कोलकाता : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का मानना है कि 2024 में विपक्षी मोर्चे की किसी भी सरकार के लिए उनकी पार्टी की जरूरत पड़ेगी. किसी भी सरकार के लिए कांग्रेस अपरिहार्य है. साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को भगवा खेमे को हराने के लिए कांग्रेस के साथ काम करने में भलाई दिखनी चाहिए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में अब भी ढाई साल बाकी है और विपक्षी दलों को भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए एकजुट होकर काम करना शुरू कर देना चाहिए.
राहुल गांधी में नेतृत्व क्षमता की कमी के आरोपों को खारिज करे हुए थरूर ने कहा कि उन्होंने (राहुल ने) विभिन्न समय में पार्टी में प्रभावी योगदान दिया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ज्यादातर उन्हें पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी फिर से संभालते देखना चाहेंगे. राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था.
थरूर ने अपनी पुस्तक 'प्राइड, प्रीज्यूडिस एंड पंडित्री' के विमोचन के लिए कोलकाता की अपनी हालिया यात्रा के दौरान एक साक्षात्कार में कहा, 'कांग्रेस 2024 में केंद्र में विपक्षी मोर्चे की किसी भी सरकार के लिए अपरिहार्य है.' 'भाजपा का मुकाबला करने में नाकाम रहने को लेकर' कांग्रेस पर ममता और उनकी पार्टी (टीएमसी) के हालिया प्रहार के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बताया और उनसे कांग्रेस के साथ काम करने में भलाई देखने का आग्रह किया.
कांग्रेस और टीएमसी के बीच जुबानी जंग पर कही ये बात
उन्होंने कहा, 'ममता दी के लिए मेरे मन में बहुत आदर है. वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और उन्होंने भाजपा के खिलाफ शानदार जीत हासिल की. इसलिए, मुझे उम्मीद है कि वह कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ काम करने में भलाई देखेंगी. कांग्रेस और टीएमसी के बीच जुबानी जंग बढ़ने की पृष्ठभूमि में थरूर ने यह बात कही. ममता की पार्टी ने हाल में दावा किया था कि भाजपा की मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर अपनी भूमिका निभाने में कांग्रेस नाकाम रही है.
थरूर ने कहा, 'लेकिन अभी ढाई साल बाकी है, मैं यह उम्मीद नहीं करता कि अभी पूरी स्पष्टता से सारी चीजें हल हो जाएंगी. चीजों में समय लगेगा. मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि 2024 तक हम सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए.'
पढ़ें- सदन चलाना विपक्ष की नहीं, सरकार की जिम्मेदारी है : राहुल गांधी
नेतृत्व को लेकर विपक्षी मोर्चे में स्पष्टता के अभाव के बारे में उन्होंने कहा कि चीजों का हल हो जाएगा क्योंकि अगले आम चुनाव में अभी समय है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अभी शुरुआती समय है. अभी यहां-वहां कुछ गतिरोध है, लेकिन समय आने पर मुझे लगता है कि हर किसी को साथ मिल कर काम करना होगा.'
पिछले लोकसभा चुनाव के मत प्रतिशत के आंकड़ों का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा कि जितना अधिक विपक्षी दल साझा आधार पाएंगे, भाजपा को हराने की गुंजाइश उतनी ही अधिक होगी.
पढ़ें- NDPS Amendment Bill 2021: संसद ने विधेयक को दी मंजूरी
थरूर ने कांग्रेस के अंदर नेतृत्व संकट के आरोपों को खारिज कर दिया लेकिन स्वीकार किया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद से दो साल पहले राहुल गांधी के इस्तीफा देने के समय की तुलना में मतभेद की भावना काफी कम है. उन्होंने कहा, 'आगे का रास्ता जो कुछ भी हो, मुझे नहीं लगता कि यह मीडिया के जरिए प्रभावी होगा. कांग्रेस को अपने मुद्दों का हल करना होगा और हम पार्टी के अंदर बातचीत करेंगे तथा शेष रहे मुद्दों का समाधान करेंगे.' इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि जब कभी राजनीतिक संकट आता है, राहुल गांधी हमेशा विदेश में होते हैं, थरूर ने कहा कि ये आरोप सही और तर्कसंगत नहीं है.
(पीटीआई-भाषा)