नई दिल्ली : पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद कपिल सिब्बल के बयान कांग्रेस में घमासान मचा है. कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के नेतृत्व में परिवर्तन की मांग थी, जबकि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश को नामंजूर कर दिया गया था. अब कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कपिल सिब्बल जोरदार जवाबी हमला बोला है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कपिल सिब्बल कहां के नेता हैं, मुझे पता नहीं है. कांग्रेस पार्टी के कारण उन्हें हमेशा लाभ मिला. जब चीजें अच्छी थीं तब वह यूपीए सरकार में मंत्री थे. अब जब यूपीए सत्ता में नहीं है तो उन्हें बुरा लग रहा है. कपिल सिब्बल को मिसाल कायम करनी चाहिए कि कांग्रेस के समर्थन के बिना भी वह कुछ कर सकते हैं, अपनी विचारधारा के लिए खुद लड़ सकते हैं, नहीं तो सिर्फ एसी रूम में बैठकर इंटरव्यू देने का क्या मतलब है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि G23 को सत्ता से बाहर रहने की आदत नहीं है, इसलिए वे आलोचना करते हुए खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे नहीं पता कि कपिल सिब्बल का कितना जनाधार है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कपिल सिब्बल की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल भले ही एक अच्छे वकील हों लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के अच्छे नेता नहीं हैं. वह कभी किसी गांव में कांग्रेस के लिए काम करने नहीं गए. अब वह जानबूझकर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. मगर उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि सोनिया गांधी या कांग्रेस पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता है.
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह 'कांग्रेस की एबीसीडी' को नहीं जानते हैं. वह एक बाहरी व्यक्ति हैं, जिन्हें पार्टी की ओर से सब कुछ दिया गया था.
बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा था कि गांधी परिवार को पार्टी का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए. कांग्रेस में नेतृत्व का मौका अब किसी और को मिलना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर ख्याली दुनिया में जीने का तंज कसा था. उन्होंने कहा था, मैं सबकी कांग्रेस चाहता हूं, जबकि कुछ लोग घर की कांग्रेस चाहते हैं.
गौरतलब है कि बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास पर बुधवार को कांग्रेस के जी-23 ग्रुप के नेताओं की बैठक भी होने वाली है. इस बैठक में कई ऐसे कांग्रेस को नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो इस समूह का हिस्सा नहीं है, लेकिन वे महसूस करते हैं कि पार्टी में बदलाव जरूरी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली इस समूह से खुद को अलग कर चुके हैं. इसके दो अन्य सदस्य जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं.
जी-23 की ओर होने वाले राजनीतिक हमलों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव हारने वाले पांच प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा मांग लिया है. नवजोत सिंह सिद्धू अपना इस्तीफा केंद्रीय आलाकमान को भेज भी चुके हैं.
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