बेंगलुरु : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव और पूर्व मंत्री एचके पाटिल ने विधान सभा में विशेष बहस के दौरान दावा किया कि 2016 और 2018 के बीच 19 लाख से अधिक ईवीएम गायब हो गए थे. इसका संज्ञान लेते हुए कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के बारे में विधायकों द्वारा उठाए गए संदेह का जवाब देने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसी) के अधिकारियों को तलब करेंगे. साथ ही मैंने आरोप लगाने वाले सदस्य से भी स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने किस आधार यह आरोप लगाया. यह स्पष्ट होने के बाद ही मैं चुनाव आयोग को एक पत्र लिखूंगा.
विधानसभा में चुनावी सुधारों पर विशेष बहस के दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव एचके पाटिल ने दावा किया कि 2016 और 2018 के बीच 19 लाख से अधिक ईवीएम गायब हो गए थे. विधानसभा में चुनावी सुधार पर बहस के दौरान सभी सदस्यों ने व्यवस्था में भ्रष्टाचार और चुनावी अनियमितताओं पर अपने विचार व्यक्त किए. लेकिन कांग्रेसी एच के पाटिल ने चुनावी सुधार पर बहस शुरू की उनका कहना है कि व्यवस्था को बदलने की जरूरत है.
कुछ दिन पहले पांच राज्यों के चुनाव हुए थे. लोगों ने एक पार्टी को बड़ा समर्थन दिया है. उन्होंने कैबिनेट भी बनाया जिनमें 22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. लोग इस बारे में क्या सोचेंगे?. EVM को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस संदेह को कम करने का अभी तक कोई प्रयास नहीं किया है. विधानसभा में पाटिल ने कहा कि गायब ईवीएम की संख्या चौंकाने वाली है. चुनाव आयोग को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए. इन लापता ईवीएम के दुरुपयोग की संभावना से कोई कैसे इंकार कर सकता है? पाटिल ने दोहराया कि यदि चुनाव आयोग इस सवाल का जवाब नहीं देता है, तो ईवीएम में गड़बड़ी पर हमारा संदेह और मजबूत होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी: इस मामले पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कहा कि चुनावी व्यवस्था खराब हो गई है. इसके लिए लोग और पार्टियां ही जिम्मेदार है. कुमारस्वामी ने इस मामले पर बैठक में बोरियत जाहिर की. वह बुधवार को चुनाव प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर एक विशेष बहस में बोल रहे थे. पहले लोग चुनाव के लिए उम्मीदवारों को भुगतान कर रहे थे लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. मंगलवार को एच के पाटिल ने चुनाव आयोग के बारे में बात करते हुए आरोप लगाया कि 19 लाख वोटिंग मशीनें खो गई हैं. इसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए? या उनके प्रतिनिधियों द्वारा दिया जाना चाहिए? मतदान प्रणाली के बारे में सार्वजनिक रूप से विपक्ष समर्थक बहसें हुई हैं. ईवीएम से मतदान शुरू होने के बाद से ही कुछ शंकाएं सभी को सता रही हैं. चुनाव आयोग और सरकार को इन शंकाओं को दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
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