रायपुर: महाराष्ट्र के संत कालीचरण ने अपने बयानों से विवादों के बम फोड़ दिए हैं. रायपुर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कालीचरण ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर हो रही राजनीति को लेकर अपने बयानों के तीर चलाए. उन्होंने एक के बाद एक कई विवादित बयान दिए और कांग्रेस पर हमला किया. इस दौरान वह शब्दों की मर्यादा भूल गए और कांग्रेस को राक्षस तक कह दिया. कालीचरण ने शंकराचार्य से अहंकार छोड़ने की अपील की है. उन्होंने नाथूराम गोडसे का समर्थन करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की. इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस ने कालीचरण को गिरफ्तार करने की मांग की है. kalicharan maharaj
संत कालीचरण ने कांग्रेस पार्टी पर की आपत्तिजनक टिप्पणी: कालीचरण महाराज ने कांग्रेस पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. कालीचरण महाराज ने कांग्रेस के अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को ठुकराने पर कहा कि" भूत पिशाच निकट नहीं आवे,महावीर जब नाम सुनावे, यह अच्छी बात है. वह कैसे आएंगे, जो राम का विरोध करते रहे हैं. यहां तक की कालीचरण ने कांग्रेसियों की तुलना में आपत्तिजनक बातें कर दी. कालीचरण ने कहा वे लोग कैसे राम मंदिर जाएंगे, भगवान के पास वे नहीं जा सकते, क्योंकि वहां हनुमान जी हैं. इसलिए वहां भूत प्रेत पिशाच नहीं जाएंगे. भगवान अखंड हैं, खंडित कैसे किया जा सकता है. हमारा भाव खंडित ना हो, हमारा भाव अखंड रहे. हमारे देश में राजा हिंदूवादी है. इसलिए देश में 370 खत्म हो गया. राम मंदिर बन रहा है, काशी और मथुरा पर बात कर रहे हैं. राजनीति के बाहर कुछ भी संभव नहीं है. राजा को हिंदूवादी होना चाहिए."
यथा राजा तथा प्रजा: कालीचरण महाराज के विवादित बयानों का सिलसिला यहीं नहीं खत्म हुआ. उन्होंने कहा कि "राजा जैसा होगा वैसे ही प्रजा होगी. राजा जिस मानसिक स्थिति को फॉलो करता है उसे प्रजा फॉलो करती है. इस राजा के काल में ही राम मंदिर क्यों बना. क्यों इस राजा के समय धारा 370 खत्म हो गया. इसी समय ही क्यों बम विस्फोट होना बंद हो गया. क्योंकि राजा सख्त है. इसलिए इस तरह की चीजें खत्म हो गई है. इसलिए इस राजा को सम्मान है."
"अपने अंहकार सीधे करने की कोशिश कर रहे हैं. मान सम्मान नहीं मिल रहा है. अहंकार के सामने धर्म छोटा होता है. अहंकार के सामने तो भगवान भी दोएम हो जाते हैं. 6 चीजों में व्यक्ति अटकता है. लोभ, क्रोध, काम वासना, मोह, मद्य और मत्सर. इंसान सेक्स और ईगो में अटकता है. अभी जो संन्यासी है वह ईगो में अटक गए हैं. छोटी छोटी सड़ी हुई बातों के लिए विघ्न डाल रहे हैं. रात में एक आतंकवादी के लिए कोर्ट को खुलवाया गया. राजीव गांधी ने ताला खुलवाया तो मंदिर क्यों नहीं बनवाया. जल्दी न्याय चाहिए तो राजा प्रेशर दे सकता है जल्दी मंदिर चाहिए था तो राजीव गांधी को प्रेशर डालना चाहिए था": कालीचरण महाराज
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में विघ्न डालने वाले असनातनी: हाल ही में लोकसभा चुनाव है और मंदिर भी अपूर्ण है. ऐसे में यह प्राण प्रतिष्ठा चुनाव के बाद भी की जा सकती थी. इस पर संत कालीचरण ने कहा कि "हम इंतजार ही करते बैठते रह गए हैं. हम लोग सिर्फ इंतजार करते हैं. यदि कोई कुछ कर रहा है तो उसका सपोर्ट करना चाहिए. अब तक किसी और ने राम मंदिर क्यों नहीं बना दिया. जो राजा राम मंदिर वापस कर रहा है, वही सच्चा सनातनी है. जो विघ्न डाल रहे हैं वह असनातनी हैं. इस राजा के आने के बाद से ही राम मंदिर का निर्माण क्यों हो रहा है. इसके पहले 1760 राजा थे, तो उस समय क्यों नहीं मंदिर बना. धर्मांतरण को लेकर भी छत्तीसगढ़ में नीति बननी चाहिए "
कालीचरण महाराज ने नाथूराम गोडसे पर कही बड़ी बात: कालीचरण महाराज ने नाथूराम गोडसे का समर्थन करते हुए बड़ी बात कह दी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि" नाथूराम गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार है"
20 जनवरी को रायपुर में निकाली जाएगी बाइक रैली: संत कालीचरण महाराज ने 20 जनवरी को रायपुर में एक बाइक रैली निकालने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस दिन हम बाइक रैली निकालेंगे.
कांग्रेस ने किया पलटवार: संत कालीचरण के बयानों पर कांग्रेस ने करारा प्रहार किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कालीचरण की तुलना उद्दंड किस्म के व्यक्ति से की है. इसके साथ ही बीजेपी सरकार से कालीचरण को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि" कालीचरण मानसिक दिवालियापन से गुजर रहे हैं। कालीचरण कोई संत महात्मा नहीं है ,एक दुष्ट प्रवृत्ति का व्यक्ति है । उसके बयानों को बहुत ज्यादा सभ्य समाज में महत्व नहीं दिया जाना चाहिए. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में गलत बयानी करने वाला, नाथूराम गोडसे का महिमा मंडित करने वाला व्यक्ति यदि सरेआम घूम रहा है ,उसे मंच दिया जा रहा है यह देश और प्रदेश का दुर्भाग्य है. भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि वह नाथूराम के साथ खड़ी है या फिर कालीचरण के साथ खड़ी है. बीजेपी बताए कि वह कालीचरण के साथ है या महात्मा गांधी के साथ खड़ी है"
इस पूरे मामले में बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. अब देखना होगा कि बीजेपी और साघु संतों की तरफ से कालीचरण को लेकर क्या जवाब आता है.