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'आप' ने राहुल गांधी के 'नेतृत्व' पर उठाए सवाल, कांग्रेस बोली- जेल जाने से डर गए केजरीवाल

आप के द्वारा राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने को लेकर कांग्रेस ने पलटवार किया है. इस संबंध में कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा है कि आप नेता केजरीवाल अपने दो सहयोगियों की तरह जेल नहीं जाना चाहते हैं, इस वजह से वह विपक्षी एकता में सेंध लगाने के लिए तैयार है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

former Delhi Congress chief Ajay Maken
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय माकन
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Published : Jun 25, 2023, 5:43 PM IST

Updated : Jun 25, 2023, 6:01 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने आप संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि वह भाजपा के साथ मिले हुए हैं और विपक्षी एकता में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. रविवार को आप पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ द्वारा राहुल गांधी से संबंधित एक भड़काऊ टिप्पणी के बाद कांग्रेस और आप के बीच प्रतिद्वंद्विता फिर से शुरू हो गई है. बता दें कि कक्कड़ ने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी एकता की खातिर राहुल को तीसरी बार पार्टी का नेता नामित करने से बचना चाहिए. कांग्रेस ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव राहुल के नेतृत्व में लड़ा था और पूर्व सांसद 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में भी पार्टी का मार्गदर्शन करेंगे.

इस बारे में दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय माकन (former Delhi Congress chief Ajay Maken) ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि केजरीवाल हमारे वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसी अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं. आज आप के मुख्य प्रवक्ता ने जो कहा है वह कोई नई बात नहीं है. सीधी बात है कि केजरीवला भाजपा के साथ हैं और अपने दो सहयोगियों की तरह जेल नहीं जाना चाहते, इसलिए वह विपक्षी एकता में सेंध लगाने के लिए तैयार हैं. इस वजह से वह सेंध लगाने के लिए वह विपक्ष की बैठक में शामिल हुए. अगर उन्हें कांग्रेस का समर्थन चाहिए तो ऐसे बयान नहीं देने चाहिए थे.

माकन ने कहा कि केजरीवाल की टिप्पणियां भ्रमित करने वाली रही हैं. उनकी टिप्पणियां भाजपा का पक्ष लेने के लिए एक सोची-समझी चाल है. 23 जून को पटना में विपक्ष की बैठक होने से पहले, केजरीवाल कांग्रेस से यह वचन लेने की कोशिश कर रहे थे कि वह संसद के मानसून सत्र के दौरान विवादास्पद अध्यादेश का विरोध करेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पटना विपक्ष की बैठक में भी अध्यादेश का मुद्दा उठाया था लेकिन खड़गे ने उन्हें फटकार लगाई थी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, खड़गे ने केजरीवाल से कहा कि विपक्ष की बैठक अध्यादेश के मुद्दे को उठाने के लिए सही मंच नहीं है और जब मानसून सत्र शुरू होगा तो कांग्रेस इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करेगी.

इसीक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केजरीवाल को याद दिलाया था कि अध्यादेश विपक्ष की बैठक का एजेंडा नहीं था. वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने तब दिल्ली के मुख्यमंत्री को याद दिलाया था कि कैसे उन्होंने 2019 में पूर्ववर्ती राज्य से धारा 370 हटाने पर केंद्र का समर्थन किया था, लेकिन अब केंद्रीय अध्यादेश को लेकर चिंतित हैं.

वहीं दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि आप के एक नेता विपक्ष की बैठक से पहले मांग की थी कि कांग्रेस को पंजाब और दिल्ली छोड़ देना चाहिए तो वे राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेंगे, यह क्या है?. उन्होंने कहा कि इस तरह की डील करना कांग्रेस की शैली नहीं है. वहीं अजय माकन ने कहा कि जब आप संस्थापक अध्यादेश पर कांग्रेस से समर्थन मांग रहे थे तो वह राजस्थान में पार्टी के सबसे पुराने नेताओं पर भी हमला कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केजरीवाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के खिलाफ जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वह सार्वजनिक रूप से उनके द्वारा कही गई बातों के खिलाफ है.

