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ठेकेदार मौत की जांच में दखल से कर्नाटक सीएम ने किया इनकार

कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले की जांच में हस्तक्षेप के आरोप को नकार दिया है. साथ ही विपक्ष (कांग्रेस) को कांग्रेस शासन में घटित डीएसपी एम के गणपति आत्महत्या की याद भी दिलायी.

कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई
कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई
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Published : Apr 16, 2022, 12:56 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 1:29 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में विपक्षी कांग्रेस पर जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश बनने की इच्छा रखने का आरोप लगाते हुए शनिवार को जांच में उनकी सरकार के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया है. इस मुद्दे पर शुरू हुआ राजनीतिक हंगामा भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा, जिनके खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है, ने शुक्रवार रात ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. पुलिस की जांच जारी है. शव का पोस्टमॉर्टम किया गया है, अब फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की रिपोर्ट का इंतजार है.

सीएम बोम्मई ने कांग्रेस के सवाल, ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया, के जवाब में कहा कि पूर्व मंत्री केजे जॉर्ज केस सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घटित हुआ था. उस केस में पुलिस ने उसके खिलाफ वीडियो आरोप और डेथ नोट होने के बावजूद, प्राथमिकी में उसका (मंत्री) नाम नहीं लिया और मामले को बंद करने का भरसक प्रयास किया गया था. जब मृतक डीएसपी एम के गणपति के परिजन ने कोर्ट में याचिका पर अदालत ने एक आदेश जारी किया था. लेकिन हमने शिकायत के आधार पर संतोष पाटिल मौत मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और पुलिस उसकी जांच कर रही है. जांच की प्रगति के आधार पर आगे की धाराएं जोड़ी जाएंगी अभी आप जांच को तो आगे बढ़ने दें. आपको याद दिला दें कि वीडियो मैसेज में डीएसपी ने तत्कालीन मंत्री और दो शीर्ष आईपीएस अधिकारी को उसके (आत्महत्या) लिए जिम्मेदार ठहराया था.

कांग्रेस ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में एक जांच अधिकारी, अभियोजक और न्यायाधीश बनना चाहती है और ऐसा नहीं हो सकता. सीएम बोम्मई ने दोहराया कि जनता जानती है कि सत्ता में रहते हुए राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने कई मामलों को कैसे बंद कर दिया था, साथ ही सीएम ने आश्वस्त किया कि सब कुछ कानून के अनुसार होगा. सरकार ने किसी भी तरह से जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है. सिर्फ इसलिए कि मैंने जॉर्ज मामले के दौरान उन्होंने (कांग्रेस) जो किया, उन्होंने मुझ पर (ईश्वरप्पा को बेगुनाही का) प्रमाण पत्र देने का आरोप लगाया, क्या मैंने प्रमाण पत्र दिया ?

कानून है और कानून के अनुसार ही जांच होगी, पुलिस अपने जांच के आधार पर आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत करेगी तब अदालत ही जांच की सत्यता का विश्लेषण करेगी. बता दें कि कांग्रेस ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार और सीएम बोम्मई पर ईश्वरप्पा को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उनकी (ईश्वरप्पा) की गिरफ्तारी की मांग की थी और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किये जाने की मांग की थी. विपक्षी दल ने यह भी आग्रह किया कि पुलिस द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में निष्पक्ष जांच की जाए.

इसको देखते हुए कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है, जैसे कि वे बहुत साफ-सुथरे हैं, बोम्मई ने कहा कि लोगों को पता है कि कांग्रेस क्या है, पहले उन्हें अपनी अलमारी में भ्रष्टाचार के कंकालों की संख्या की गणना करने दें. वे एक कहानी स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, हम लोगों के सामने उनके भ्रष्टाचार के बारे में बात करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या संतोष पाटिल मौत के मामलों की जांच सीआईडी ​​या अन्य एजेंसी को सौंपा जाएगा, उन्होंने कहा पहले प्रारंभिक जांच तो होने दें जरूरत के आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा.

बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल की उडुपी के एक होटल में लाश मिली थी. उसकी लाश मंत्री ईश्वरप्पा पर आरोप लगाने के कुछ हफ्ते बाद मिली. व्हाट्सएप संदेश के रूप में एक कथित सुसाइड नोट में पाटिल ने ईश्वरप्पा को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था. पाटिल ने पिछले महीने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से शिकायत भी की थी कि उन्हें अभी तक भुगतान के बारे में नहीं बताया गया है. हिंडालगा गांव में सड़क निर्माण के लिए चार करोड़ रुपये का कार्य का भुगतान किया जाना था और ईश्वरप्पा के सहयोगियों द्वारा भुगतान के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था.

यह भी पढ़ें-कर्नाटक: ठेकेदार सुसाइड मामले पर कांग्रेस और बीजेपी में रार

पीटीआई

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में विपक्षी कांग्रेस पर जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश बनने की इच्छा रखने का आरोप लगाते हुए शनिवार को जांच में उनकी सरकार के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया है. इस मुद्दे पर शुरू हुआ राजनीतिक हंगामा भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा, जिनके खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है, ने शुक्रवार रात ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. पुलिस की जांच जारी है. शव का पोस्टमॉर्टम किया गया है, अब फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की रिपोर्ट का इंतजार है.

सीएम बोम्मई ने कांग्रेस के सवाल, ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया, के जवाब में कहा कि पूर्व मंत्री केजे जॉर्ज केस सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घटित हुआ था. उस केस में पुलिस ने उसके खिलाफ वीडियो आरोप और डेथ नोट होने के बावजूद, प्राथमिकी में उसका (मंत्री) नाम नहीं लिया और मामले को बंद करने का भरसक प्रयास किया गया था. जब मृतक डीएसपी एम के गणपति के परिजन ने कोर्ट में याचिका पर अदालत ने एक आदेश जारी किया था. लेकिन हमने शिकायत के आधार पर संतोष पाटिल मौत मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और पुलिस उसकी जांच कर रही है. जांच की प्रगति के आधार पर आगे की धाराएं जोड़ी जाएंगी अभी आप जांच को तो आगे बढ़ने दें. आपको याद दिला दें कि वीडियो मैसेज में डीएसपी ने तत्कालीन मंत्री और दो शीर्ष आईपीएस अधिकारी को उसके (आत्महत्या) लिए जिम्मेदार ठहराया था.

कांग्रेस ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में एक जांच अधिकारी, अभियोजक और न्यायाधीश बनना चाहती है और ऐसा नहीं हो सकता. सीएम बोम्मई ने दोहराया कि जनता जानती है कि सत्ता में रहते हुए राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने कई मामलों को कैसे बंद कर दिया था, साथ ही सीएम ने आश्वस्त किया कि सब कुछ कानून के अनुसार होगा. सरकार ने किसी भी तरह से जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है. सिर्फ इसलिए कि मैंने जॉर्ज मामले के दौरान उन्होंने (कांग्रेस) जो किया, उन्होंने मुझ पर (ईश्वरप्पा को बेगुनाही का) प्रमाण पत्र देने का आरोप लगाया, क्या मैंने प्रमाण पत्र दिया ?

कानून है और कानून के अनुसार ही जांच होगी, पुलिस अपने जांच के आधार पर आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत करेगी तब अदालत ही जांच की सत्यता का विश्लेषण करेगी. बता दें कि कांग्रेस ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार और सीएम बोम्मई पर ईश्वरप्पा को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उनकी (ईश्वरप्पा) की गिरफ्तारी की मांग की थी और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किये जाने की मांग की थी. विपक्षी दल ने यह भी आग्रह किया कि पुलिस द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में निष्पक्ष जांच की जाए.

इसको देखते हुए कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है, जैसे कि वे बहुत साफ-सुथरे हैं, बोम्मई ने कहा कि लोगों को पता है कि कांग्रेस क्या है, पहले उन्हें अपनी अलमारी में भ्रष्टाचार के कंकालों की संख्या की गणना करने दें. वे एक कहानी स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, हम लोगों के सामने उनके भ्रष्टाचार के बारे में बात करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या संतोष पाटिल मौत के मामलों की जांच सीआईडी ​​या अन्य एजेंसी को सौंपा जाएगा, उन्होंने कहा पहले प्रारंभिक जांच तो होने दें जरूरत के आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा.

बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल की उडुपी के एक होटल में लाश मिली थी. उसकी लाश मंत्री ईश्वरप्पा पर आरोप लगाने के कुछ हफ्ते बाद मिली. व्हाट्सएप संदेश के रूप में एक कथित सुसाइड नोट में पाटिल ने ईश्वरप्पा को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था. पाटिल ने पिछले महीने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से शिकायत भी की थी कि उन्हें अभी तक भुगतान के बारे में नहीं बताया गया है. हिंडालगा गांव में सड़क निर्माण के लिए चार करोड़ रुपये का कार्य का भुगतान किया जाना था और ईश्वरप्पा के सहयोगियों द्वारा भुगतान के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था.

यह भी पढ़ें-कर्नाटक: ठेकेदार सुसाइड मामले पर कांग्रेस और बीजेपी में रार

पीटीआई

Last Updated : Apr 16, 2022, 1:29 PM IST
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