ETV Bharat / bharat

डीएपी के बागियों को शामिल कर आजाद को संदेश देना चाहती है कांग्रेस - डीएपी

कांग्रेस, गुलाम नबी आजाद की पार्टी के बागियों को शामिल करने की तैयारी में है (Congress plans gharwapsi of DAP rebels). शुक्रवार को 100 से ज्यादा पूर्व कांग्रेसी पार्टी में वापसी कर सकते हैं. जाहिर है कांग्रेस इसके जरिए आजाद को संदेश देने की कोशिश कर रही है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Congress
कांग्रेस
author img

By

Published : Jan 5, 2023, 6:00 PM IST

नई दिल्ली : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के 20 जनवरी को यूटी जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले कांग्रेस, गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की पार्टी पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की योजना बना रही है.

सूत्रों के अनुसार, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री मनोहर लाल, पूर्व विधायक बलवंत सिंह सहित 100 से अधिक पूर्व कांग्रेस नेताओं के शुक्रवार को सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने की उम्मीद है (Congress plans gharwapsi of DAP rebels). इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी थी जब आजाद ने अगस्त में कांग्रेस छोड़ने के बाद अपनी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) बनाई थी.

आजाद ने सबसे पुरानी पार्टी में विभिन्न समस्याओं के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराया था, इसके बाद उन्हें अलग पार्टी बनानी पड़ी थी. इनमें से अधिकांश नेता डीएपी के संस्थापक सदस्य हैं, लेकिन हाल ही में सार्वजनिक रूप से राहुल की यात्रा की प्रशंसा करने के बाद उन्हें आजाद ने निष्कासित कर दिया था.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हां, अब तक डीएपी के 26 नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. तारा चंद सहित और के शामिल होने की उम्मीद है.'

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, डीएपी के बागियों की घरवापसी और यात्रा में उनकी भागीदारी आज़ाद के लिए एक करारा जवाब होगी, जिनके बारे में कई लोगों का मानना ​​है कि उन्होंने भाजपा के इशारे पर सबसे पुरानी पार्टी को धोखा दिया था.

हालांकि कांग्रेस ने हाल ही में इन खबरों का खंडन किया था कि वह आजाद को वापस लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन पार्टी के एक वर्ग का मानना ​​है कि डीएपी में सेंध लगाने से गुलाम नबी को ग्रैंड ओल्ड पार्टी में लौटने पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

हाल ही में राहुल गांधी ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी थी जब उनसे आजाद के कांग्रेस में लौटने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया था. राहुल ने कहा, 'मैं क्या कहूं... उसने मुझे भ्रमित भी कर दिया है... कभी अंदर है, कभी बाहर है.'

यात्रा का जम्मू-कश्मीर चरण 20 जनवरी से शुरू होगा और कांग्रेस के लिए ये महत्वपूर्ण है क्योंकि राहुल 30 जनवरी को श्रीनगर में भारतीय ध्वज फहराकर देशव्यापी पैदल मार्च समाप्त करेंगे. यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महात्मा गांधी का शहीदी दिवस है. तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 7 सितंबर को यात्रा शुरू करने से पहले, राहुल ने 5 सितंबर को अहमदाबाद में साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी का आशीर्वाद लिया था.

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने कहा है कि यात्रा में शामिल होने के लिए किसी का भी स्वागत है और उसने नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को आमंत्रित किया है, आजाद को ऐसा कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया है. यात्रा शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होगी और 6 जनवरी को हरियाणा में फिर से प्रवेश करेगी. राहुल पानीपत में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे.

शुक्रवार को कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश को एक स्थानीय रिपोर्टर के सवालों का जवाब देने में मुश्किल हुई, जो जानना चाहते थे कि पार्टी कश्मीर में यात्रा क्यों समाप्त कर रही है.

उन्होंने कहा कि 'ऐसा इसलिए है क्योंकि हम कंधार या काशगर नहीं जा सकते हैं.' रमेश, जो स्पष्ट रूप से चिढ़ गए थे उन्होंने कहा 'मैं आपको भारत का नक्शा भेजूंगा. तब आप पता लगा सकते हैं कि हम कश्मीर में यात्रा क्यों समाप्त कर रहे हैं.' रमेश ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य चुनाव जीतना नहीं है बल्कि भाजपा के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ना है.

