घिरे, सीएम स्टालिन ने अपने विधायकों को आलोचना करने से रोका

विधानसभा में सत्तारूढ़ पार्टी और राज्यपाल आरएन रवि के बीच हुए हंगामे के बाद अब आरएन रवि ने डीएमके सरकार और द्रविडियन नेरेटिव पर हमला करना जारी रखा है. पोंगल के लिए राजभवन के निमंत्रण में केवल भारत सरकार का प्रतीक है, जबकि प्रसिद्ध श्रीविल्लिपुथुर अंडाल मंदिर के साथ तमिलनाडु सरकार का प्रतीक गायब है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपनी पार्टी के विधायकों को राज्यपाल की आलोचना करने से रोका है.

Tamil Nadu Governor RN Ravi
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि
author img

By

Published : Jan 10, 2023, 9:59 PM IST

चेन्नई: एक ताजा विवाद को हवा देते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राजभवन में राज्य के आधिकारिक प्रतीक चिन्ह के बिना पोंगल उत्सव के लिए निमंत्रण दिया. इसमें तमिलनाडु का भी जिक्र नहीं किया गया है और राज्य के आधिकारिक नामकरण को 'थमिझागा अलुनर' (तमिल में अलुनर गवर्नर है) के रूप में उल्लेख किया है. इस साल का निमंत्रण पिछले वर्ष के आमंत्रण के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें उनका पदनाम 'तमिलनाडु के राज्यपाल' के रूप में दिया गया है.

इस बदलाव को सबसे पहले मदुरै से मुखर माकपा सांसद सु वेंकटेशन ने देखा, जो साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भी हैं. दोनों आमंत्रणों को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह अनजाने में नहीं, बल्कि राज्य के प्रतीक को बाहर करने का एक सचेत निर्णय था. राज्य के प्रतीक के तौर पर प्रसिद्ध श्रीविल्लिपुथुर श्री अंडाल मंदिर को माना जाता है. अंडाल एक श्रद्धेय वैष्णव संत कवि हैं और उनकी रचना थिरुपावई तमिल महीने मार्गज़ी (मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी) के दौरान मंदिरों और भक्तों के घरों में गाई जाती है.

वेंकटेशन ने कहा, 'भारत सरकार का प्रतीक चिह्न तीन स्थानों पर है. चूंकि राज्य के प्रतीक में तमिलनाडु है, इसलिए उन्होंने निमंत्रण में इसका इस्तेमाल नहीं किया है. क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि वह तमिलनाडु के करदाताओं के पैसे और अपने निवास स्थान का उपयोग करने से खुद को राहत देंगे?' राज्यपाल राज्य के नाम के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जिससे इस ज्वलंत विवाद को हवा मिल रही है. हालांकि तमिलनाडु और थमिज़गम समान हैं और एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, पूर्व आधिकारिक है और इसका एक लंबा इतिहास है.

यहां तक कि कांग्रेस की राज्य इकाई भी 1930 के दशक से 'तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी' है, जब राज्य मद्रास प्रेसीडेंसी था. पिछले हफ्ते राजभवन में काशी तमिल संगमम के स्वयंसेवकों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम में, रवि ने कहा था, 'तमिलनाडु की तुलना में थमीज़गम अधिक उपयुक्त होगा.'

इतने पर ही नहीं रुकते हुए उन्होंने झूठे आख्यान को बनाने और उसे बनाए रखने की द्रविड़ विचारधारा को दोष दिया. 'तमिलनाडु में एक अलग तरह की कहानी गढ़ी गई है. दुर्भाग्य से, 50 से अधिक वर्षों से प्रतिगामी राजनीति है कि हम द्रविड़ हैं और भारत का हिस्सा नहीं हैं. पूरे देश को जो कुछ भी मंजूर है, तमिलनाडु उसे ना कहेगा. शिक्षाविदों सहित सभी वर्गों द्वारा प्रबलित यह एक आदत बन गई है.' मामला सोमवार को उस समय चरम पर पहुंच गया, जब राज्यपाल रवि के अभिभाषण से भटक गए और तमिलनाडु समेत कुछ हिस्सों को छोड़ दिया.

