अहमदाबाद : गुजरात भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल (C R Patil) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी अप्रैल में चरम पर रहने के दौरान सूरत में भाजपा कार्यालय से रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय में कांग्रेस नेता परेश धनानी द्वारा दायर जनहित याचिका के पीछे 'राजनीतिक द्वेष और रंज' था.
दवा की कोई जमाखोरी नहीं की गई
अदालत (Court) में जवाब के रूप में दाखिल हलफनामे में पाटिल ने दावा किया कि दक्षिण गुजरात के सूरत और नवसारी में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) उपलब्ध कराना सक्षम प्राधिकारों के दिशानिर्देशों के अनुरूप किया गया तथा भाजपा कार्यालय या अन्य स्थान पर दवा की कोई जमाखोरी नहीं की गई, जैसा कि जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है. भाजपा नेता ने विपक्षी नेता धनानी द्वारा दायर पीआईएल का जवाब देते हुए ये बातें कहीं.
याचिका में नवसारी से सांसद पाटिल और भाजपा विधायक हर्ष सांघवी द्वारा सूरत तथा नवसारी में जरूरतमंदों के लिए रेमेडेसिविर इंजेक्शन की जमाखोरी करने और उसका वितरण करने को गैरकानूनी बताते हुए चुनौती दी गई है. पाटिल ने हलफनामे में कहा, 'मौजूदा याचिका राजनीतिक द्वेष और रंज को लेकर प्रतिवादी संख्या तीन और चार (पाटिल और सांघवी) तथा भाजपा के खिलाफ दायर की गई, क्योंकि याचिकाकर्ता और उनकी पार्टी गुजरात में (भगवा पार्टी की) प्रतिद्वंद्वी है.
कानून का उल्लंघन
यह विषय छह जुलाई को मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बिरेन वैष्णव की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा. धनानी ने अपनी याचिका में कहा है कि पाटिल और सांघवी द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण गैरकानूनी था तथा यह ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, फार्मेसी एक्ट और ड्रग्स कंट्रोल एक्ट सहित अन्य कानूनों का उल्लंघन करता है.
(पीटीआई-भाषा)
इसे भी पढ़ें : रेमडेसिविर मुद्दे पर पाटिल बोले, कांग्रेस की धमकियों से नहीं डरते
इसे भी पढ़ें : गुजरात : भाजपा कार्यालय से बांटी जा रही कोरोना वैक्सीन पर राजनीति गरमाई, पार्टी विधायक ने दिया जवाब