कच्छ: देशभर में बकरीद मनाई गई लेकिन कच्छ के मुंद्रा में एक निजी स्कूल में मनाया जाने वाला बकरीद त्योहार विवादों में आ गया है. कच्छ के एक निजी स्कूल में हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ना सिखाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे हिंदू समाज के संगठनों ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो कच्छ के मुंद्रा के एक निजी स्कूल पर्ल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का है, जहां स्कूल में बकरीद त्योहार के दौरान हिंदू छात्रों को मुस्लिम छात्रों के साथ नमाज पढ़ना सिखाया जा रहा है. स्कूल की ऐसी हरकत के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा किया. हिंदू युवा संगठन के लोगों ने भारी विरोध शुरु कर दिया जिससे वहां पुलिस का सहारा लेना पड़ा.
गौरतलब है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें पर्ल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के 5वीं क्लास के स्टूडेंट्स ने कुछ इस तरह परफॉर्मेंस दी है, जिसके खिलाफ हिंदू युवा संगठन ने याचिका दायर कर दी. स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड करने और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की गई. इतने हंगामे के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
मुंद्रा तालुका प्राथमिक शिक्षा अधिकारी उमेश उगानी ने कहा कि बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी फोन के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई थी. वीडियो और तथ्यों की जांच की जा रही है और अभिभावकों और बच्चों से पूछताछ की गई है. अगर स्कूल की लापरवाही पाई गई तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.
राष्ट्रीय हिंदू युवा संघ मुंद्रा के अध्यक्ष रघुवीर सिंह जाडेजा ने कहा कि स्कूल द्वारा किया गया यह कृत्य उचित नहीं है. बच्चों को नमाज पढ़ाने को कहीं से भी सही नहीं कहा जा सकता है. सरकार को इसके लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि आजकल हिंदू बच्चों को भी जिहादी निशाना बना रहे हैं. गेम के माध्यम से बच्चों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. शिक्षा के माध्यम से हिंदू बच्चों को धर्मांतरित करने की साजिश रची जा रही है. इसलिए कार्रवाई के तहत स्कूल की मान्यता रद्द की जाए.
एक अभिभावक आनंद व्यास ने कहा कि स्कूल में हुए कार्यक्रम से हम और हिंदू समाज आहत हुए है. हिंदू युवा संगठन और हिंदू समाज के कार्यकर्ताओं के साथ हम अभिभावक स्कूल आए और ट्रस्टियों और प्रशासकों को शिकायत पत्र सौंपा है. स्कूल ने माफी मांगी है और कहा कि आगे से ऐसी कोई गतिविधि नहीं होगी.
पर्ल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की प्रिंसिपल प्रीति वासवानी ने बताया कि स्कूल में की गई गतिविधि के वीडियो से अभिभावकों की भावनाएं आहत हुई हैं और हम माफी मांगते हैं. इसका उद्देश्य किसी धर्म या समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था लेकिन अब से स्कूल में ऐसी कोई गतिविधि नहीं की जाएगी.
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