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मैसूरु में बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन - BJP MP Pratap Simha

संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद सांसद प्रताप सिम्हा की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार शाम को विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की कि युवक सांसद प्रताप सिन्हा के पास पर संसद भवन में दाखिल हुआ, इसलिए प्रताप सिन्हा की जांच होनी चाहिए. breach in parliament security, MP Pratap Simha, Karnataka Chief Minister Siddaramaiah

breach in parliament security
संसद की सुरक्षा में सेंध पर कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया
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By PTI

Published : Dec 13, 2023, 10:45 PM IST

मैसूर में बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा

मैसूरु: कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहां भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी ही सिफारिश पर उन दो व्यक्तियों को पास जारी किए गए थे, जो बुधवार को लोकसभा में दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता यहां जलादर्शिनी गेस्ट हाउस में मैसूरु के सांसद के कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए और नारेबाजी की. उन्होंने सांसद को लोकसभा में हुए प्रकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया.

पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में किया और कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी. सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों में से एक मनोरंजन डी मैसूरु का रहने वाला है और उसने सह आरोपी सागर शर्मा को सांसद कार्यालय में अपने दोस्त के रूप में पेश किया था. उन दोनों ने नई संसद को देखने के बहाने पास जारी करवाए थे.

सांसद के करीबी सूत्रों के अनुसार, सिम्हा के कहने पर बुधवार को तीन पास जारी किए गए थे. तीसरा पास एक महिला को जारी किया गया था जो अपने बच्चे के साथ पहुंची थी. चूंकि बच्चे का नाम उसके पास पर अंकित नहीं था, इसलिए उसे लौटा दिया गया था.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने संसद की सुरक्षा में चूक पर जताई हैरानी

वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को संसद के निचले सदन लोकसभा की सुरक्षा में चूक पर हैरानी जताते हुए इस घटना की निष्पक्ष जांच का आह्वान किया. सिद्धरमैया ने इस घटना को सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक करार देते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार, विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कर्तव्य है कि वह इसकी निष्पक्ष जांच करें और घटना की पूरी जानकारी जनता के सामने रखें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'संसद भवन पर हमला चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है तथा मैं हिंसा के इस कृत्य की निंदा करता हूं. राहत की बात यह है कि संसद के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद ऐसी घटना का होना वाकई चौंकाने वाला घटनाक्रम है.' उन्होंने कहा कि 'यदि हम ध्यान दें कि आज का हमला 22 साल पहले (13-12-2001) संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के साथ मेल खाता है, तो संदेह पैदा होता है कि इसके पीछे अन्य उद्देश्य भी हो सकते हैं.'

उन्होंने कहा कि 'यह उल्लेख करना जरूरी है कि 2001 में संसद पर हमले के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार सत्ता में थी. इससे देश की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े होते हैं.' मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि आज संसद भवन पर हमला करने वाले युवाओं को मैसुरु से लोकसभा सदस्य प्रताप सिन्हा ने पास उपलब्ध कराए थे.

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग अचानक सदन के भीतर कूद गए और 'केन' के जरिये धुआं फैला दिया. इसके तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. सदन में दोपहर करीब एक बजे शून्यकाल के दौरान यह घटना घटी.

मैसूर में बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा

मैसूरु: कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहां भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी ही सिफारिश पर उन दो व्यक्तियों को पास जारी किए गए थे, जो बुधवार को लोकसभा में दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता यहां जलादर्शिनी गेस्ट हाउस में मैसूरु के सांसद के कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए और नारेबाजी की. उन्होंने सांसद को लोकसभा में हुए प्रकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया.

पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में किया और कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी. सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों में से एक मनोरंजन डी मैसूरु का रहने वाला है और उसने सह आरोपी सागर शर्मा को सांसद कार्यालय में अपने दोस्त के रूप में पेश किया था. उन दोनों ने नई संसद को देखने के बहाने पास जारी करवाए थे.

सांसद के करीबी सूत्रों के अनुसार, सिम्हा के कहने पर बुधवार को तीन पास जारी किए गए थे. तीसरा पास एक महिला को जारी किया गया था जो अपने बच्चे के साथ पहुंची थी. चूंकि बच्चे का नाम उसके पास पर अंकित नहीं था, इसलिए उसे लौटा दिया गया था.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने संसद की सुरक्षा में चूक पर जताई हैरानी

वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को संसद के निचले सदन लोकसभा की सुरक्षा में चूक पर हैरानी जताते हुए इस घटना की निष्पक्ष जांच का आह्वान किया. सिद्धरमैया ने इस घटना को सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक करार देते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार, विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कर्तव्य है कि वह इसकी निष्पक्ष जांच करें और घटना की पूरी जानकारी जनता के सामने रखें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'संसद भवन पर हमला चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है तथा मैं हिंसा के इस कृत्य की निंदा करता हूं. राहत की बात यह है कि संसद के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद ऐसी घटना का होना वाकई चौंकाने वाला घटनाक्रम है.' उन्होंने कहा कि 'यदि हम ध्यान दें कि आज का हमला 22 साल पहले (13-12-2001) संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के साथ मेल खाता है, तो संदेह पैदा होता है कि इसके पीछे अन्य उद्देश्य भी हो सकते हैं.'

उन्होंने कहा कि 'यह उल्लेख करना जरूरी है कि 2001 में संसद पर हमले के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार सत्ता में थी. इससे देश की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े होते हैं.' मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि आज संसद भवन पर हमला करने वाले युवाओं को मैसुरु से लोकसभा सदस्य प्रताप सिन्हा ने पास उपलब्ध कराए थे.

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग अचानक सदन के भीतर कूद गए और 'केन' के जरिये धुआं फैला दिया. इसके तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. सदन में दोपहर करीब एक बजे शून्यकाल के दौरान यह घटना घटी.

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