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राजस्थान : कांग्रेस में फिर से बगावती सुर, विधायक बोले- नहीं सुनी बात तो इस्तीफा - विधायक रमेश मीणा

राजस्थान कांग्रेस के विधायक अपनी ही सरकार से खफा नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक रमेश मीणा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं. रमेश मीणा पायलट खेमे के विधायक माने जाते हैं.

रमेश मीणा
रमेश मीणा
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Published : Mar 12, 2021, 4:16 PM IST

जयपुर : एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस सरकार में आंतरिक कलह खुलकर सामने आने लगी है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस के मौजूदा विधायक रमेश मीणा ने प्रदेश सरकार में एससी, एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों की सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया है. यह भी कहा है कि इस मामले में उन्होंने राहुल गांधी से समय मांगा है यदि समय मिलने और अपनी बात रखने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होती तो, फिर इस्तीफा देने में भी वे देर नहीं लगाएंगे.

मुझे मंत्री पद की लालसा नहीं

पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने साफ कर दिया कि उन्हें मंत्री पद कि कोई लालसा नहीं है और ना ही वह मंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना चाहता हूं और जो कोई कमी या खामी है और जो कुछ लोग मनमानी कर रहे हैं उन पर अंकुश लगना चाहिए.

रमेश मीणा ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.

बजट पर उठाया सवाल

पूर्व मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने गहलोत सरकार के अब तक के बजट पर भी सवाल उठाया और बयानों में यह तक कह दिया कि पिछले तीनों बजट को देख ले की ये बजट कहां गया है. सब कुछ पता चल जाएगा.

रमेश मीणा ने कहा जिन वर्गों के कारण प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने कम से कम सरकार उन वर्गों के जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें और उनकी सुनवाई करें, लेकिन उन्हीं के साथ मंत्री भेदभाव करते हैं. इस दौरान रमेश मीणा ने कुछ विधायकों द्वारा सदन में उठाए गए वक्तव्य के उदाहरण भी दिए.

एससी-एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों की उपेक्षा क्यों

रमेश मीणा इस बात से भी नाराज थे कि विधानसभा में भी इन वर्गों के विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही. वहीं मंत्रियों के स्तर पर तो हालत और भी खराब है. रमेश मीणा ने कुछ मंत्रियों का उदाहरण देते हुए यह तक कह कि जब सम्मान ही नहीं मिलेगा, तो जनता में क्या मैसेज आएगा और आखिर इन वर्गों के विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव क्यों किया जा रहा है.

हम सब कांग्रेस के विधायक

रमेश मीणा ने यह भी कहा क्या आप हमें गहलोत और पायलट के खेमे ना बांटे, क्योंकि गहलोत-पायलट सहित हम सब कांग्रेस के विधायक हैं.

विधायकों को लैपटॉप ब्रीफकेस देने पर आपत्ति

रमेश मीणा ने मौजूदा बजट सत्र के दौरान विधायकों को सरकार द्वारा लैपटॉप और ब्रीफकेस देने पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने यह तक कह दिया कि सदन के 20% सदस्य यानी 20% विधायकों को भी ढंग से लैपटॉप चलाना नहीं आता. गौरतलब है कि रमेश मीणा पूर्व में गहलोत सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और वो सचिन पायलट खेमे से आने वाले विधायक हैं.

जयपुर : एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस सरकार में आंतरिक कलह खुलकर सामने आने लगी है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस के मौजूदा विधायक रमेश मीणा ने प्रदेश सरकार में एससी, एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों की सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया है. यह भी कहा है कि इस मामले में उन्होंने राहुल गांधी से समय मांगा है यदि समय मिलने और अपनी बात रखने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होती तो, फिर इस्तीफा देने में भी वे देर नहीं लगाएंगे.

मुझे मंत्री पद की लालसा नहीं

पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने साफ कर दिया कि उन्हें मंत्री पद कि कोई लालसा नहीं है और ना ही वह मंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना चाहता हूं और जो कोई कमी या खामी है और जो कुछ लोग मनमानी कर रहे हैं उन पर अंकुश लगना चाहिए.

रमेश मीणा ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.

बजट पर उठाया सवाल

पूर्व मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने गहलोत सरकार के अब तक के बजट पर भी सवाल उठाया और बयानों में यह तक कह दिया कि पिछले तीनों बजट को देख ले की ये बजट कहां गया है. सब कुछ पता चल जाएगा.

रमेश मीणा ने कहा जिन वर्गों के कारण प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने कम से कम सरकार उन वर्गों के जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें और उनकी सुनवाई करें, लेकिन उन्हीं के साथ मंत्री भेदभाव करते हैं. इस दौरान रमेश मीणा ने कुछ विधायकों द्वारा सदन में उठाए गए वक्तव्य के उदाहरण भी दिए.

एससी-एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों की उपेक्षा क्यों

रमेश मीणा इस बात से भी नाराज थे कि विधानसभा में भी इन वर्गों के विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही. वहीं मंत्रियों के स्तर पर तो हालत और भी खराब है. रमेश मीणा ने कुछ मंत्रियों का उदाहरण देते हुए यह तक कह कि जब सम्मान ही नहीं मिलेगा, तो जनता में क्या मैसेज आएगा और आखिर इन वर्गों के विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव क्यों किया जा रहा है.

हम सब कांग्रेस के विधायक

रमेश मीणा ने यह भी कहा क्या आप हमें गहलोत और पायलट के खेमे ना बांटे, क्योंकि गहलोत-पायलट सहित हम सब कांग्रेस के विधायक हैं.

विधायकों को लैपटॉप ब्रीफकेस देने पर आपत्ति

रमेश मीणा ने मौजूदा बजट सत्र के दौरान विधायकों को सरकार द्वारा लैपटॉप और ब्रीफकेस देने पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने यह तक कह दिया कि सदन के 20% सदस्य यानी 20% विधायकों को भी ढंग से लैपटॉप चलाना नहीं आता. गौरतलब है कि रमेश मीणा पूर्व में गहलोत सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और वो सचिन पायलट खेमे से आने वाले विधायक हैं.

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