नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लिया, जिसमें सबसे पुराने विपक्षी दल ने केंद्र के समक्ष जम्मू-कश्मीर के लिए पांच मांगें उठाईं. इसमें जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना और वहां चुनाव कराना भी शामिल है. कांग्रेस ने भरोसा जताया कि केंद्र जल्द ही उनकी मांगों को मान लेगा.
वहीं बैठक को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि अलग-अलग पार्टियों ने पीएम के सामने अपनी मांगे रखीं. हमने भी बैठक में 5 मांगें रखीं- राज्य का दर्जा जल्द दें, लोकतंत्र बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव कराएं, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और अधिवास नियमों पर भी बात की गई.
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है. सभी नेताओं ने की पूर्ण राज्य की मांग. इसके अलावा गृहमंत्री ने हमें परिसीमन के के बाद चुनाव करवाने का आश्वासन भी दिया है, मैं बैठक के संतुष्ठ हूं और मुझे खुशी होगी कि सरकार जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करेगी और चुनाव करवाएगी.
बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद ने ईटीवी भारत से कहा है कि आज हमने पीएम मोदी के सामने पांच मांगों पर बाद की इनमें राज्य का दर्जा जल्द दें, लोकतंत्र बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव कराएं, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और अधिवास नियम शामिल हैं.
इन पांचों बिन्दु पर सरकार का रुख सकारात्मक है. हमें उम्मीद है कि सरकार उन पर गौर करेगी और उनको लागू करेगी.
उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर कहा कि बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पीएम के सामने बात रखी है, जो भी सुविधाएं 370 के तहत राज्य को दी गई थीं. उन सभी की मांग की गई है.
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने बैठक में जल्द से जल्द परिसीमन करवाने की बात कही है, हालांकि उन्होंने इसकी समय सीमा नहीं बताई. वहीं सरकार की ओर से मिले आश्वासन को लेकर कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार ने जो भी कमिटमेंट दिए है, वो उन पर खरे उतरेंगे.
पढ़ें - जम्मू-कश्मीर के नेताओं को चुनाव के आश्वासन के साथ पीएम की सर्वदलीय बैठक समाप्त
तारा चंद के अलावा बैठक में भाग लेने वाले कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि क्योंकि बातचीत के लिए पहले से कोई एजेंडा तय नहीं किया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री कदम उठाया है इसलिए हम बैठक में शामिल हुए और अपने नजरिया पेश किया.