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Karnataka Election : कर्नाटक में अच्छे मतदान प्रतिशत से कांग्रेस को सहज बहुमत की उम्मीद

कर्नाटक में बुधवार को मतदान संपन्न हो गया. वोटिंग से उत्साहित कांग्रेस को भरोसा है कि उसे जीत हासिल होगी. राहुल ने पार्टी के लिए 150 सीटों का लक्ष्य रखा था. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

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Published : May 10, 2023, 10:14 PM IST

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक में उसे अपने आंतरिक आकलन और चुनाव आयोग की वोटिंग प्रतिशत की रिपोर्ट से लग रहा है कि आराम से बहुमत मिलेगा.

नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के वार-रूम का प्रबंधन करने वाले एक वरिष्ठ एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा, 'हमें अच्छा बहुमत मिल रहा है. शाम छह बजे गेट बंद कर दिए जाने के बावजूद लोग मतदान केंद्रों के अंदर थे. मतदान के अंतिम आंकड़े आने तक इस बार मतदान 75-77 फीसदी के बीच होगा. यह 2018 के विधानसभा चुनाव में हुए 68 फीसदी मतदान से 7-9 फीसदी अधिक है. मतदान में दो प्रतिशत की वृद्धि से 30 अतिरिक्त सीटें आती हैं. हमें जो मिल रहा है वह पर्याप्त से अधिक है. यह हमारे लिए अच्छा संकेत है.'

उन्होंने कहा कि 'हम अभी भी राज्य भर में बूथ स्तर की टीमों, पोलिंग एजेंटों और संबंधित उम्मीदवारों से जानकारी एकत्र और मिलान कर रहे हैं.' दक्षिणी राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को भाजपा, कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर के बीच कड़े मुकाबले के बीच मतदान हुआ. नतीजे 13 मई को आएंगे. 2018 के चुनावों में, भाजपा के पास 104 सीटें थीं, कांग्रेस के पास 80 और जद-एस के पास 37 सीटें थीं.

वार-रूम सूत्रों के अनुसार, क्षेत्रवार आंकड़ों से पता चलता है कि कांग्रेस कल्याण कर्नाटक और मध्य कर्नाटक क्षेत्रों में जीत हासिल कर रही थी, पुराने मैसूर क्षेत्र में आगे थी, जबकि कित्तूर कर्नाटक और बेंगलुरु क्षेत्र में यह 50:50 था.

पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी की ओर से पर्याप्त संकेत मिले, जिन्होंने राज्य के प्रगतिशील भविष्य के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया. राहुल ने पार्टी के लिए 150 सीटों का लक्ष्य रखा था. उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं को गरिमापूर्ण और जन-उन्मुख अभियान के लिए धन्यवाद दिया.

कर्नाटक के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और एआईसीसी सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत दोनों ने कहा कि चुनाव आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहर 1 बजे तक मतदान में भारी वृद्धि एक सकारात्मक संकेत था.

सुरजेवाला ने कहा, 'यह भाजपा की 40 प्रतिशत कमीशन सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का चित्रण करने वाला एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है. भाजपा मंत्रियों की सीटों पर ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से अधिक मतदान हुआ.'

श्रीनेत ने कहा, 'मतदाताओं ने निर्णायक रूप से फैसला दिया है.' पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने अलग-अलग एग्जिट पोल आने से पहले ही कांग्रेस के लिए 153 प्लस-माइनस 5 सीटों की भविष्यवाणी की थी.

आम तौर पर एग्जिट पोल पर टिप्पणी करने से परहेज करने वाली कांग्रेस ने कहा कि यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पार्टी शानदार जीत की राह पर है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में लोगों के मुद्दे मायने रखते हैं न कि पीएम मोदी की ब्रांडिंग. उन्होंने कहा कि ज्यादातर टीवी न्यूज चैनल भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा की तस्वीर थे क्योंकि उन्होंने एग्जिट पोल पर चर्चा की थी न कि पीएम मोदी की और यह आने वाले परिणाम का एक महत्वपूर्ण संकेतक था.

राज्य के वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद के अनुसार, 'कांग्रेस की पांच सामाजिक कल्याण गारंटी और राज्य सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार पर लोगों का गुस्सा सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में जा रहा था.'

