नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनावी राज्य तेलंगाना में ओबीसी समुदाय को लुभाने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम शुरू करने वाली है. साथ ही पार्टी इस समुदाय से महत्वपूर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की भी योजना बना रही है. बता दें कि कुल मतदाताओं का करीब 52 प्रतिशत ओबीसी वोटर है. इतना ही नहीं कांग्रेस अक्टूबर में होने वाले कम्युनिटी कनेक्ट ड्राइव को लॉन्च करने के लिए पार्टी के तीन ओबीसी मुख्यमंत्रियों के सिद्धारमैया, राजस्थान से अशोक गहलोत के अलावा छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल को आमंत्रित करने की भी योजना बना रही है.
इस संबंध में तेलंगाना के कांग्रेस प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे ने बताया कि हम ओबीसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो राज्य मेंं कुल मतदाता का 52 प्रतिशत हैं. उन्होंने कहा कि हम उस समुदाय से जुड़ने के लिए एक अभियान की योजना बना रहे हैं जिसमें हम अपने मुख्यमंत्रियों को देखने की उम्मीद करते हैं. कांग्रेस के रणनीतिकारों के अनुसार, सिद्धारमैया 10 अक्टूबर के आसपास ओबीसी आउटरीच शुरू करने जा रहे हैं क्योंकि उनका कर्नाटक में काफी प्रभाव है और वे पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी मतदाताओं को लुभा सकते हैं.
ठाकरे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कर्नाटक में हमारे प्रदर्शन का असर तेलंगाना पर भी पड़ेगा. हमारी नेता सोनिया गांधी ने यहां मतदाताओं से छह वादे किए हैं और सिद्धारमैया की उपस्थिति यह दिखाएगी कि कांग्रेस अपने वादों को पूरा करती है. उन्होंने कहा कि पार्टी में इन ओबीसी नेताओं के महत्वपूर्ण पदों को प्रदर्शित करने के अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बताने के लिए गहलोत और बघेल को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, दक्षिणी राज्य की कुल 119 सीटों में से एसटी/एसटी समुदायों के लिए 31 आरक्षित सीटें हैं.
वहीं ओबीसी नेताओं की मांग है कि प्रतिद्वंद्वियों बीआरएस और बीजेपी को मात देने के लिए उन्हें लगभग 34 सीटें दी जानी चाहिए. ठाकरे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम ओबीसी को भी टिकट देंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि मैं नहीं कह सकता कि कितने, लेकिन निश्चित रूप से यह हमारे प्रतिद्वंद्वियों से अधिक होंगे.इसी कड़ी में अगले महीने सामुदायिक पहुंच बढ़ाने के लिए पार्टी के द्वारा महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए अलग-अलग चार्टर की तर्ज पर ओबीसी के लिए एक चार्टर भी लॉन्च किया जा सकता है.
एआईसीसी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार दक्षिणी राज्य में ओबीसी पर ध्यान न केवल उस राष्ट्रीय फोकस का हिस्सा है जो राहुल गांधी ने समुदाय पर बनाए रखा है, बल्कि यह एक संदेश भी देना है कि कांग्रेस पार्टी केवल ऊपरी लोगों द्वारा नहीं चलती है. तेलंगाना में रेड्डी जाति राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कुछ समय पहले इस आशय की एक रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपी गई थी, जिसमें कहा गया था कि 80 से अधिक ओबीसी उम्मीदवारों ने 50 हजार रुपये का शुल्क जमा करने के बाद टिकट के लिए आवेदन किया है.
वहीं ओबीसी नेताओं का कहना है कि वह ओबीसी के लिए 34 विधानसभा सीटें और प्रति लोकसभा क्षेत्र में कम से कम दो सीटें मांग रहे हैं. उनका कहना है कि हम आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हैं और इसलिए हमें पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. इसी कड़ी में तेलंगाना कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एम अंजन कुमार यादव ने बताया कि टिकट मिला तो इस बार हमारे प्रत्याशी जीतेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे नेता मधु याशकी गौड़ और महेश कुमार गौड़ पार्टी अध्यक्ष खड़गे जी के समक्ष हमारी मांगें रखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.
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