पढ़ें: तमिलनाडु विधान सभा में राज्यपाल से विवाद का मामला, चेन्नई में लगे #GetOutRavi लिखे पोस्टर

उन्होंने 'तमिलनाडु सरकार' के बजाय 'यह सरकार' पढ़ा. विधानसभा में टकराव के बाद राज्यपाल वाकआउट कर गए, जिसके स्टालिन ने उनकी निंदा की, लेकिन अब सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी शांत हो गई है. डीएमके विधायक दल की बैठक में, स्टालिन ने विधायकों को राज्यपाल की आलोचना करने से रोकते हुए एक निर्देश जारी किया है.

चेन्नई: एक ताजा विवाद को हवा देते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राजभवन में राज्य के आधिकारिक प्रतीक चिन्ह के बिना पोंगल उत्सव के लिए निमंत्रण दिया. इसमें तमिलनाडु का भी जिक्र नहीं किया गया है और राज्य के आधिकारिक नामकरण को 'थमिझागा अलुनर' (तमिल में अलुनर गवर्नर है) के रूप में उल्लेख किया है. इस साल का निमंत्रण पिछले वर्ष के आमंत्रण के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें उनका पदनाम 'तमिलनाडु के राज्यपाल' के रूप में दिया गया है.

इस बदलाव को सबसे पहले मदुरै से मुखर माकपा सांसद सु वेंकटेशन ने देखा, जो साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भी हैं. दोनों आमंत्रणों को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह अनजाने में नहीं, बल्कि राज्य के प्रतीक को बाहर करने का एक सचेत निर्णय था. राज्य के प्रतीक के तौर पर प्रसिद्ध श्रीविल्लिपुथुर श्री अंडाल मंदिर को माना जाता है. अंडाल एक श्रद्धेय वैष्णव संत कवि हैं और उनकी रचना थिरुपावई तमिल महीने मार्गज़ी (मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी) के दौरान मंदिरों और भक्तों के घरों में गाई जाती है.

वेंकटेशन ने कहा, 'भारत सरकार का प्रतीक चिह्न तीन स्थानों पर है. चूंकि राज्य के प्रतीक में तमिलनाडु है, इसलिए उन्होंने निमंत्रण में इसका इस्तेमाल नहीं किया है. क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि वह तमिलनाडु के करदाताओं के पैसे और अपने निवास स्थान का उपयोग करने से खुद को राहत देंगे?' राज्यपाल राज्य के नाम के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जिससे इस ज्वलंत विवाद को हवा मिल रही है. हालांकि तमिलनाडु और थमिज़गम समान हैं और एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, पूर्व आधिकारिक है और इसका एक लंबा इतिहास है.

यहां तक कि कांग्रेस की राज्य इकाई भी 1930 के दशक से 'तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी' है, जब राज्य मद्रास प्रेसीडेंसी था. पिछले हफ्ते राजभवन में काशी तमिल संगमम के स्वयंसेवकों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम में, रवि ने कहा था, 'तमिलनाडु की तुलना में थमीज़गम अधिक उपयुक्त होगा.'

इतने पर ही नहीं रुकते हुए उन्होंने झूठे आख्यान को बनाने और उसे बनाए रखने की द्रविड़ विचारधारा को दोष दिया. 'तमिलनाडु में एक अलग तरह की कहानी गढ़ी गई है. दुर्भाग्य से, 50 से अधिक वर्षों से प्रतिगामी राजनीति है कि हम द्रविड़ हैं और भारत का हिस्सा नहीं हैं. पूरे देश को जो कुछ भी मंजूर है, तमिलनाडु उसे ना कहेगा. शिक्षाविदों सहित सभी वर्गों द्वारा प्रबलित यह एक आदत बन गई है.' मामला सोमवार को उस समय चरम पर पहुंच गया, जब राज्यपाल रवि के अभिभाषण से भटक गए और तमिलनाडु समेत कुछ हिस्सों को छोड़ दिया.

पढ़ें: तमिलनाडु विधान सभा में राज्यपाल से विवाद का मामला, चेन्नई में लगे #GetOutRavi लिखे पोस्टर

उन्होंने 'तमिलनाडु सरकार' के बजाय 'यह सरकार' पढ़ा. विधानसभा में टकराव के बाद राज्यपाल वाकआउट कर गए, जिसके स्टालिन ने उनकी निंदा की, लेकिन अब सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी शांत हो गई है. डीएमके विधायक दल की बैठक में, स्टालिन ने विधायकों को राज्यपाल की आलोचना करने से रोकते हुए एक निर्देश जारी किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.