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कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन कितना अहम, छत्तीसगढ़ की राजनीति पर कितना होगा असर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है. यह अधिवेशन दो फरवरी से चार फरवरी तक चलेगा. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इस अधिवेशन में कांग्रेस का महामंथन होगा. इसके अलावा साल 2023 में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस लिहाज से भी कांग्रेस का यह राष्ट्रीय अधिवेशन खास हो जाता है.

Congress National Convention in Raipur
कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन कितना अहम
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Published : Dec 7, 2022, 9:40 PM IST

रायपुर: कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ में होने जा रहा है. जो कि अगले साल 2 फरवरी से 4 फरवरी तक रायपुर में होगा. इस अधिवेशन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे सहित देशभर से कांग्रेसी नेता शिकरत करेंगे. एक अनुमान के मुताबिक इस अधिवेशन में लगभग 10 हजार कांग्रेसी नेता पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल होंगे.

कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन कितना अहम

देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की होगी समीक्षा: कांग्रेस के रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में भारत की मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की समीक्षा होगी. इसके साथ ही अगले लोकसभा चुनाव से पहले नए विचारों पर चर्चा की जाएगी. रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में साल 2024 में दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भी यह अधिवेशन काफी अहम होगा. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि यह राष्ट्रीय अधिवेशन कांग्रेस के लिए कितना अहम है साथ ही छत्तीसगढ़ की राजनीति को इसका कितना लाभ मिलेगा.

"कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में कई प्रस्ताव होंगे पारित": कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में कई अहम प्रस्ताव पारित होंगे. इस अधिवेशन के बारे में बताते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि" इस अधिवेशन में राजनीतिक,आर्थिक और सामाजिक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.वहीं विदेश नीति पर भी चर्चा की जाएगी. इसे लेकर न ही प्रदेश को बल्कि पड़ोसी राज्य को बल्कि देश को भी फायदा होगा. साथ ही 2024 में दिल्ली का रास्ता रायपुर से निकलने को लेकर बघेल ने कहा 2024 में दिल्ली का रास्ता रायपुर अधिवेशन से निकलेगा."



"50 के दशक के बाद पहली बार हो रहा कांग्रेस का अधिवेशन": वही अधिवेशन को लेकर कृषि मंत्री रवि चौबे ने कहा कि "केवल छत्तीसगढ़ कांग्रेस को फायदा का सवाल नहीं है बल्कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महा अधिवेशन छत्तीसगढ़ में होने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इसके पहले 50 के दशक में पंडित जवाहरलाल नेहरू रायपुर आए थे उसके बाद यह दूसरा अधिवेशन हो रहा है. जो हम कांग्रेस के लोग सक्रिय हैं. उनके लिए यह सौभाग्य की बात है"

ये भी पढ़ें: पायलट को जवाबः अधिवेशन में सीएम गहलोत बोले- इस बार कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी

कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन पर क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार: इस पूरे मामले को लेकर राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "इसके पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय रायपुर में यह अधिवेशन हुआ था. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे. उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे. और अब दूसरी बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में होने जा रहा है. रामअवतार तिवारी ने कहा कि अधिवेशन के बाद ही चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी.अधिवेशन में चुनावी रणनीति तैयार की जाएगी. देश के कई राज्यों में हार के बाद कांग्रेस किस तरह जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को मंत्र देगी ,जनता को क्या राहत भरा संदेश देगी, इन सभी मुद्दों पर इस अधिवेशन में चर्चा की जाएगी . इस अधिवेशन के दौरान कांग्रेसी अपने काम का भी आंकलन करेंगे कि देश में उनकी क्या स्थिति है और उसके सामने क्या चुनौतियां हैं. इन सभी विषयों पर इस अधिवेशन में विस्तार से चर्चा की जाएगी"

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 पर पड़ेगा असर: राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का इस अधिवेशन पर कहना है कि" यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ के लिए काफी फायदेमंद होगा. क्योंकि इस अधिवेशन में देश भर के राष्ट्रीय नेता जुटेंगे. उनके अनुभव और राजनीतिक सोच का फायदा मिलेगा. छत्तीसगढ़ की तासीर और यहां के काम को अच्छी तरह से राष्ट्रीय नेता देख सकेंगे साथ ही यहां के नेताओं की देशभर के राष्ट्रीय नेताओं के साथ भेंट मुलाकात होगी. उसका लाभ भी प्रदेश को मिलेगा. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर इस अधिवेशन में रणनीति तैयार की जाएगी और कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. आगामी चुनाव को लेकर इस अधिवेशन में रोडमैप तैयार किया जाएगा प्रदेश में कांग्रेस की क्या भूमिका रहेगी और राष्ट्रीय स्तर पर उसकी क्या भूमिका रहेगी. इस अधिवेशन के बाद जो राजनीति बनेगी उसका वक्तव्य भी कांग्रेस की ओर से जारी किया जाएगा जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है"


सीएम भूपेश बघेल पिछली बार हुए अधिवेशन में पीसीसी चीफ के तौर पर शामिल हुए थे. साल 2018 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का 84वां अधिवेशन नई दिल्ली में आयोजित हुआ था. मार्च के महीने में हुए उस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 261 पीसीसी डेलिगेट और 49 एआईसीसी डेलिगेट दिल्ली गए थे. तब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल थे. संयोग है कि अब उन्हें और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को इस अधिवेशन की मेजबानी करने का मौका मिलेगा.

