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Hath Se Hath Jodo Campaign: 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद शुरू होगा कांग्रेस का 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' 30 जनवरी को समाप्त होने वाली है, लेकिन इसके समाप्त होने से पहले ही कांग्रेस ने अपनी आगे की योजना तैयार कर ली है. कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने जानकारी दी है कि पार्टी एक 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान शुरू करेगी.

Hath Se Hath Jodo Campaign
कांग्रेस का 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान
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Published : Jan 13, 2023, 6:53 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा सामाजिक थी, लेकिन आने वाला 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान राजनीतिक होगा और इसका उद्देश्य 2023 में होने वाले नौ विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले समर्थन जुटाना है. पूरे समय से, कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' जो 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी, भाजपा सरकार की नीतियों के कारण बढ़ती आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और सत्ता के केंद्रीकरण के खिलाफ एक सामाजिक लामबंदी थी.

कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा का एक सामाजिक उद्देश्य था, लेकिन 26 जनवरी से शुरू होने वाला 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान राजनीतिक होने जा रहा है. यह इस साल 9 विधानसभा चुनावों और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा. भारत जोड़ो यात्रा के लोगो में जहां कांग्रेस का खुले हाथ का चिन्ह नहीं था, वही 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान के लोगो में प्रमुखता से होगा.

मई 2022 में राजस्थान के उदयपुर में एक विचार-मंथन सत्र में 3,500 किलोमीटर की भारत जोड़ी यात्रा की कल्पना की गई थी, जब पार्टी के नेताओं ने 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले पार्टी का मार्गदर्शन करने की योजना तैयार की, जिसमें पार्टी ने विपक्षी मंच बनाने और सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने की योजना बनाई. कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा समाप्त होने के साथ ही कांग्रेस ने जन संपर्क कार्यक्रम के राजनीतिक लाभों को देखना शुरू कर दिया है और इसे समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के लिए एक मंच के रूप में भी उपयोग कर रही है.

इसी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 30 जनवरी को श्रीनगर में यात्रा के समापन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 23 दलों को आमंत्रित किया है, जो विपक्षी एकता का भी प्रदर्शन होगा. रमेश ने कहा, '30 जनवरी को अच्छी भागीदारी देखने को मिलेगी. नेता नहीं आ पाएंगे तो प्रतिनिधि भेजेंगे. इस अवसर पर एक बैठक होगी, जहां 2024 के राष्ट्रीय चुनावों पर चर्चा होने की संभावना है. यात्रा समाप्त हो रही है और यह समय है कि हमें देखना चाहिए कि आगे क्या है.'

इसे ध्यान में रखते हुए, एआईसीसी के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 24 दिसंबर, 2022 को राज्य इकाई के प्रमुखों को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें मुद्दों पर आधारित मिनी यात्राओं और विशेष महिला मार्च के माध्यम से मतदाताओं को लामबंद करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाने के लिए कहा गया.

इस पहुंच का उद्देश्य राहुल गांधी, कांग्रेस और पार्टी जिन मुद्दों को उठा रही है, उनके बारे में चर्चा पैदा करना है. रमेश ने कहा, 'हम 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान के जरिए हर घर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. हम देश भर के 6.5 लाख गांवों में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करने का प्रयास करेंगे. हमारे कार्यकर्ता हर घर तक पहुंचने और राहुल गांधी का संदेश देने की कोशिश करेंगे.'

आगे जयराम रमेश ने कहा कि यह 2 महीने का अभियान है. इस अभियान के दौरान हर एक राज्य की राजधानी में एक महिला यात्रा का आयोजन किया जाएगा. पद यात्राएं होंगी, ब्लॉक के स्तर पर, जिले के स्तर पर अधिवेशन होंगे. जहां राज्य के नेता और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी जाएंगे. ये सब 26 जनवरी से लेकर 26 मार्च तक ये अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान से हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे.

कोशिश की जाएगी कि हम हर घर तक पहुंचे और हर घर में हम राहुल गांधी जी का एक खत और मोदी सरकार के खिलाफ हमने जो चार्जशीट तैयार की है, जो उसकी विफलताएं हैं, पिछले 8 सालों में उसके बारे में एक रिपोर्ट तैयार की गई है, वो भी हर घर में हम पहुंचाएंगे.

