नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की मंजूरी मिलने के बाद कानून के एक छात्र ने काॅमेडियन रचिता तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. यह याचिका उच्चतम न्यायालय के खिलाफ रचिता तनेजा के कथित आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर दायर की गई है.
तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिकाकर्ता को इसी सप्ताह अटॉर्नी जनरल से मंजूरी मिली थी. इसके बाद याचिकाकर्ता ने शनिवार को याचिका दायर की. कानून के छात्र आदित्य कश्यप ने अधिवक्ता नमित सक्सेना के जरिए यह अवमानना याचिका दायर की है.
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याचिका में दावा किया गया है कि तनेजा की पोस्ट वायरल हो गई और न्यायपालिका पर हमला बोलने वाले लोगों द्वारा इसे व्यापक रूप से साझा किया गया. एडवोकेट नमित सक्सेना ने कहा कि आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल ने अपनी लिखित सहमति में कहा है कि इन पोस्ट का मकसद न्यायालय की छवि खराब करना और जनता की नजर में उसके अधिकार को कमतर बनाना है.
किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए कानून के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की सहमति आवश्यक है. उच्चतम न्यायालय की आपराधिक अवमानना पर 2,000 रुपये का जुर्माने और छह महीने तक की कैद की सजा के प्रावधान हैं.
न्यायालय ने हाल ही में वकील व कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को उनके दो ट्वीट को लेकर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था और उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया गया था.