रायपुर: कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ में होने जा रहा है. जो कि अगले साल 2 फरवरी से 4 फरवरी तक रायपुर में होगा. इस अधिवेशन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे सहित देशभर से कांग्रेसी नेता शिकरत करेंगे. एक अनुमान के मुताबिक इस अधिवेशन में लगभग 10 हजार कांग्रेसी नेता पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल होंगे.

कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन कितना अहम

देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की होगी समीक्षा: कांग्रेस के रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में भारत की मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की समीक्षा होगी. इसके साथ ही अगले लोकसभा चुनाव से पहले नए विचारों पर चर्चा की जाएगी. रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में साल 2024 में दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भी यह अधिवेशन काफी अहम होगा. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि यह राष्ट्रीय अधिवेशन कांग्रेस के लिए कितना अहम है साथ ही छत्तीसगढ़ की राजनीति को इसका कितना लाभ मिलेगा.

"कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में कई प्रस्ताव होंगे पारित": कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में कई अहम प्रस्ताव पारित होंगे. इस अधिवेशन के बारे में बताते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि" इस अधिवेशन में राजनीतिक,आर्थिक और सामाजिक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.वहीं विदेश नीति पर भी चर्चा की जाएगी. इसे लेकर न ही प्रदेश को बल्कि पड़ोसी राज्य को बल्कि देश को भी फायदा होगा. साथ ही 2024 में दिल्ली का रास्ता रायपुर से निकलने को लेकर बघेल ने कहा 2024 में दिल्ली का रास्ता रायपुर अधिवेशन से निकलेगा."



"50 के दशक के बाद पहली बार हो रहा कांग्रेस का अधिवेशन": वही अधिवेशन को लेकर कृषि मंत्री रवि चौबे ने कहा कि "केवल छत्तीसगढ़ कांग्रेस को फायदा का सवाल नहीं है बल्कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महा अधिवेशन छत्तीसगढ़ में होने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इसके पहले 50 के दशक में पंडित जवाहरलाल नेहरू रायपुर आए थे उसके बाद यह दूसरा अधिवेशन हो रहा है. जो हम कांग्रेस के लोग सक्रिय हैं. उनके लिए यह सौभाग्य की बात है"

ये भी पढ़ें: पायलट को जवाबः अधिवेशन में सीएम गहलोत बोले- इस बार कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी

कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन पर क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार: इस पूरे मामले को लेकर राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "इसके पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय रायपुर में यह अधिवेशन हुआ था. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे. उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे. और अब दूसरी बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में होने जा रहा है. रामअवतार तिवारी ने कहा कि अधिवेशन के बाद ही चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी.अधिवेशन में चुनावी रणनीति तैयार की जाएगी. देश के कई राज्यों में हार के बाद कांग्रेस किस तरह जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को मंत्र देगी ,जनता को क्या राहत भरा संदेश देगी, इन सभी मुद्दों पर इस अधिवेशन में चर्चा की जाएगी . इस अधिवेशन के दौरान कांग्रेसी अपने काम का भी आंकलन करेंगे कि देश में उनकी क्या स्थिति है और उसके सामने क्या चुनौतियां हैं. इन सभी विषयों पर इस अधिवेशन में विस्तार से चर्चा की जाएगी"

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 पर पड़ेगा असर: राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का इस अधिवेशन पर कहना है कि" यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ के लिए काफी फायदेमंद होगा. क्योंकि इस अधिवेशन में देश भर के राष्ट्रीय नेता जुटेंगे. उनके अनुभव और राजनीतिक सोच का फायदा मिलेगा. छत्तीसगढ़ की तासीर और यहां के काम को अच्छी तरह से राष्ट्रीय नेता देख सकेंगे साथ ही यहां के नेताओं की देशभर के राष्ट्रीय नेताओं के साथ भेंट मुलाकात होगी. उसका लाभ भी प्रदेश को मिलेगा. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर इस अधिवेशन में रणनीति तैयार की जाएगी और कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. आगामी चुनाव को लेकर इस अधिवेशन में रोडमैप तैयार किया जाएगा प्रदेश में कांग्रेस की क्या भूमिका रहेगी और राष्ट्रीय स्तर पर उसकी क्या भूमिका रहेगी. इस अधिवेशन के बाद जो राजनीति बनेगी उसका वक्तव्य भी कांग्रेस की ओर से जारी किया जाएगा जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है"


सीएम भूपेश बघेल पिछली बार हुए अधिवेशन में पीसीसी चीफ के तौर पर शामिल हुए थे. साल 2018 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का 84वां अधिवेशन नई दिल्ली में आयोजित हुआ था. मार्च के महीने में हुए उस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 261 पीसीसी डेलिगेट और 49 एआईसीसी डेलिगेट दिल्ली गए थे. तब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल थे. संयोग है कि अब उन्हें और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को इस अधिवेशन की मेजबानी करने का मौका मिलेगा.

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