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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की मांग, उम्रकैद में बदली जाए राजोआना की मौत की सजा - Former Punjab CM Assassination

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड (Former Punjab CM Assassination) के दोषी को रिहा नहीं करने के लिए की अपील कांग्रेस पार्टी ने की है. अब इसके एक दिन बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाना चाहिए.

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Published : Apr 20, 2022, 2:56 PM IST

Updated : Apr 20, 2022, 3:05 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी (Former Union Minister Manish Tewari) ने कहा कि बलवंत सिंह राजोआना 26 साल से जेल में हैं. यह उनकी सजा को कम करने और धारा 432 सीआरपीसी (सजा को निलंबित या हटाने की शक्ति) के तहत रिहा करने का समय है. तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि सीआरपीसी की धारा 432 के तहत उन्हें जेल से रिहा करें. कैद को आपराधिक न्यायशास्त्र के सुधार पर आधारित होना चाहिए, न कि प्रतिशोध पर.

मंगलवार को कांग्रेस सांसद और बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल द्वारा राजोआना की शीघ्र रिहाई की मांग का मुद्दा उठाया था. कहा था कि उन्हें क्षमादान देने से एक बहुत ही गलत संदेश जाएगा और देश के दुश्मन को मजबूती मिलेगी. तिवारी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आतंक के शिकार होने के नाते मैं अपने सहयोगी रवनीत बिट्टू की पीड़ा को समझता हूं, लेकिन एक वकील और पंजाब के सांसद के रूप में यह मेरा विचार है कि एस बलवंत सिंह राजोआना 26 साल जेल में रहे हैं. अब उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए और धारा 432 सीआरपीसी के तहत आदेश पारित कर उन्हें रिहा कर दिया जाए.

यह भी पढ़ें- मुंबई हाईकोर्ट की न्यायाधीश साधना जाधव ने एल्गार मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया

इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने मांग की थी कि 2007 से मौत की सजा काट रहे राजोआना को अनुकंपा के आधार पर रिहा किया जाए. बादल ने प्रधानमंत्री से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया था. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पंजाब में राजनीतिक दल राजोआना की रिहाई के मुद्दे पर बहस कर रहे हैं.

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी (Former Union Minister Manish Tewari) ने कहा कि बलवंत सिंह राजोआना 26 साल से जेल में हैं. यह उनकी सजा को कम करने और धारा 432 सीआरपीसी (सजा को निलंबित या हटाने की शक्ति) के तहत रिहा करने का समय है. तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि सीआरपीसी की धारा 432 के तहत उन्हें जेल से रिहा करें. कैद को आपराधिक न्यायशास्त्र के सुधार पर आधारित होना चाहिए, न कि प्रतिशोध पर.

मंगलवार को कांग्रेस सांसद और बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल द्वारा राजोआना की शीघ्र रिहाई की मांग का मुद्दा उठाया था. कहा था कि उन्हें क्षमादान देने से एक बहुत ही गलत संदेश जाएगा और देश के दुश्मन को मजबूती मिलेगी. तिवारी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आतंक के शिकार होने के नाते मैं अपने सहयोगी रवनीत बिट्टू की पीड़ा को समझता हूं, लेकिन एक वकील और पंजाब के सांसद के रूप में यह मेरा विचार है कि एस बलवंत सिंह राजोआना 26 साल जेल में रहे हैं. अब उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए और धारा 432 सीआरपीसी के तहत आदेश पारित कर उन्हें रिहा कर दिया जाए.

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इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने मांग की थी कि 2007 से मौत की सजा काट रहे राजोआना को अनुकंपा के आधार पर रिहा किया जाए. बादल ने प्रधानमंत्री से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया था. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पंजाब में राजनीतिक दल राजोआना की रिहाई के मुद्दे पर बहस कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 20, 2022, 3:05 PM IST

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