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बीजेपी ने नीतीश के खिलाफ चिराग को यूज किया फिर उनको धोखा दिया : अनवर - तारिक अनवर

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा है कि बीजेपी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान का इस्तेमाल किया और जदयू के खिलाफ सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे. लेकिन बीजेपी ने चिराग को अकेला छोड़ दिया है. पढ़िए ईटीवी भारत संवाददाता शशांक कुमार की रिपोर्ट...

तारिक अनवर
तारिक अनवर
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Published : Jul 14, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 9:32 PM IST

नई दिल्ली : बीजेपी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान का जमकर इस्तेमाल किया. चिराग के जरिए बीजेपी ने नीतीश कुमार को कमजोर किया. बीजेपी के कहने पर ही चिराग ने विधानसभा चुनाव में जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतारा था. लेकिन अब बीजेपी ने चिराग को धोखा देकर अकेले छोड़ दिया है.

उक्त बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों का इस्तेमाल करके धोखा देकर अकेले छोड़ देने की राजनीति करती है. चिराग पासवान इसका उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि चिराग के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. अगर वह महागठबंधन में आना चाहेंगे तो हम लोग इस पर विचार करेंगे. इसके लिए चिराग खुद कितने तैयार हैं यह देखना होगा. धोखा खाने के बाद भी अगर चिराग बीजेपी के साथ रहते हैं तो यह आश्चर्यजनक होगा.

देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि एलजीपी कोटे से पशुपति पारस को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. मंत्री उनको योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि जातीय समीकरण को ध्यान में रख कर बनाया गया है.
बता दें लोजपा में बड़ी टूट हुई थी. इस दौरान चिराग के चाचा एवं सांसद पशुपति पारस के साथ कुल 5 सांसद अलग हो गए थे. इन्हीं सांसदों ने चिराग की जगह पारस को संसदीय दल का नेता बना दिया था. साथ ही पारस अपने गुट के लोगों के साथ बैठक कर चिराग की जगह खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए.

ये भी पढ़ें - अगर तेजस्वी और चिराग आएं साथ, तो क्या नीतीश को दे सकेंगे पटखनी ?

वहीं चिराग ने सभी बागी लोगों को पार्टी से निकाल दिया. साथ ही चिराग ने लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जिसमें 95 फीसदी लोग मौजूद थे. चिराग ने कहा कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही लोजपा दो खेमों में बंट गई है. एक खेमा चिराग का है तो दूसरा पारस का है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रहे हैं. मामला अभी चुनाव आयोग में है. वहीं लोजपा कोटे से पारस को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है. इसके बाद से चिराग पासवान बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या वह महागठबंधन में जाएंगे?

वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग में जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दिया था जिसके कारण जदयू सिर्फ 43 सीटों पर सिमट गई थी. वहीं लोजपा में टूट में जदयू की भूमिका मानी जा रही है. ऐसा करके जदयू ने विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है.

नई दिल्ली : बीजेपी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान का जमकर इस्तेमाल किया. चिराग के जरिए बीजेपी ने नीतीश कुमार को कमजोर किया. बीजेपी के कहने पर ही चिराग ने विधानसभा चुनाव में जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतारा था. लेकिन अब बीजेपी ने चिराग को धोखा देकर अकेले छोड़ दिया है.

उक्त बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों का इस्तेमाल करके धोखा देकर अकेले छोड़ देने की राजनीति करती है. चिराग पासवान इसका उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि चिराग के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. अगर वह महागठबंधन में आना चाहेंगे तो हम लोग इस पर विचार करेंगे. इसके लिए चिराग खुद कितने तैयार हैं यह देखना होगा. धोखा खाने के बाद भी अगर चिराग बीजेपी के साथ रहते हैं तो यह आश्चर्यजनक होगा.

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उन्होंने कहा कि एलजीपी कोटे से पशुपति पारस को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. मंत्री उनको योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि जातीय समीकरण को ध्यान में रख कर बनाया गया है.
बता दें लोजपा में बड़ी टूट हुई थी. इस दौरान चिराग के चाचा एवं सांसद पशुपति पारस के साथ कुल 5 सांसद अलग हो गए थे. इन्हीं सांसदों ने चिराग की जगह पारस को संसदीय दल का नेता बना दिया था. साथ ही पारस अपने गुट के लोगों के साथ बैठक कर चिराग की जगह खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए.

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वहीं चिराग ने सभी बागी लोगों को पार्टी से निकाल दिया. साथ ही चिराग ने लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जिसमें 95 फीसदी लोग मौजूद थे. चिराग ने कहा कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही लोजपा दो खेमों में बंट गई है. एक खेमा चिराग का है तो दूसरा पारस का है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रहे हैं. मामला अभी चुनाव आयोग में है. वहीं लोजपा कोटे से पारस को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है. इसके बाद से चिराग पासवान बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या वह महागठबंधन में जाएंगे?

वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग में जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दिया था जिसके कारण जदयू सिर्फ 43 सीटों पर सिमट गई थी. वहीं लोजपा में टूट में जदयू की भूमिका मानी जा रही है. ऐसा करके जदयू ने विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है.

Last Updated : Jul 14, 2021, 9:32 PM IST
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