पढ़ें- Karnataka Assembly Election: हुबली में 400 से अधिक मतदाताओं के नाम गायब मिले, कुछ क्षेत्रों में ईवीएम, वीवीपैट मशीन में खराबी से हुई देरी

नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक में उसे अपने आंतरिक आकलन और चुनाव आयोग की वोटिंग प्रतिशत की रिपोर्ट से लग रहा है कि आराम से बहुमत मिलेगा.

नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के वार-रूम का प्रबंधन करने वाले एक वरिष्ठ एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा, 'हमें अच्छा बहुमत मिल रहा है. शाम छह बजे गेट बंद कर दिए जाने के बावजूद लोग मतदान केंद्रों के अंदर थे. मतदान के अंतिम आंकड़े आने तक इस बार मतदान 75-77 फीसदी के बीच होगा. यह 2018 के विधानसभा चुनाव में हुए 68 फीसदी मतदान से 7-9 फीसदी अधिक है. मतदान में दो प्रतिशत की वृद्धि से 30 अतिरिक्त सीटें आती हैं. हमें जो मिल रहा है वह पर्याप्त से अधिक है. यह हमारे लिए अच्छा संकेत है.'

उन्होंने कहा कि 'हम अभी भी राज्य भर में बूथ स्तर की टीमों, पोलिंग एजेंटों और संबंधित उम्मीदवारों से जानकारी एकत्र और मिलान कर रहे हैं.' दक्षिणी राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को भाजपा, कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर के बीच कड़े मुकाबले के बीच मतदान हुआ. नतीजे 13 मई को आएंगे. 2018 के चुनावों में, भाजपा के पास 104 सीटें थीं, कांग्रेस के पास 80 और जद-एस के पास 37 सीटें थीं.

वार-रूम सूत्रों के अनुसार, क्षेत्रवार आंकड़ों से पता चलता है कि कांग्रेस कल्याण कर्नाटक और मध्य कर्नाटक क्षेत्रों में जीत हासिल कर रही थी, पुराने मैसूर क्षेत्र में आगे थी, जबकि कित्तूर कर्नाटक और बेंगलुरु क्षेत्र में यह 50:50 था.

पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी की ओर से पर्याप्त संकेत मिले, जिन्होंने राज्य के प्रगतिशील भविष्य के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया. राहुल ने पार्टी के लिए 150 सीटों का लक्ष्य रखा था. उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं को गरिमापूर्ण और जन-उन्मुख अभियान के लिए धन्यवाद दिया.

कर्नाटक के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और एआईसीसी सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत दोनों ने कहा कि चुनाव आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहर 1 बजे तक मतदान में भारी वृद्धि एक सकारात्मक संकेत था.

सुरजेवाला ने कहा, 'यह भाजपा की 40 प्रतिशत कमीशन सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का चित्रण करने वाला एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है. भाजपा मंत्रियों की सीटों पर ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से अधिक मतदान हुआ.'

श्रीनेत ने कहा, 'मतदाताओं ने निर्णायक रूप से फैसला दिया है.' पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने अलग-अलग एग्जिट पोल आने से पहले ही कांग्रेस के लिए 153 प्लस-माइनस 5 सीटों की भविष्यवाणी की थी.

आम तौर पर एग्जिट पोल पर टिप्पणी करने से परहेज करने वाली कांग्रेस ने कहा कि यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पार्टी शानदार जीत की राह पर है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में लोगों के मुद्दे मायने रखते हैं न कि पीएम मोदी की ब्रांडिंग. उन्होंने कहा कि ज्यादातर टीवी न्यूज चैनल भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा की तस्वीर थे क्योंकि उन्होंने एग्जिट पोल पर चर्चा की थी न कि पीएम मोदी की और यह आने वाले परिणाम का एक महत्वपूर्ण संकेतक था.

राज्य के वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद के अनुसार, 'कांग्रेस की पांच सामाजिक कल्याण गारंटी और राज्य सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार पर लोगों का गुस्सा सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में जा रहा था.'

पढ़ें- Karnataka Assembly Election: हुबली में 400 से अधिक मतदाताओं के नाम गायब मिले, कुछ क्षेत्रों में ईवीएम, वीवीपैट मशीन में खराबी से हुई देरी

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