पटना: माता सीता भारत (मिथिला) की बेटी हैं या नेपाल की? यह सवाल इसलिए क्योंकि, शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष में एक डायलॉग में सीता को भारत माता की बेटी बताया गया है. इस डायलॉग पर नेपाल के लोगों ने आपत्ति (controversy over Adipurush film) जताई है. इस नाराजगी के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडू के सिनेमाघरों में आदिपुरुष फिल्म के रिलीज पर रोक लगा दी गयी है.
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माता सीता भारत की बेटी हैं या नेपाल की? : दरअसल, माता सीता के जन्मस्थान को लेकर भारत और नेपाल दोनों पड़ोसी देशों के बीच झगड़ा पुराना है. दोनों ही देश का दावा है कि माता सीता का जन्म उनके यहां हुआ था. ऐसे में भारत के इतिहासकार और संत-महात्मा माता सीता के जन्म स्थान को लेकर क्या राय रखते हैं आइये जानते हैं.
कहां हुआ था माता सीता का जन्म ?: पटना विश्वविद्यालय के इतिहास के प्राध्यापक प्रोफेसर मायानंद कहते हैं कि सीता के दौर में गंडक के सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर भागलपुर, दरभंगा, मिथिला जैसे जगह विदेह राज्य में आते थे. वैशाली मिथिलांचल-सीमांचल के क्षेत्र और वर्तमान नेपाल का कई क्षेत्र मिलकर विदेह राज्य हुआ करता था. विदेह राजवंश में राजा को जनक कहा जाता था और सीता के जन्म के समय विदेह पर राजवंश के 25 वें राजा सिरध्वज जनक हुआ करते थे जो सीता के पिता थे.
''राजा सिरध्वज ने सीता को गोद लिया था और उस समय विदेह राज्य की राजधानी मिथिलापुरी हुआ करती थी, जो वर्तमान के सीतामढ़ी जिले में स्थित है. विदेह राजवंश में कुल 54 राजाओं का शासन चला और राजवंश के समाप्ति के समय राज्य की राजधानी जनकपुर में थी. जो वर्तमान में नेपाल में स्थित है. विदेह राज्य ही समाप्त होकर गणतंत्र बना जो लिच्छवी अथवा वज्जि महासंघ के नाम से जाना गया.'' - प्रोफेसर मायानंद, प्राध्यापक, इतिहास, पटना विश्वविद्यालय
पौराणिक कथाओं के अनुसार- 'सीता भारत की बेटी' : वहीं वेदशास्त्र के विद्वान पंडित मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखें तो सीता माता भारत की बेटी हैं. वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में वर्णन है कि एक समय विदेह राज्य में 12 वर्षों का लंबा अकाल पड़ गया. उस वक्त के राजा सिरध्वज जनक, जिन्हें राजा जनक के नाम से जाना जाता है, उन्हें साधु संतों ने कहा कि जब आप खेतों में हल चलाएंगे तभी बारिश होगी और अकाल खत्म होगा. उस वक्त राजधानी मिथिलापुरी हुआ करती थी.
ऐसे हुआ माता सीता का जन्म : मनोज कुमार मिश्रा ने कहा कि, एक दिन राजा जनक खेतों में हल चलाने निकले. थोड़ी देर तक ही राजा जनक ने हल चलाया था कि उन्हें खेत में एक लाल कपड़ों से ढका हुआ घड़ा मिला. जब घड़ा को खोला गया तो उसमें से एक कन्या निकली और राजा जनक ने इस बच्ची को गोद ले लिया, जिसे हम माता सीता कहते हैं.
''माता सीता को ही वैदेही भी कहा जाता है. सीतामढ़ी जिले को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है. मान्यता है कि सीतामढ़ी का पुनौरा गांव, यहां पर सीता माता का एक भव्य मंदिर बन रहा है. ऐसे में बिहार के सीतामढ़ी जिले को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है. जब सीता माता का जन्म हुआ, तो उस समय राज्य विभिन्न जनपदों में बंटे हुए थे.'' - पंडित मनोज कुमार मिश्रा, वेदशास्त्र के विद्वान
वृहद विष्णु पुराण में क्या है दावा : वहीं वृहद विष्णु पुराण के अनुसार, माता सीता का जन्म नेपाल की राजधानी जनकपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर हुआ था. नेपाल में माता सीता के कथित जन्म स्थान और भारत के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव के बीच भी इतनी ही दूरी है. ऐसे में भारत के दावे को भी इससे बल मिलता है माता सीता मिथिला में जन्मी थीं.
माता सीता को लेकर नेपाल की मान्यता : अब सवाल ये है कि माता सीता को लेकर नेपाल आगबबूला क्यों है? दरअसल, माता सीता के जन्स्थान को लेकर नेपाल की राजधानी जनकपुर के लोगों की मान्यता है कि यहीं पर सीता का जन्म हुआ था. इस बात का जिक्र वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है. बता दें कि जनकपुर में माता सीता के नाम पर एक भव्य जानकी मंदिर है.
माता सीता का नेपाल से रिश्ता : नेपाल का एक और तर्क है कि राजा जनक मिथिला के राजा थे. इस वजह से माता सीता को मैथिली भी कहा जाता है. ऐसे में राजा जनक से जुड़े होने की वजह से जनकपुर (नेपाल) के लोग मां सीता को भारत की बेटी मानने को तैयार नहीं होते हैं.
रामायण सर्किट प्रोजेक्ट की चर्चा : फिलहाल, भारत और नेपाल दोनों ही देश सीता-राम पर गहरी आस्था रखते हैं और एक दूसरे के यहां आते जाते रहते हैं. हर साल भारत से कई लोग नेपाल के जनकपुर पहुंचते हैं और सीता माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.