बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान, सत्ताधारी बीजेपी को एक नया हथियार मिल गया है. कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में छपे विवादित मुद्दे ने बीजेपी को ताकत दी है. विधानसभा चुनाव के दौरान बजरंग दल पर प्रतिबंध के आश्वासन से कांग्रेस पार्टी को कट्टर हिंदुओं के वोट गंवाने पड़े हैं. लेकिन कांग्रेस जाग गई है और उसने हर जगह हनुमान मंदिर के पुनरुद्धार की घोषणा कर डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने दो-तीन दिन पहले अपना घोषणापत्र जारी किया था.
घोषणापत्र में कहा गया है कि बजरंग दल संगठन असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उस पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की जाएगी. भाजपा ने इस मुद्दे को एक शक्तिशाली हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. शुक्रवार को भी हनुमान मंदिरों में हनुमान चालीसा का बड़े पैमाने पर पाठ किया गया. इसलिए कांग्रेस पार्टी डैमेज कंट्रोल के लिए जद्दोजहद कर रही है. कांग्रेस पार्टी के नेता इस बात का खुलकर बचाव कर रहे हैं कि चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल प्रतिबंध का जिक्र किया गया है.
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हालांकि अंदरुनी तौर पर पार्टी के कई नेता और उम्मीदवार इस बात को लेकर चिंता जता रहे हैं कि उनकी जीत के लिए कहां मुश्किलें आएंगी. कांग्रेस पार्टी ने चुनावी घोषणापत्र में बजंग दल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का बचाव किया है और यह कहकर हिंदुओं का वोट जीतने की कोशिश कर रही है कि वह भी हनुमान भक्त हैं. कुल मिलाकर, बजरंग दल प्रतिबंध विवाद ने कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग छेड़ दी है, जिसने चुनाव अभियान की दिशा बदल दी है.
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बता दें कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए मतदान 10 मई को होना है और वोटों की गिनती 13 मई को होगी. सत्तारूढ़ भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्य में आक्रामक प्रचार कर रही है. पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की जनता दल-सेक्युलर के साथ त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करने के बावजूद कांग्रेस राज्य में सत्ता में वापस आने की पूरी कोशिश कर रही है.