गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर में कांग्रेस के हाथ खून से सने हुए हैं और पिछले 75 वर्षों में उसके किसी भी प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया. संसद में पेश अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए सरमा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूर्वोत्तर में तनाव की स्थिति कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से पैदा हुई है.
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"The Congress hands so far Northeast region is concerned are full with blood whether it is Nagaland, Mizoram, Assam, Manipur or other parts of the Northeastern region," says Assam CM Himanta Biswa Sarma. pic.twitter.com/9K1sH7WhjT
— ANI (@ANI) August 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) August 8, 2023
उन्होंने आरोप लगाया, 'जहां तक पूर्वोत्तर का सवाल है, कांग्रेस के हाथ खून से सने हुए हैं.' शर्मा ने दावा किया, 'कांग्रेस के किसी भी प्रधानमंत्री ने पिछले 75 वर्षों में क्षेत्र के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया.' सरमा ने कहा, 'कांग्रेस को चिंतन करना चाहिए कि कैसे उसकी गलत नीतियों की वजह से मणिपुर जल रहा है. उन्होंने पूर्वोत्तर में एक दुखद स्थिति पैदा की.' मणिपुर में पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा हो रही है, जिसमें करीब 160 लोगों की जान जा चुकी है. सरमा ने कहा, 'कांग्रेस ने पूरे पूर्वोत्तर में दुखद स्थिति उत्पन्न की. समुदायों के बीच रातों रात लड़ाई शुरू नहीं हुई है.'
उल्फा (I) के प्रमुख परेश बरुआ मेहमान के तौर पर असम की यात्रा करें
वहीं सीएम सरमा ने उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ को एक अतिथि के तौर पर राज्य की यात्रा करने और दशकों बाद बदली हुई स्थिति का गवाह बनने के लिए मंगलवार को आमंत्रित किया. उन्होंने एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा कि बरुआ को किसी वार्ता में भाग लेने के लिए नहीं बल्कि विकसित और शांतिपूर्ण असमिया समाज को देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है. उन्होंने कहा, 'परेश बरुआ खुद एक जानकार व्यक्ति हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि वह आएंगे क्योंकि मैंने उन्हें आमंत्रित किया है. उसके पास अपनी बुद्धि और तर्क है. हालांकि, मुझे लगता है कि अगर वह सिर्फ सात दिन असम में रहेंगे, तो उन्हें एहसास होगा कि पुराना असम बहुत बदल गया है...'
सरमा ने कहा कि एक समय बरुआ को लगता था कि बाहरी लोगों ने असम में हर चीज पर कब्जा कर लिया है, लेकिन असमिया युवा आजकल कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अधिकतम संख्या में रहते हैं क्योंकि स्थिति बदल गई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि 1982-83 के दौरान जो हुआ वह अब अस्तित्व में नहीं है. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित संगठन है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह उग्रवादी नेता की असम यात्रा की व्यवस्था करेंगे, इसपर मुख्यमंत्री ने कहा, 'हां, सब कुछ. जैसा कि मैं उन्हें आमंत्रित करने की बात कर रहा हूं, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आमंत्रित करूंगा। यदि वह आते हैं और 7-10 दिनों के लिए रहते हैं, तो वह स्वयं स्थिति को समझेंगे.'
सरमा ने यह भी कहा कि उल्फा में शामिल हुए कई युवा वापस आ गए हैं और कई अन्य भी मुख्यधारा में वापस आना चाहते हैं. बरुआ के साथ बातचीत के बारे में उन्होंने ज्यादा नहीं बताया और बस इतना कहा कि अगर कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां न होतीं तो अब तक बातचीत हो चुकी होती। हम उन व्यावहारिक मुद्दों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं.
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(इनपुट-भाषा)