नई दिल्ली : कांग्रेस जी-23 नेताओं की जम्मू में चल रही बैठक मामले में बात करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस में सबसे अच्छा योगदान आपस में किसी भी तरीके का टकराव न करना है. बल्कि, हमें उन पांच राज्यों में चल रहे विभिन्न अभियानों के बारे में सोचना चाहिए, जहां कांग्रेस चुनाव लड़ रही है.
पार्टी के भीतर चीजों को सामान्य करने के प्रयास में उन्होंने कहा कि उन लोगों में से प्रत्येक वरिष्ठ हैं और हमारी पार्टी के उच्च सम्मानित सदस्य हैं. हमें उन्हें अपनी पार्टी में रखने पर गर्व है और मुझे विश्वास है कि वे भी कांग्रेस के सदस्यों पर उतना ही गर्व करते हैं. वे इस कांग्रेस परिवार का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी कहता हूं वह इन नेताओं के सम्मान में और हमारी पारंपरिक विरासत के संबंध में है. जो पिछले चार दशकों में कांग्रेस और उनके बीच रहा है. सिंघवी ने गुलाम नबी आजाद के योगदान और कांग्रेस पार्टी के भीतर उनकी राजनीतिक यात्रा को याद करते हुए कहा कि आजाद साहब ने कभी शिकायत नहीं की है.
कहा कि अन्य लोगों ने 'इस्तेमाल' शब्द का प्रयोग किया था. जिन लोगों ने इस शब्द का इस्तेमाल किया था वे ज्ञान की कमी के कारण किया. वे कांग्रेस के समकालीन इतिहास के बारे में नहीं जानते हैं. हमें गर्व है कि वे एक सफल मुख्यमंत्री रहे. इंदिरा गांधी के कार्यकाल के बाद से वह 3 दशकों से अधिक समय तक केंद्रीय मंत्री रहे हैं. वे पूरी कांग्रेस पार्टी के महासचिव प्रभारी रह चुके हैं.
इससे पहले एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी के दिग्गज गुलाम नबी आजाद को संसद से सेवानिवृत्त होने की अनुमति देने के फैसले से वे दुखी हुए. उन्होंने कांग्रेस के लिए अपने अनुभव का बेहतर उपयोग किया. उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर होते देख रहे हैं. इसीलिए हम यहां एकत्र हुए हैं. हम पहले भी इकट्ठे हुए थे और हमें एक साथ पार्टी को मजबूत करना है.
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कांग्रेस समर्थक तेहसेन पूनावाला ने वीडियो जारी कर टिप्पणी की है. कहा कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद साहब, आनंद शर्मा से मेरा सवाल है कि वे हमेशा सत्ता में रहे हैं. उन्होंने लोकतांत्रिक संगठनात्मक चुनावों और संगठन को मजबूत करने के लिए क्या किया है? पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, तो क्या सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान देना जरूरी था? ये नेता चार साल से चुनाव प्रचार क्यों नहीं कर रहे हैं?