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Adani Issue : अडाणी समूह के नियंत्रण में देश के 13 बंदरगाह, ये केंद्र की रियायती समझौतों का हिस्सा : कांग्रेस

देश के बंदरगाह क्षेत्र में अडाणी समूह के निवेश को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress general secretary Jairam Ramesh) ने केंद्र की रियायती समझौतों का हिस्सा करार दिया. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि हवाईअड्डों की तरह, सरकार ने बंदरगाह क्षेत्र में भी अडाणी को सभी साधनों का उपयोग करके सुविधा प्रदान की है.

Congress general secretary Jairam Ramesh
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
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Published : Feb 11, 2023, 10:48 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress general secretary Jairam Ramesh) ने शनिवार को देश के बंदरगाह क्षेत्र में अडाणी समूह के निवेश को तेजी से बढ़ता एकाधिकार करार दिया है. उन्होंने इसे केंद्र की रियायती समझौतों का हिस्सा बताया है. कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि अडाणी समूह आज 13 बंदरगाहों और टर्मिनलों को नियंत्रित करता है जो भारत की बंदरगाहों की क्षमता के 30 फीसदी और कुल कंटेनर मात्रा के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं. पार्टी ने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 के बाद से इस विकास पथ में तेजी आई है.

गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह के अलावा, साल 2015 में धामरा पोर्ट, ओडिशा, 2018 में कट्टुपल्ली पोर्ट, तमिलनाडु, 2020 में कृष्णापटनम पोर्ट, आंध्र प्रदेश, 2021 में गंगावरम पोर्ट, आंध्र प्रदेश और 2021 दिघी पोर्ट, महाराष्ट्र पर भी नियंत्रण कर लिया. उन्होंने कहा की ये स्पष्ट रणनीति है : गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा भारत के 'गैर-प्रमुख बंदरगाहों' से विदेशी कार्गो यातायात का 93 फीसदी हिस्सा हैं. कृष्णापट्टनम और गंगावरम दक्षिण में सबसे बड़े निजी बंदरगाह हैं. इसके बाद अडाणी समूह ने 2025 तक अपनी बाजार हिस्सेदारी को 40 फीसदी तक बढ़ाने के अपने लक्ष्य की घोषणा भी की है और कहा है कि और भी अधिक बंदरगाहों का अधिग्रहण करने के लिए प्रयासरत है.

जयराम ने इसे लेकर सवाल करते हुए कहा, 'क्या आप अपने पसंदीदा व्यवसाय समूह द्वारा प्रत्येक महत्वपूर्ण निजी बंदरगाह के अधिग्रहण की निगरानी करना चाहते हैं या क्या अन्य निजी फर्मो के लिए कोई जगह है जो निवेश करना चाहती हैं? क्या यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से विवेकपूर्ण है कि एक ऐसी फर्म के लिए जो मनी लॉन्ड्रिंग और राउंड-ट्रिपिंग के गंभीर आरोपों का सामना करती है, उसको बंदरगाहों जैसे रणनीतिक क्षेत्र पर हावी होने की अनुमति दी जाए?'

कांग्रेस नेता ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि हवाईअड्डों की तरह, सरकार ने बंदरगाह क्षेत्र में भी अडाणी को सभी साधनों का उपयोग करके सुविधा प्रदान की है. सरकारी रियायतों वाले बंदरगाहों को बिना किसी बोली के अडाणी समूह को बेच दिया गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि आयकर छापे ने कृष्णपट्टनम पोर्ट के पिछले मालिक को अडाणी समूह के हाथों बेचने के लिए 'मनाने' में मदद की है. क्या संपत्तियों का यह हस्तांतरण बंदरगाहों के लिए मॉडल रियायत समझौते का उल्लंघन कर किया गया है? क्या अडानी के व्यावसायिक हितों को समायोजित करने के लिए रियायती समझौतों को बदल दिया गया है?

ये भी पढ़ें - LIC On Adani Group: एलआईसी के चेयरमैन का बड़ा बयान, अडाणी में निवेश की कोई तत्काल योजना नहीं

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress general secretary Jairam Ramesh) ने शनिवार को देश के बंदरगाह क्षेत्र में अडाणी समूह के निवेश को तेजी से बढ़ता एकाधिकार करार दिया है. उन्होंने इसे केंद्र की रियायती समझौतों का हिस्सा बताया है. कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि अडाणी समूह आज 13 बंदरगाहों और टर्मिनलों को नियंत्रित करता है जो भारत की बंदरगाहों की क्षमता के 30 फीसदी और कुल कंटेनर मात्रा के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं. पार्टी ने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 के बाद से इस विकास पथ में तेजी आई है.

गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह के अलावा, साल 2015 में धामरा पोर्ट, ओडिशा, 2018 में कट्टुपल्ली पोर्ट, तमिलनाडु, 2020 में कृष्णापटनम पोर्ट, आंध्र प्रदेश, 2021 में गंगावरम पोर्ट, आंध्र प्रदेश और 2021 दिघी पोर्ट, महाराष्ट्र पर भी नियंत्रण कर लिया. उन्होंने कहा की ये स्पष्ट रणनीति है : गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा भारत के 'गैर-प्रमुख बंदरगाहों' से विदेशी कार्गो यातायात का 93 फीसदी हिस्सा हैं. कृष्णापट्टनम और गंगावरम दक्षिण में सबसे बड़े निजी बंदरगाह हैं. इसके बाद अडाणी समूह ने 2025 तक अपनी बाजार हिस्सेदारी को 40 फीसदी तक बढ़ाने के अपने लक्ष्य की घोषणा भी की है और कहा है कि और भी अधिक बंदरगाहों का अधिग्रहण करने के लिए प्रयासरत है.

जयराम ने इसे लेकर सवाल करते हुए कहा, 'क्या आप अपने पसंदीदा व्यवसाय समूह द्वारा प्रत्येक महत्वपूर्ण निजी बंदरगाह के अधिग्रहण की निगरानी करना चाहते हैं या क्या अन्य निजी फर्मो के लिए कोई जगह है जो निवेश करना चाहती हैं? क्या यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से विवेकपूर्ण है कि एक ऐसी फर्म के लिए जो मनी लॉन्ड्रिंग और राउंड-ट्रिपिंग के गंभीर आरोपों का सामना करती है, उसको बंदरगाहों जैसे रणनीतिक क्षेत्र पर हावी होने की अनुमति दी जाए?'

कांग्रेस नेता ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि हवाईअड्डों की तरह, सरकार ने बंदरगाह क्षेत्र में भी अडाणी को सभी साधनों का उपयोग करके सुविधा प्रदान की है. सरकारी रियायतों वाले बंदरगाहों को बिना किसी बोली के अडाणी समूह को बेच दिया गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि आयकर छापे ने कृष्णपट्टनम पोर्ट के पिछले मालिक को अडाणी समूह के हाथों बेचने के लिए 'मनाने' में मदद की है. क्या संपत्तियों का यह हस्तांतरण बंदरगाहों के लिए मॉडल रियायत समझौते का उल्लंघन कर किया गया है? क्या अडानी के व्यावसायिक हितों को समायोजित करने के लिए रियायती समझौतों को बदल दिया गया है?

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(आईएएनएस)

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