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काग्रेस अध्यक्ष चुनाव : सोनिया-राहुल यूपी से वोटर, मनमोहन-प्रियंका दिल्ली से पीसीसी डेलीगेट

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress President Election 2022) के लिए वोटरों की लिस्ट केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने सोनिया गांधी को सौंप दी है. नौ हजार वोटर वाली इस लिस्ट में सोनिया और राहुल का नाम यूपी से है, जबकि मनमोहन सिंह और प्रियंका वाड्रा दिल्ली से पीसीसी के डेलीगेट में शामिल हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Mistry handed over high tech identity card to sonia
सोनिया को सौंपा आईडी कार्ड
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Published : Sep 27, 2022, 4:48 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को है. कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी (Congress chief Sonia Gandhi) और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (former party president Rahul Gandhi) ने अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश से खुद को पीसीसी प्रतिनिधियों के रूप में पंजीकृत किया है, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली से पंजीकरण कराया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

  • .@INCIndia is only party with a well-established process to elect it’s President,which is free & transparent. Today, Chairman of our Central Election Authority, @MD_Mistry, presented to Smt.Sonia Gandhi the final list of delegates of electoral college & her QR coded voter ID card pic.twitter.com/DrPAdtE9fD

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पहली बार हाईटेक पहचानपत्र का इस्तेमाल : केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 9000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधियों की पूरी सूची सौंपी, जो अगले पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे. मिस्त्री ने पीसीसी प्रतिनिधि के रूप में सोनिया गांधी को पहला क्यूआर कोड-आधारित पहचान पत्र भी सौंपा (Mistry handed over high tech identity card to sonia). अगले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और किसी भी प्रतिनिधि द्वारा डुप्लिकेट पहचान पत्र के उपयोग की किसी भी संभावना को कम करने के लिए पार्टी की ओर से पहली बार हाई-टेक पहचान पत्र का उपयोग किया जा रहा है.

एक दिलचस्प घटनाक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पार्टी के शीर्ष पद के लिए उम्मीदवारी के विवाद के बीच, AICC के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल (Pawan Bansal took congress president form) ने CEC कार्यालय से दो फॉर्म एकत्र लिए, जिससे उनके नाम को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई.

सोनिया कथित तौर पर राजस्थान के गहलोत खेमे के हालिया विद्रोह से नाराज हैं, जहां 90 से अधिक विधायकों ने रविवार को आलाकमान द्वारा चुने गए सीएम उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार कर दिया. इसकी वजह से कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी को अगले पार्टी प्रमुख के रूप में गहलोत की जगह नए उम्मीदवारों की तलाश के लिए मजबूर होना पड़ा.

एआईसीसी कोषाध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने इस बात से इनकार किया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में थे. उन्होंने कहा कि किसी अन्य उपयोग के लिए फॉर्म एकत्र किए थे, संभवतः कुछ नेताओं के लिए जो एक निश्चित उम्मीदवार के प्रस्तावक हो सकते हैं.

बंसल 2020 में वयोवृद्ध अहमद पटेल की मृत्यु के बाद कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं. 1998 में सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद पटेल उनके करीबी सहयोगी थे. पटेल को पार्टी के वित्त के प्रबंधन का प्रमुख प्रभार दिया गया था. कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के चुनाव का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि देश भर में भारत जोड़ी यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कथित तौर पर अपना पर्चा दाखिल करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस कुर्सी पर गांधी परिवार के अलावा कोई चुनकर आएगा.

केरल से पार्टी के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने इस पद पर दावेदारी का फैसला किया था, जिसके बाद गहलोत को महत्वपूर्ण मुकाबले में आगे बढ़ने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी का साथ मिला था. थरूर पहले ही कह चुके हैं कि वह अगले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के अंतिम दिन 30 सितंबर को अपना पर्चा दाखिल करेंगे. पवन बंसल के नाम की चर्चा के बीच, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि एआईसीसी कोषाध्यक्ष जो पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं लेकिन उन्होंने गहलोत की तरह बड़े राज्य का नेतृत्व नहीं किया है. गहलोत तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं. वह कई राज्यों के प्रभारी भी रहे हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि ऐसे में एक बड़े राज्य के व्यक्ति को गहलोत की जगह संभावित बदलाव के रूप में आलाकमान से वरीयता मिलनी चाहिए. बंसल के अलावा जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही है उनमें मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे और कमलनाथ हैं, जिन्होंने सोमवार को सोनिया से मुलाकात की थी. राहुल की यात्रा के समन्वयक दिग्विजय सिंह ने कथित तौर पर अपने समर्थकों से कहा है कि नामांकन के अंतिम दिन 30 सितंबर तक इंतजार करें, काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा.

पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष पद की जंग में नया मोड़, शशि थरूर के अलावा पवन बंसल ने भी लिया फॉर्म

पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा? 10 जनपथ पर सोनिया गांधी से की मुलाकात

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को है. कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी (Congress chief Sonia Gandhi) और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (former party president Rahul Gandhi) ने अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश से खुद को पीसीसी प्रतिनिधियों के रूप में पंजीकृत किया है, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली से पंजीकरण कराया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

  • .@INCIndia is only party with a well-established process to elect it’s President,which is free & transparent. Today, Chairman of our Central Election Authority, @MD_Mistry, presented to Smt.Sonia Gandhi the final list of delegates of electoral college & her QR coded voter ID card pic.twitter.com/DrPAdtE9fD

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पहली बार हाईटेक पहचानपत्र का इस्तेमाल : केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 9000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधियों की पूरी सूची सौंपी, जो अगले पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे. मिस्त्री ने पीसीसी प्रतिनिधि के रूप में सोनिया गांधी को पहला क्यूआर कोड-आधारित पहचान पत्र भी सौंपा (Mistry handed over high tech identity card to sonia). अगले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और किसी भी प्रतिनिधि द्वारा डुप्लिकेट पहचान पत्र के उपयोग की किसी भी संभावना को कम करने के लिए पार्टी की ओर से पहली बार हाई-टेक पहचान पत्र का उपयोग किया जा रहा है.

एक दिलचस्प घटनाक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पार्टी के शीर्ष पद के लिए उम्मीदवारी के विवाद के बीच, AICC के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल (Pawan Bansal took congress president form) ने CEC कार्यालय से दो फॉर्म एकत्र लिए, जिससे उनके नाम को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई.

सोनिया कथित तौर पर राजस्थान के गहलोत खेमे के हालिया विद्रोह से नाराज हैं, जहां 90 से अधिक विधायकों ने रविवार को आलाकमान द्वारा चुने गए सीएम उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार कर दिया. इसकी वजह से कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी को अगले पार्टी प्रमुख के रूप में गहलोत की जगह नए उम्मीदवारों की तलाश के लिए मजबूर होना पड़ा.

एआईसीसी कोषाध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने इस बात से इनकार किया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में थे. उन्होंने कहा कि किसी अन्य उपयोग के लिए फॉर्म एकत्र किए थे, संभवतः कुछ नेताओं के लिए जो एक निश्चित उम्मीदवार के प्रस्तावक हो सकते हैं.

बंसल 2020 में वयोवृद्ध अहमद पटेल की मृत्यु के बाद कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं. 1998 में सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद पटेल उनके करीबी सहयोगी थे. पटेल को पार्टी के वित्त के प्रबंधन का प्रमुख प्रभार दिया गया था. कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के चुनाव का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि देश भर में भारत जोड़ी यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कथित तौर पर अपना पर्चा दाखिल करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस कुर्सी पर गांधी परिवार के अलावा कोई चुनकर आएगा.

केरल से पार्टी के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने इस पद पर दावेदारी का फैसला किया था, जिसके बाद गहलोत को महत्वपूर्ण मुकाबले में आगे बढ़ने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी का साथ मिला था. थरूर पहले ही कह चुके हैं कि वह अगले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के अंतिम दिन 30 सितंबर को अपना पर्चा दाखिल करेंगे. पवन बंसल के नाम की चर्चा के बीच, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि एआईसीसी कोषाध्यक्ष जो पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं लेकिन उन्होंने गहलोत की तरह बड़े राज्य का नेतृत्व नहीं किया है. गहलोत तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं. वह कई राज्यों के प्रभारी भी रहे हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि ऐसे में एक बड़े राज्य के व्यक्ति को गहलोत की जगह संभावित बदलाव के रूप में आलाकमान से वरीयता मिलनी चाहिए. बंसल के अलावा जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही है उनमें मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे और कमलनाथ हैं, जिन्होंने सोमवार को सोनिया से मुलाकात की थी. राहुल की यात्रा के समन्वयक दिग्विजय सिंह ने कथित तौर पर अपने समर्थकों से कहा है कि नामांकन के अंतिम दिन 30 सितंबर तक इंतजार करें, काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा.

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