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कांग्रेस अध्यक्ष ने सांसदों के निलंबन को बताया 'लोकतंत्र का निलंबन'

congress president kharge on suspension of MPs : कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र का निलंबन बताया है. उन्होंने कहा कि हमलोग तो सिर्फ गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे थे, इसमें किसी को क्या हर्ज हो सकता है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 14, 2023, 6:35 PM IST

Updated : Dec 14, 2023, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि संसद की सुरक्षा में चूक विषय पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग करने वाले 14 विपक्षी सांसदों का निलंबन लोकतंत्र का निलंबन है. उन्होंने सवाल किया कि क्या संसद की सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करना अपराध है ? लोकसभा में कुल 13 सदस्यों और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है.

लोकसभा में कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस, द्रमुक की कनिमोई और एस आर प्रतिबन, माकपा के एस वेंकटेशन और पी आर नटराजन तथा भाकपा के के. सु्ब्बारायन का निलंबन हुआ है.

  • Having endangered National Security and the safety of the temple of our Democracy — the Parliament, the BJP is now shooting the messenger.

    The suspension of 15 opposition MPs from the Parliament because they wanted a discussion on the grave security breach is SUSPENSION OF…

    — Mallikarjun Kharge (@kharge) December 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खड़गे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र के मंदिर संसद की सुरक्षा को खतरे में डालने के बाद भाजपा अब आवाज उठाने वाले पर ही वार कर रही है। 14 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करना लोकतंत्र का निलंबन है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका अपराध क्या है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री से सदन में बयान देने का आग्रह करना अपराध है? क्या खतरनाक सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा कराना अपराध है? क्या यह तानाशाही के उस पहलू को रेखांकित नहीं करता, जो वर्तमान व्यवस्था की पहचान है ?’’

ये भी पढ़ें : निलंबन के बाद विपक्षी सांसदों ने दिया धरना, बोले- जो सदन में उपस्थित नहीं थे, उनका निलंबन कैसे हो गया ?

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि संसद की सुरक्षा में चूक विषय पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग करने वाले 14 विपक्षी सांसदों का निलंबन लोकतंत्र का निलंबन है. उन्होंने सवाल किया कि क्या संसद की सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करना अपराध है ? लोकसभा में कुल 13 सदस्यों और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है.

लोकसभा में कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस, द्रमुक की कनिमोई और एस आर प्रतिबन, माकपा के एस वेंकटेशन और पी आर नटराजन तथा भाकपा के के. सु्ब्बारायन का निलंबन हुआ है.

  • Having endangered National Security and the safety of the temple of our Democracy — the Parliament, the BJP is now shooting the messenger.

    The suspension of 15 opposition MPs from the Parliament because they wanted a discussion on the grave security breach is SUSPENSION OF…

    — Mallikarjun Kharge (@kharge) December 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खड़गे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र के मंदिर संसद की सुरक्षा को खतरे में डालने के बाद भाजपा अब आवाज उठाने वाले पर ही वार कर रही है। 14 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करना लोकतंत्र का निलंबन है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका अपराध क्या है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री से सदन में बयान देने का आग्रह करना अपराध है? क्या खतरनाक सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा कराना अपराध है? क्या यह तानाशाही के उस पहलू को रेखांकित नहीं करता, जो वर्तमान व्यवस्था की पहचान है ?’’

ये भी पढ़ें : निलंबन के बाद विपक्षी सांसदों ने दिया धरना, बोले- जो सदन में उपस्थित नहीं थे, उनका निलंबन कैसे हो गया ?

Last Updated : Dec 14, 2023, 7:34 PM IST
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