ETV Bharat / bharat

2024 Lok Sabha Elections: यूपी में बसपा के वोटों को लुभाने खड़गे को मैदान में उतार सकती है कांग्रेस - reserved parliamentary seat in Uttar Pradesh

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बसपा के वोटों को लुभाने के लिए यूपी से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) को मैदान में उतार सकती है. खड़गे को इटावा या बाराबंकी की किसी सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया जा सकता है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Congress president Mallikarjun Kharge
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2023, 3:50 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित वोटों को लुभाने के लिए सबसे अधिक सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की एक आरक्षित संसदीय सीट से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) को मैदान में उतार सकती है. पार्टी इसको लेकर योजना बना रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार दलित नेता खड़गे राज्य के पश्चिमी (इटावा) या पूर्वी (बाराबंकी) हिस्से की किसी सुरक्षित सीट से मैदान में उतरा जा सकता है.

कांग्रेस का पार्टी अध्यक्ष को चुनाव में खड़ा करने का मतलब यूपी में बसपा समर्थकों को लुभाना है. चूंकि मायावती विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल होने की इच्छुक नहीं हैंं साथ ही 2024 के लोकसभा चुनावों में वह ज्यादा प्रभाव भी नहीं डाल सकती हैं. क्योंकि उनकी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन किया था. इसके अलावा इंडिया के बैनर तले राज्य में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के एक साथ आने से सहयोग दल अतिरिक्त वोटों के साथ चुनाव को खड़गे के पक्ष में मोड़ देंगे.

इस बारे में वरिष्ठ सपा नेता राजाराम पाल ने बताया कि अगर कांग्रेस खड़गे जी को मैदान में उतारती है तो यह निश्चित रूप से न केवल राज्य में बल्कि बाहर भी बसपा समर्थकों के बीच एक मजबूत संदेश जाएगा. क्योंकि उनका पूरे देश में राजनीति में सम्मान है. कांग्रेस में दशकों बिताने के बाद 2022 में सपा में शामिल हुए पाल ने कहा कि 2024 का राष्ट्रीय चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के बारे में नहीं बल्कि संविधान को बचाने के बारे में है.

उन्होंने कहा कि मैं गांवों में लोगों से मिलता रहता हूं. मुझे लगता है कि इस बार उनमें प्रधानमंत्री चुनने की बजाय संविधान की रक्षा के प्रति अधिक जागरूकता है. पाल के मुताबिक विपक्षी सहयोगियों को यूपी में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस, सपा और रालोद मिलकर राज्य में 80 लोकसभा सीटों में से अधिकांश पर कब्जा करेंगे. पाल ने कहा कि सपा राज्य में प्रमुख विपक्षी दल है और भाजपा को हराने के लिए अपना योगदान दे रही है. हम कांग्रेस को उतनी सीटें देंगे जितनी उन्हें जीत का भरोसा होगा. जहां भी जरूरत होगी हम कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने में मदद करेंगे.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस बात को लेकर गर्व कर रही है कि उसने एक दलित को चुना जो पिछले साल पार्टी के शीर्ष पद पर पहुंचा है. तभी से कांग्रेस अपने पारंपरिक दलित मतदाताओं को फिर से हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और देश भर में आरक्षित संसदीय सीटों पर एक विशेष नेतृत्व विकास कार्यक्रम चला रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख और पूर्व बसपा नेता बृजलाल खाबरी को पिछले साल मायावती के समर्थन आधार को लुभाने की योजना के तहत लाया गया था. खाबरी ने बातचीत में बताया कि बेशक, दलित मतदाता एक नए भूमिका की तलाश में हैं और कांग्रेस वह भूमिका निभा सकती है.

उन्होंने कहा कि लोकसभा उम्मीदवार के रूप में खड़गे जी निश्चित रूप से समुदाय में एक मजबूत संदेश देंगे. बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव सपा और बसपा ने मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ा था. तब बसपा ने 10 सीटें तो सपा को 5 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट थी. हालांकि, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट और कांग्रेस दो सीट जीत सकी, जबकि सपा ने 111 सीटें जीतीं.

