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जानवरों, पेड़ों की गणना होती है तो ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं : कांग्रेस सांसद - अन्य पिछड़ा वर्गों

राज्य सभा में कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने ओबीसी जनगणना पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यदि जानवरों और पेड़ों की भी गणना करा सकती है तो, ओबीसी की क्यों नहीं?

कांग्रेस सांसद राजीव सातव
कांग्रेस सांसद राजीव सातव
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Published : Mar 19, 2021, 3:43 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने शुक्रवार को अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) की जनगणना में हो रही देरी का मुद्दा उठाया. राज्यसभा सदस्य ने सरकार पर यह कहते हुए तंज कसा कि वह यदि जानवरों और पेड़ों की भी गणना करा सकती है तो, ओबीसी की क्यों नहीं?

ओबीसी जनगणना पर प्रश्न

शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए कांग्रेस के राजीव सातव ने सरकार से जल्द से जल्द ओबीसी जनगणना करने की मांग करने की. उन्होंने कहा कि लंबे समय से ओबीसी जनगणना की मांग हो रही है और भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे ने भी मजबूती से इस मांग को लोकसभा में कई बार उठाया था.

उन्होंने कहा, सरकार जब जानवरों की गणना कर सकती है, पेड़ों की गणना कर सकती है तो समाज के इस महत्वपूर्ण घटक ओबीसी की क्यों नहीं? इस बारे में सरकार ने 2018 में आश्वस्त किया था.

पढ़ें- आक्रोशित हुईं ममता, कहा- बंगाल में नहीं चाहिए दुर्योधन, दु:शासन और मीर जाफर...

वर्ष 2019 में भी सरकार ने कहा था कि हम जनगणना की दिशा में जा रहे हैं. अभी देखा गया कि उसमें ओबीसी का कॉलम हटा दिया गया है. सातव ने कहा कि ओबीसी को सही लाभ देना है तो, उनकी जनगणना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जनगणना होगी तभी सही मायनों में पता चल पाएगा कि उन्हें सरकारी योजनाओं और नीतियों का कितना लाभ मिल रहा है और नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, इसलिए ओबीसी की जनगणना के बारे में सरकार को तुरंत सोचना चाहिए.

नई दिल्ली : राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने शुक्रवार को अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) की जनगणना में हो रही देरी का मुद्दा उठाया. राज्यसभा सदस्य ने सरकार पर यह कहते हुए तंज कसा कि वह यदि जानवरों और पेड़ों की भी गणना करा सकती है तो, ओबीसी की क्यों नहीं?

ओबीसी जनगणना पर प्रश्न

शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए कांग्रेस के राजीव सातव ने सरकार से जल्द से जल्द ओबीसी जनगणना करने की मांग करने की. उन्होंने कहा कि लंबे समय से ओबीसी जनगणना की मांग हो रही है और भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे ने भी मजबूती से इस मांग को लोकसभा में कई बार उठाया था.

उन्होंने कहा, सरकार जब जानवरों की गणना कर सकती है, पेड़ों की गणना कर सकती है तो समाज के इस महत्वपूर्ण घटक ओबीसी की क्यों नहीं? इस बारे में सरकार ने 2018 में आश्वस्त किया था.

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वर्ष 2019 में भी सरकार ने कहा था कि हम जनगणना की दिशा में जा रहे हैं. अभी देखा गया कि उसमें ओबीसी का कॉलम हटा दिया गया है. सातव ने कहा कि ओबीसी को सही लाभ देना है तो, उनकी जनगणना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जनगणना होगी तभी सही मायनों में पता चल पाएगा कि उन्हें सरकारी योजनाओं और नीतियों का कितना लाभ मिल रहा है और नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, इसलिए ओबीसी की जनगणना के बारे में सरकार को तुरंत सोचना चाहिए.

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