ये भी पढ़ें - Opposition meeting: खड़गे के दो टूक के बाद क्या करेंगे केजरीवाल, AAP ने दी की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली : कांग्रेस ने आप संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि वह भाजपा के साथ मिले हुए हैं और विपक्षी एकता में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. रविवार को आप पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ द्वारा राहुल गांधी से संबंधित एक भड़काऊ टिप्पणी के बाद कांग्रेस और आप के बीच प्रतिद्वंद्विता फिर से शुरू हो गई है. बता दें कि कक्कड़ ने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी एकता की खातिर राहुल को तीसरी बार पार्टी का नेता नामित करने से बचना चाहिए. कांग्रेस ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव राहुल के नेतृत्व में लड़ा था और पूर्व सांसद 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में भी पार्टी का मार्गदर्शन करेंगे.

इस बारे में दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय माकन (former Delhi Congress chief Ajay Maken) ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि केजरीवाल हमारे वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसी अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं. आज आप के मुख्य प्रवक्ता ने जो कहा है वह कोई नई बात नहीं है. सीधी बात है कि केजरीवला भाजपा के साथ हैं और अपने दो सहयोगियों की तरह जेल नहीं जाना चाहते, इसलिए वह विपक्षी एकता में सेंध लगाने के लिए तैयार हैं. इस वजह से वह सेंध लगाने के लिए वह विपक्ष की बैठक में शामिल हुए. अगर उन्हें कांग्रेस का समर्थन चाहिए तो ऐसे बयान नहीं देने चाहिए थे.

माकन ने कहा कि केजरीवाल की टिप्पणियां भ्रमित करने वाली रही हैं. उनकी टिप्पणियां भाजपा का पक्ष लेने के लिए एक सोची-समझी चाल है. 23 जून को पटना में विपक्ष की बैठक होने से पहले, केजरीवाल कांग्रेस से यह वचन लेने की कोशिश कर रहे थे कि वह संसद के मानसून सत्र के दौरान विवादास्पद अध्यादेश का विरोध करेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पटना विपक्ष की बैठक में भी अध्यादेश का मुद्दा उठाया था लेकिन खड़गे ने उन्हें फटकार लगाई थी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, खड़गे ने केजरीवाल से कहा कि विपक्ष की बैठक अध्यादेश के मुद्दे को उठाने के लिए सही मंच नहीं है और जब मानसून सत्र शुरू होगा तो कांग्रेस इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करेगी.

इसीक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केजरीवाल को याद दिलाया था कि अध्यादेश विपक्ष की बैठक का एजेंडा नहीं था. वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने तब दिल्ली के मुख्यमंत्री को याद दिलाया था कि कैसे उन्होंने 2019 में पूर्ववर्ती राज्य से धारा 370 हटाने पर केंद्र का समर्थन किया था, लेकिन अब केंद्रीय अध्यादेश को लेकर चिंतित हैं.

वहीं दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि आप के एक नेता विपक्ष की बैठक से पहले मांग की थी कि कांग्रेस को पंजाब और दिल्ली छोड़ देना चाहिए तो वे राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेंगे, यह क्या है?. उन्होंने कहा कि इस तरह की डील करना कांग्रेस की शैली नहीं है. वहीं अजय माकन ने कहा कि जब आप संस्थापक अध्यादेश पर कांग्रेस से समर्थन मांग रहे थे तो वह राजस्थान में पार्टी के सबसे पुराने नेताओं पर भी हमला कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केजरीवाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के खिलाफ जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वह सार्वजनिक रूप से उनके द्वारा कही गई बातों के खिलाफ है.

ये भी पढ़ें - Opposition meeting: खड़गे के दो टूक के बाद क्या करेंगे केजरीवाल, AAP ने दी की प्रतिक्रिया

Last Updated : Jun 25, 2023, 6:01 PM IST
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