ये भी पढ़ें - INDIA Bloc Coordination Committee : 'इंडिया' समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस ने यूपी में 20 और बिहार 10 सीटें मांगने की योजना बनाई

नई दिल्ली : कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित वोटों को लुभाने के लिए सबसे अधिक सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की एक आरक्षित संसदीय सीट से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) को मैदान में उतार सकती है. पार्टी इसको लेकर योजना बना रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार दलित नेता खड़गे राज्य के पश्चिमी (इटावा) या पूर्वी (बाराबंकी) हिस्से की किसी सुरक्षित सीट से मैदान में उतरा जा सकता है.

कांग्रेस का पार्टी अध्यक्ष को चुनाव में खड़ा करने का मतलब यूपी में बसपा समर्थकों को लुभाना है. चूंकि मायावती विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल होने की इच्छुक नहीं हैंं साथ ही 2024 के लोकसभा चुनावों में वह ज्यादा प्रभाव भी नहीं डाल सकती हैं. क्योंकि उनकी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन किया था. इसके अलावा इंडिया के बैनर तले राज्य में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के एक साथ आने से सहयोग दल अतिरिक्त वोटों के साथ चुनाव को खड़गे के पक्ष में मोड़ देंगे.

इस बारे में वरिष्ठ सपा नेता राजाराम पाल ने बताया कि अगर कांग्रेस खड़गे जी को मैदान में उतारती है तो यह निश्चित रूप से न केवल राज्य में बल्कि बाहर भी बसपा समर्थकों के बीच एक मजबूत संदेश जाएगा. क्योंकि उनका पूरे देश में राजनीति में सम्मान है. कांग्रेस में दशकों बिताने के बाद 2022 में सपा में शामिल हुए पाल ने कहा कि 2024 का राष्ट्रीय चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के बारे में नहीं बल्कि संविधान को बचाने के बारे में है.

उन्होंने कहा कि मैं गांवों में लोगों से मिलता रहता हूं. मुझे लगता है कि इस बार उनमें प्रधानमंत्री चुनने की बजाय संविधान की रक्षा के प्रति अधिक जागरूकता है. पाल के मुताबिक विपक्षी सहयोगियों को यूपी में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस, सपा और रालोद मिलकर राज्य में 80 लोकसभा सीटों में से अधिकांश पर कब्जा करेंगे. पाल ने कहा कि सपा राज्य में प्रमुख विपक्षी दल है और भाजपा को हराने के लिए अपना योगदान दे रही है. हम कांग्रेस को उतनी सीटें देंगे जितनी उन्हें जीत का भरोसा होगा. जहां भी जरूरत होगी हम कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने में मदद करेंगे.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस बात को लेकर गर्व कर रही है कि उसने एक दलित को चुना जो पिछले साल पार्टी के शीर्ष पद पर पहुंचा है. तभी से कांग्रेस अपने पारंपरिक दलित मतदाताओं को फिर से हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और देश भर में आरक्षित संसदीय सीटों पर एक विशेष नेतृत्व विकास कार्यक्रम चला रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख और पूर्व बसपा नेता बृजलाल खाबरी को पिछले साल मायावती के समर्थन आधार को लुभाने की योजना के तहत लाया गया था. खाबरी ने बातचीत में बताया कि बेशक, दलित मतदाता एक नए भूमिका की तलाश में हैं और कांग्रेस वह भूमिका निभा सकती है.

उन्होंने कहा कि लोकसभा उम्मीदवार के रूप में खड़गे जी निश्चित रूप से समुदाय में एक मजबूत संदेश देंगे. बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव सपा और बसपा ने मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ा था. तब बसपा ने 10 सीटें तो सपा को 5 सीटें मिलीं. वहीं कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट थी. हालांकि, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट और कांग्रेस दो सीट जीत सकी, जबकि सपा ने 111 सीटें जीतीं.

ये भी पढ़ें - INDIA Bloc Coordination Committee : 'इंडिया' समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस ने यूपी में 20 और बिहार 10 सीटें मांगने की योजना बनाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.