नई दिल्ली : कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Report) पर ऐसे चुप्पी साधी हुई है जैसे कुछ हुआ ही नहीं. सरकार से हम कहना चाहते हैं कि भारत के निवेशकों, एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और एसबीआई के 45 करोड़ खाता धारकों को बचा लें.
पवन खेड़ा ने कहा कि अमेरिका की प्रतिष्ठित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडाणी समूह पर इस देश के अब तक के सबसे बड़े कॉपोर्रेट फ्रॉड का आरोप लगाया है - जिसमें 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर, डेब्ट फ्यूएलड बिजनेस है. उन्होंने कहा कि इंसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनीपुलेशन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
पवन खेड़ा ने कहा कि एसबीआई और अन्य भारतीय बैंकों ने अडाणी समूह को ऋण दिया है. अडाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. जो समूह के कुल कर्ज का 38 फीसदी है. उसमें से, निजी बैंकों का जोखिम कुल समूह ऋण के 8 फीसदी है. जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30 फीसदी है.
पवन खेड़ा ने बताया कि चीनी कारोबारी चांग चुंग-लिंग गुडामी इंटरनेशनल नाम की एक संस्था चलाता है (या चलाता था). हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि गुडामी इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड को अडाणी समूह के रत्नों के कथित परिपत्र व्यापार में सरकारी धोखाधड़ी की जांच के हिस्से के रूप में पहचाना गया था. और चांग चुंग-लिंग और विनोद अडाणी के सिंगापुर के घर का पता एक ही है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक महत्वपूर्ण मामला है, न केवल शेयरधारकों के लिए बल्कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी.
खेड़ा ने कहा कि 'हमारे नेता राहुल गांधी जी जब सूट बूट की सरकार, हम दो, हमारे दो और अब मित्र काल की बात करते हैं, तो वो किसी विशेष उद्योगपति की बात नहीं करते. वे उस सिस्टम की बात करते हैं जो इस सरकार ने अपने चुनिंदा मित्रों को देश की मूल्यवान संपत्ति को लूटने के लिए इजात किया है.'
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(आईएएनएस)