गैरसैंण: भराड़ीसैंण में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के सभी विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया. बता दें कि कांग्रेस विधायक तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने किसानों के गन्ना समर्थन मूल्य और भुगतान को लेकर विधानसभा के आगे प्रदर्शन किया था. मामले को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. हालात ऐसे रहे कि हंगामे के कारण पूरे दिन में सदन की कार्यवाही को 7 बार स्थगित करना पड़ा.
कांग्रेस विधायकों को किया गया निलंबित: विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए कांग्रेस के सभी विधायकों को एक दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेसी विधायकों को सदन की कार्यवाही से एक दिन के लिए निलंबित किया गया हो. दरअसल, विपक्षी दल के विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. यही नहीं, कागज के गोले बनाकर पीठ की तरफ फेंके. इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया.
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विधानसभा अध्यक्ष की ओर फेंके कागज के गोले: बता दें कि, विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सुबह विपक्षी दल कांग्रेस ने सबसे पहले गन्ना समर्थन मूल्य को लेकर विधानसभा की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. इसके बाद सदन के भीतर भी विपक्षी दल ने गन्ना समर्थन मूल्य के मुद्दे को उठाया. प्रश्नकाल के बाद विपक्ष ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया. इसी मामले को लेकर विपक्षी विधायक सदन के भीतर हंगामा करते रहे. सदन के भीतर जसपुर से विधायक आदेश चौहान के मामले में विशेषाधिकार हनन का विषय सामने आया था, जिस पर चर्चा की जा रही थी. असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया. इसी बीच, कांग्रेस विधायकों ने कागज के गोले बनाकर विधानसभा अध्यक्ष की ओर फेंके, जिससे नाराज होकर अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्षी दल को पूरे दिन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया और सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
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क्या है जसपुर विधायक से जुड़ा मामला: दरअसल, जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान के मामले को विपक्ष ने सदन के भीतर विशेषाधिकार हनन में उठाया था, और इसके लेकर उधमसिंह नगर के एसएसपी को हटाने की मांग की थी, लेकिन सदन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को विचलन में होने की बात कही, जिसपर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गई. आपको बता दें कि विधायक आदेश चौहान से जुड़ा यह पुराना मामला है, जिसमें एक व्यक्ति की विधायक से कहासुनी हो जाती है और विधायक का गनर उस व्यक्ति को बाहर कर देता है. कांग्रेस का आरोप है कि इस घटना के बाद न सिर्फ इस गनर को हटा दिया जाता है बल्कि विधायक के खिलाफ क्रॉस एफआईआर भी कर दी जाती है. हालांकि, इस पूरे मामले को कांग्रेस द्वारा पिछले सदन में भी लाया गया था, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर 7 दिन में जांच की गई थी, जिससे संतुष्ट न होकर विपक्ष ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन भी इस मुद्दे को उठाया.
निलंबन के बाद भी सदन में जारी रहा कांग्रेसियों का हंगामा: हालांकि, निलंबित होने से नाराज कांग्रेस विधायक सदन से बाहर ही नहीं निकले और उधमसिंह नगर के एसएसपी को हटाने की मांग करते हुए अपने प्रदर्शन को सदन के भीतर डटे रहे. वहीं, दोपहर 3 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा जारी रहा. बसपा और निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस को समर्थन दिया. वो भी कांग्रेस विधायकों के साथ वेल पर आ गए. इस हंगामे के बीच भी सदन की कार्यवाही जारी रही और संसदीय कार्यमंत्री प्रस्ताव पढ़ते रहे. हालांकि, हंगामा ज्यादा बढ़ने पर स्पीकर ने कुछ देर के लिए सदन स्थगित किया. इस बीच कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने गुस्से में सदन का माइक तोड़ दिया.
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थोड़ी देर बार कार्यवाही फिर से जारी हुई और ये फैसला लिया गया कि हंगामे से इतर एक तरफा निर्णय लिए जाएंगे. निलंबन के बाद भी सदन में मौजूद कांग्रेस के विधायकों की मौजूदगी को नजरअंदाज किया जाएगा. कुल मिलाकर कहें तो विपक्ष के शोर-शराबे के बीच भी दोपहर 3 बजे के बाद की कार्यवाही को बगैर विपक्ष के ही संचालित माना जाएगा.