नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद हाल ही में निरस्त किए गए तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लाने की 'साजिश' कर रही है. इसके मद्देनजर पार्टी ने इन चुनावों में भाजपा को हराकर सबक सिखाने की लोगों से अपील की.
दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को आजादी के बाद लाया गया एक बड़ा सुधार करार दिया था और संकेत दिया था कि सरकार इन कानूनों को वापस ला सकती है.
इस टिप्पणी के संदर्भ में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala ) ने कहा कि तोमर के बयान से तीन 'किसान विरोधी' कृषि कानून वापस लाने की 'ठोस साजिश' का पर्दाफाश हो गया है. साथ ही कहा कि अगर वे इतने प्रगतिशील थे तो आपने उन्हें निरस्त क्यों किया और पूरे 62 करोड़ किसान इसके खिलाफ आंदोलन क्यों कर रहे थे?
उन्होंने कहा, 'अगर फिर से कृषि विरोधी कदम आगे बढ़ाए तो फिर से अन्नदाता का सत्याग्रह होगा- पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हराएंगे!' गांधी ने 'किसान प्रदर्शन' हैशटैग का इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों के चुनावों में हार का आभास करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी थी और संसद में तीन काले कानूनों को निरस्त कर दिया था. यह दिल्ली की सीमाओं पर 380 दिनों से अधिक समय तक चले सबसे लंबे, शांतिपूर्ण, गांधीवादी आंदोलन के बाद हुआ, जहां 700 से अधिक किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दी.'
उन्होंने कहा, 'तब भी हमें प्रधानमंत्री, भाजपा, आरएसएस और मोदी सरकार की मंशा पर शक था.' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कानूनों को निरस्त करने के तुरंत बाद, भाजपा के कई नेताओं ने बयान दिए थे जो तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की 'साजिश' की ओर इशारा करते थे.
सुरजेवाला ने कहा कि 21 नवंबर को, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा था कि निरस्त कर दिए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाएगा और भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी इस सिलसिले में एक बयान दिया था.
ये कहा था केंद्रीय कृषि मंत्री ने
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में उनके द्वारा आयोजित कृषि उद्योग प्रदर्शनी 'एग्रोविजन' का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा था, 'कृषि क्षेत्र में निजी निवेश का आज भी अभाव है. हम कृषि सुधार कानून लेकर आए थे... कुछ लोगों को यह रास नहीं आया... लेकिन वह 70 वर्षों की आजादी के बाद एक बड़ा सुधार था, जो नरेंद्र मोदी की सरकार के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था.'
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उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे फिर बढ़ेंगे. क्योंकि हिंदुस्तान का किसान हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी है.' तोमर की इस टिप्पणी पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि देश के कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री की माफी का 'अपमान' किया है और 'यह बेहद निंदनीय' है.
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