पढ़ें- जयराम रमेश ने भारत जोड़ो यात्रा का पेश किया ब्यौरा, बोले- यह कोई इवेंट नही, मूवमेंट हैं, जो चलता रहेगा

नई दिल्ली : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के 20 जनवरी को यूटी जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले कांग्रेस, गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की पार्टी पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की योजना बना रही है.

सूत्रों के अनुसार, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री मनोहर लाल, पूर्व विधायक बलवंत सिंह सहित 100 से अधिक पूर्व कांग्रेस नेताओं के शुक्रवार को सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने की उम्मीद है (Congress plans gharwapsi of DAP rebels). इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी थी जब आजाद ने अगस्त में कांग्रेस छोड़ने के बाद अपनी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) बनाई थी.

आजाद ने सबसे पुरानी पार्टी में विभिन्न समस्याओं के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराया था, इसके बाद उन्हें अलग पार्टी बनानी पड़ी थी. इनमें से अधिकांश नेता डीएपी के संस्थापक सदस्य हैं, लेकिन हाल ही में सार्वजनिक रूप से राहुल की यात्रा की प्रशंसा करने के बाद उन्हें आजाद ने निष्कासित कर दिया था.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हां, अब तक डीएपी के 26 नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. तारा चंद सहित और के शामिल होने की उम्मीद है.'

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, डीएपी के बागियों की घरवापसी और यात्रा में उनकी भागीदारी आज़ाद के लिए एक करारा जवाब होगी, जिनके बारे में कई लोगों का मानना ​​है कि उन्होंने भाजपा के इशारे पर सबसे पुरानी पार्टी को धोखा दिया था.

हालांकि कांग्रेस ने हाल ही में इन खबरों का खंडन किया था कि वह आजाद को वापस लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन पार्टी के एक वर्ग का मानना ​​है कि डीएपी में सेंध लगाने से गुलाम नबी को ग्रैंड ओल्ड पार्टी में लौटने पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

हाल ही में राहुल गांधी ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी थी जब उनसे आजाद के कांग्रेस में लौटने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया था. राहुल ने कहा, 'मैं क्या कहूं... उसने मुझे भ्रमित भी कर दिया है... कभी अंदर है, कभी बाहर है.'

यात्रा का जम्मू-कश्मीर चरण 20 जनवरी से शुरू होगा और कांग्रेस के लिए ये महत्वपूर्ण है क्योंकि राहुल 30 जनवरी को श्रीनगर में भारतीय ध्वज फहराकर देशव्यापी पैदल मार्च समाप्त करेंगे. यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महात्मा गांधी का शहीदी दिवस है. तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 7 सितंबर को यात्रा शुरू करने से पहले, राहुल ने 5 सितंबर को अहमदाबाद में साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी का आशीर्वाद लिया था.

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने कहा है कि यात्रा में शामिल होने के लिए किसी का भी स्वागत है और उसने नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को आमंत्रित किया है, आजाद को ऐसा कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया है. यात्रा शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होगी और 6 जनवरी को हरियाणा में फिर से प्रवेश करेगी. राहुल पानीपत में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे.

शुक्रवार को कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश को एक स्थानीय रिपोर्टर के सवालों का जवाब देने में मुश्किल हुई, जो जानना चाहते थे कि पार्टी कश्मीर में यात्रा क्यों समाप्त कर रही है.

उन्होंने कहा कि 'ऐसा इसलिए है क्योंकि हम कंधार या काशगर नहीं जा सकते हैं.' रमेश, जो स्पष्ट रूप से चिढ़ गए थे उन्होंने कहा 'मैं आपको भारत का नक्शा भेजूंगा. तब आप पता लगा सकते हैं कि हम कश्मीर में यात्रा क्यों समाप्त कर रहे हैं.' रमेश ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य चुनाव जीतना नहीं है बल्कि भाजपा के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ना है.

पढ़ें- जयराम रमेश ने भारत जोड़ो यात्रा का पेश किया ब्यौरा, बोले- यह कोई इवेंट नही, मूवमेंट हैं, जो चलता रहेगा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.