ETV Bharat / bharat

असम परिसीमन मामला: ECI के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष, दिल्ली में दिया धरना

author img

By

Published : Jul 9, 2023, 12:57 PM IST

Updated : Jul 10, 2023, 9:49 AM IST

असम के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है. इस सिलसिले में विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली में धरना दिया.

Etv BharatA delegation of 11 opposition parties of Assam
Etv Bharaअसम के 11 विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडलt

गुवाहाटी: चुनाव आयोग की ओर से असम के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का विपक्ष विरोध कर रहा है. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग जानबूझकर उनकी समस्याओं पर गौर नहीं कर रहा है. असम के 11 विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल इस समय दिल्ली में है. गौरतलब है कि पूर्व संपर्क करने के बाद भी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं करने पर 11 विपक्षी दलों में चुनाव आयोग के खिलाफ गुस्सा है.

वहीं, असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को पूरे प्रकरण में टिप्पणी करते हुए कहा, 'विपक्ष बिना पूर्व सूचना दिए चला गया है.' एक दिन पहले चुनाव आयोग से मुलाकात नहीं होने पर संयुक्त विपक्ष के प्रतिनिधियों का एक समूह शनिवार को दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया. नेताओं का समूह शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की मांग को लेकर कई बार संपर्क भी कर चुका था, लेकिन अंत तक विपक्ष को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत नहीं दी गई.

संयुक्त विपक्ष के नेताओं ने शनिवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा, सांसद गौरव गोगोई, प्रद्युत बोरदोलोई, अजीत भुइयां समेत लुरिनज्योति गोगोई और अखिल गोगोई समेत अन्य ने अपना गुस्सा जाहिर किया. एपीसीसी के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने चुनाव आयोग पर अपना गुस्सा जाहिर किया और कहा, 'चुनाव आयोग ने रहस्यमय ढंग से 2001 की मतदाता सूची में निर्वाचन क्षेत्र को पुनर्निर्धारित करने का कदम उठाया है. यह संदिग्ध है. कई बार संपर्क करने के बाद भी आयोग ने समय नहीं दिया.' पुलिस को गेट के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी.

बोरा ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के दबाव में यह मसौदा तैयार किया है. रायजोर दल प्रमुख और शिवसागर विधायक अखिल गोगोई ने चुनाव आयोग पर दुख जताते हुए कहा कि किसी अन्य पार्टी के अनुरोध या सलाह को स्वीकार नहीं किया गया, चुनाव आयोग ने केवल भाजपा की सिफारिशों को स्वीकार किया और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस संसद में असम परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों का मांगेगी समर्थन

दूसरी ओर असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा की सलाह पर विपक्षी दल से मिलने से परहेज किया. सांसद अजीत भुइयां ने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के मसौदे के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ विपक्ष की सामूहिक ताकत कानूनी प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाएगी.

उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष बिना यह जानकारी दिए दिल्ली गया है कि चुनाव आयोग के अधिकारी दिल्ली में हैं या नहीं. चुनाव आयोग 21-22 जुलाई को असम आएगा. विपक्ष तब ड्राफ्ट को लेकर शिकायत कर सकता है. पिछले दिनों चुनाव आयोग ने विपक्षी दल को पत्र के जरिए भी बुलाया था. जहां तक मेरी जानकारी है, फिलहाल 3 अधिकारी हैं. चुनाव आयोग विदेश में है. विपक्ष बिना कुछ बताए दिल्ली चला गया है. इसलिए विपक्ष चुनाव आयोग के अधिकारियों से नहीं मिल सके.'

गुवाहाटी: चुनाव आयोग की ओर से असम के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का विपक्ष विरोध कर रहा है. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग जानबूझकर उनकी समस्याओं पर गौर नहीं कर रहा है. असम के 11 विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल इस समय दिल्ली में है. गौरतलब है कि पूर्व संपर्क करने के बाद भी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात नहीं करने पर 11 विपक्षी दलों में चुनाव आयोग के खिलाफ गुस्सा है.

वहीं, असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को पूरे प्रकरण में टिप्पणी करते हुए कहा, 'विपक्ष बिना पूर्व सूचना दिए चला गया है.' एक दिन पहले चुनाव आयोग से मुलाकात नहीं होने पर संयुक्त विपक्ष के प्रतिनिधियों का एक समूह शनिवार को दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया. नेताओं का समूह शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की मांग को लेकर कई बार संपर्क भी कर चुका था, लेकिन अंत तक विपक्ष को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत नहीं दी गई.

संयुक्त विपक्ष के नेताओं ने शनिवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा, सांसद गौरव गोगोई, प्रद्युत बोरदोलोई, अजीत भुइयां समेत लुरिनज्योति गोगोई और अखिल गोगोई समेत अन्य ने अपना गुस्सा जाहिर किया. एपीसीसी के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने चुनाव आयोग पर अपना गुस्सा जाहिर किया और कहा, 'चुनाव आयोग ने रहस्यमय ढंग से 2001 की मतदाता सूची में निर्वाचन क्षेत्र को पुनर्निर्धारित करने का कदम उठाया है. यह संदिग्ध है. कई बार संपर्क करने के बाद भी आयोग ने समय नहीं दिया.' पुलिस को गेट के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी.

बोरा ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के दबाव में यह मसौदा तैयार किया है. रायजोर दल प्रमुख और शिवसागर विधायक अखिल गोगोई ने चुनाव आयोग पर दुख जताते हुए कहा कि किसी अन्य पार्टी के अनुरोध या सलाह को स्वीकार नहीं किया गया, चुनाव आयोग ने केवल भाजपा की सिफारिशों को स्वीकार किया और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस संसद में असम परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों का मांगेगी समर्थन

दूसरी ओर असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा की सलाह पर विपक्षी दल से मिलने से परहेज किया. सांसद अजीत भुइयां ने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के मसौदे के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ विपक्ष की सामूहिक ताकत कानूनी प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाएगी.

उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष बिना यह जानकारी दिए दिल्ली गया है कि चुनाव आयोग के अधिकारी दिल्ली में हैं या नहीं. चुनाव आयोग 21-22 जुलाई को असम आएगा. विपक्ष तब ड्राफ्ट को लेकर शिकायत कर सकता है. पिछले दिनों चुनाव आयोग ने विपक्षी दल को पत्र के जरिए भी बुलाया था. जहां तक मेरी जानकारी है, फिलहाल 3 अधिकारी हैं. चुनाव आयोग विदेश में है. विपक्ष बिना कुछ बताए दिल्ली चला गया है. इसलिए विपक्ष चुनाव आयोग के अधिकारियों से नहीं मिल सके.'

Last Updated : Jul 10, 2023, 9:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.