पढ़ें: Netaji birth anniversary: सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को अंडमान जाएंगे अमित शाह

आगे जयराम रमेश ने कहा कि ये 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान एक तरीके से देखा जाए, तो ये भारत जोड़ो यात्रा का एक्सटेंशन है. उसका दूसरा चरण है. कई सवाल उठाए गए थे कि 'भारत जोड़ो यात्रा' में कोई राजनीतिक मुद्दे नहीं उठा रहे हैं. चुनाव से आपको कुछ लेना-देना नहीं हैं. आप राजनीतिक पार्टी है, पर हमने हमेशा ये कहा था कि 'भारत जोड़ो यात्रा' का एक फॉलोअप जरुर होगा और ये फॉलोअप अब आप देखेंगे.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा सामाजिक थी, लेकिन आने वाला 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान राजनीतिक होगा और इसका उद्देश्य 2023 में होने वाले नौ विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले समर्थन जुटाना है. पूरे समय से, कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' जो 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगी, भाजपा सरकार की नीतियों के कारण बढ़ती आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और सत्ता के केंद्रीकरण के खिलाफ एक सामाजिक लामबंदी थी.

कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा का एक सामाजिक उद्देश्य था, लेकिन 26 जनवरी से शुरू होने वाला 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान राजनीतिक होने जा रहा है. यह इस साल 9 विधानसभा चुनावों और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा. भारत जोड़ो यात्रा के लोगो में जहां कांग्रेस का खुले हाथ का चिन्ह नहीं था, वही 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान के लोगो में प्रमुखता से होगा.

मई 2022 में राजस्थान के उदयपुर में एक विचार-मंथन सत्र में 3,500 किलोमीटर की भारत जोड़ी यात्रा की कल्पना की गई थी, जब पार्टी के नेताओं ने 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले पार्टी का मार्गदर्शन करने की योजना तैयार की, जिसमें पार्टी ने विपक्षी मंच बनाने और सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने की योजना बनाई. कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा समाप्त होने के साथ ही कांग्रेस ने जन संपर्क कार्यक्रम के राजनीतिक लाभों को देखना शुरू कर दिया है और इसे समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के लिए एक मंच के रूप में भी उपयोग कर रही है.

इसी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 30 जनवरी को श्रीनगर में यात्रा के समापन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 23 दलों को आमंत्रित किया है, जो विपक्षी एकता का भी प्रदर्शन होगा. रमेश ने कहा, '30 जनवरी को अच्छी भागीदारी देखने को मिलेगी. नेता नहीं आ पाएंगे तो प्रतिनिधि भेजेंगे. इस अवसर पर एक बैठक होगी, जहां 2024 के राष्ट्रीय चुनावों पर चर्चा होने की संभावना है. यात्रा समाप्त हो रही है और यह समय है कि हमें देखना चाहिए कि आगे क्या है.'

इसे ध्यान में रखते हुए, एआईसीसी के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 24 दिसंबर, 2022 को राज्य इकाई के प्रमुखों को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें मुद्दों पर आधारित मिनी यात्राओं और विशेष महिला मार्च के माध्यम से मतदाताओं को लामबंद करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाने के लिए कहा गया.

इस पहुंच का उद्देश्य राहुल गांधी, कांग्रेस और पार्टी जिन मुद्दों को उठा रही है, उनके बारे में चर्चा पैदा करना है. रमेश ने कहा, 'हम 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान के जरिए हर घर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. हम देश भर के 6.5 लाख गांवों में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करने का प्रयास करेंगे. हमारे कार्यकर्ता हर घर तक पहुंचने और राहुल गांधी का संदेश देने की कोशिश करेंगे.'

आगे जयराम रमेश ने कहा कि यह 2 महीने का अभियान है. इस अभियान के दौरान हर एक राज्य की राजधानी में एक महिला यात्रा का आयोजन किया जाएगा. पद यात्राएं होंगी, ब्लॉक के स्तर पर, जिले के स्तर पर अधिवेशन होंगे. जहां राज्य के नेता और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी जाएंगे. ये सब 26 जनवरी से लेकर 26 मार्च तक ये अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान से हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे.

कोशिश की जाएगी कि हम हर घर तक पहुंचे और हर घर में हम राहुल गांधी जी का एक खत और मोदी सरकार के खिलाफ हमने जो चार्जशीट तैयार की है, जो उसकी विफलताएं हैं, पिछले 8 सालों में उसके बारे में एक रिपोर्ट तैयार की गई है, वो भी हर घर में हम पहुंचाएंगे.

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आगे जयराम रमेश ने कहा कि ये 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान एक तरीके से देखा जाए, तो ये भारत जोड़ो यात्रा का एक्सटेंशन है. उसका दूसरा चरण है. कई सवाल उठाए गए थे कि 'भारत जोड़ो यात्रा' में कोई राजनीतिक मुद्दे नहीं उठा रहे हैं. चुनाव से आपको कुछ लेना-देना नहीं हैं. आप राजनीतिक पार्टी है, पर हमने हमेशा ये कहा था कि 'भारत जोड़ो यात्रा' का एक फॉलोअप जरुर होगा और ये फॉलोअप अब आप देखेंगे.

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