उत्तराखंड: देहरादून के डोईवाला में बीते मंगलवार को अराजक तत्वों ने डोईवाला रेलवे स्टेशन (doiwala railway station) से आगे ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की कोशिश (try to crash the train) की, लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ के चलते उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए. अगर वक्त रहते लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाया होता तो लाहौरी एक्सप्रेस ट्रेन (Lahori Express Train) डिरेल हो सकती थी.
रेलवे ट्रैक पर बांधा लोहे का पाइप: दरअसल, 4 अक्टूबर की रात अराजक तत्वों ने डोईवाला से आगे रेलवे ट्रैक पर करीब 20 फीट लंबा लोहे का पाइप बांध दिया था. इस दौरान देहरादून से अमृतसर जा रही लाहौरी एक्सप्रेस जैसे ही डोईवाला से आगे निकली तो यह पाइप ट्रेन के पहिए में जाकर फंस गया. लोको पायलट ने सही समय पर तत्परता दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया, जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया. पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ें: अंकिता मर्डर केस: 10 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल कर सकती है SIT, ऐसे होगी VIP की पहचान
लोको पायलट ने दिखाई सूझबूझ: रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर राकेश चंद ने मामले में शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने बताया कि देहरादून-अमृतसर लाहौरी एक्सप्रेस मंगलवार की रात 8:37 पर दून से निकली थी. जैसे ही ट्रेन डोईवाला से आगे रेलवे फाटक संख्या 26 और 27 के बीच से गुजर रही थी, तभी ट्रेन के लोको पायलट ने देखा कि रेलवे ट्रैक पर लोहे का भारी-भरकम लंबा पाइप पड़ा है, लेकिन उस दौरान ट्रेन की रफ्तार करीब 35 किलोमीटर प्रति घंटा थी. जिससे लोको पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए समय मिल गया और एक बड़ा हादसा होने से टल गया.
ट्रेन के पहिए में फंसा लोहे का पाइप: हालांकि, इसके बावजूद लोहे का पाइप ट्रेन के पहिए में फंस गया. जिससे करीब 40 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही. इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद लोको पायलट ने आनन-फानन में इसकी जानकारी रेलवे और पुलिस अधिकारियों को दी. जिसके बाद रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी, कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे. 40 मिनट की जद्दोजहद के बाद पहिये से पाइप को निकाला जा सका. जिसके बाद ट्रेन रवाना हुई.
रेलवे कर रहा है जांच: सीनियर सेक्शन इंजीनियर राकेश चंद ने कहा कि रेलवे अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जांच में पता चला है कि अराजक तत्वों ने जानबूझकर कर लोहे के बीस फीट लंबे पाइप का एक हिस्सा रेलवे ट्रैक से बांधा था. जबकि दूसरा हिस्सा पेड़ की जड़ के बांधा गया था. वहीं, पुलिस और रेलवे अधिकारी हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं.