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असम-मिजोरम विवाद : कांग्रेस ने मांगा शाह का इस्तीफा, सात सदस्यीय समिति सोनिया को सौपेंगी रिपोर्ट

असम और मिजोरम के बीच विवाद को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने सीमा मुद्दों का आकलन करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया, जो वहां के हालात का जायजा लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपेगी. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि गृह मंत्री अमित शाह को नैतिक जवाबदेही लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

कांग्रेस
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Published : Jul 27, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 11:33 PM IST

नई दिल्ली: सीमा मुद्दों (border issues) को लेकर असम और मिजोरम के बीच चल रहे विवाद (dispute between Assam and Mizoram) के बीच कांग्रेस पार्टी (Congress party) ने स्थिति का आकलन करने के लिए मंगलवार को 7 सदस्यीय समिति का गठन किया.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने असम-मिजोरम सीमा पर हुई घटना के लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह से 'घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए' इस्तीफा देने को भी कहा.

गोगोई ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बुरी तरह विफल रहे हैं. यह घटना गृह मंत्री के पूर्वोत्तर राज्यों के दो दिवसीय दौरे से आने के एक दिन बाद हुई है.

उन्होंने कहा कि घटना एक दिन में नहीं हुई. बकौल गोगोई, दोनों राज्यों के बीच सीमा तनाव था. वास्तव में, असम और मिजोरम दोनों के मुख्य सचिवों के साथ गृह मंत्रालय स्तर की बातचीत भी कोई नतीजा नहीं निकल पाई. गृह मंत्री अमित शाह के साथ दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आमने-सामने की बैठक भी कोई सकारात्मक परिणाम लाने में विफल रही है.

गोगोई ने कहा और कहा कि घटना से पता चलता है कि केंद्र सरकार में शांति और विकास लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने गृह मंत्री शाह को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने दिन में पहले हुई घटना को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का भी आह्वान किया.

इससे पहले कांग्रेस महासचिव ने जितेंद्र सिंह ने कहा, ' हिंसा के बीच पुलिस कर्मियों की जान चली गई है. असम-मिजोरम सीमा विवाद का जमीनी स्तर पर आकलन करने के लिए कछार और किसी अन्य क्षेत्र का दौरा करने के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
कांग्रेस की सात सदस्यीय समिति
कांग्रेस की सात सदस्यीय समिति

समिति में ये लोग शामिल

इस समिति में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा, सीएलपी नेता असम विधानसभा देवव्रत सैकिया, एमपी प्रद्युत बोरदोलोई, उप सीएलपी नेता, असम विधानसभा रॉकीबुल हुसैन, एमपी गौरव गोगोई (एमपी), अध्यक्ष, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी सुष्मिता देब और विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ हैं.
समिति को इसके बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

दुर्भाग्यपूर्ण है गृह मंत्री असम आए लेकिन मुद्दा हल नहीं हुआ : सुष्मिता द

सुनिए सुष्मिता देव ने क्या कहा

इस मामले पर सुष्मिता देव ने कहा, 'असम और मिजोरम सीमा पर जो कुछ हुआ है वह कछार जिले में मेरे निर्वाचन क्षेत्र में होता है. यह कुछ समय से चल रहा है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. कुछ महीने पहले असम और मिजोरम के बीच जमीन के विवाद का पता चला था. यह बेहद गंभीर हो गया है.'

उन्होंने कहा कि 'पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन भारतीय जनता पार्टी ने बनाया था और असम के मुख्यमंत्री इसके संयोजक हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि गठबंधन केवल चुनाव जीतने के लिए बना है. यह ऐसे मामले हल करने में सक्षम नहीं है. सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि गृह मंत्री असम आए, सभी सीएम वहां थे, लेकिन यह मुद्दा हल नहीं हुआ.'

गौरव गोगोई ने राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने असम-मिजोरम सीमा पर हुई घटना के लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह से 'घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए' इस्तीफा देने को भी कहा.

गोगोई ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बुरी तरह विफल रहे हैं. यह घटना गृह मंत्री के पूर्वोत्तर राज्यों के दो दिवसीय दौरे से आने के एक दिन बाद हुई है.

उन्होंने कहा कि घटना एक दिन में नहीं हुई. बकौल गोगोई, दोनों राज्यों के बीच सीमा तनाव था. वास्तव में, असम और मिजोरम दोनों के मुख्य सचिवों के साथ गृह मंत्रालय स्तर की बातचीत भी कोई नतीजा नहीं निकल पाई. गृह मंत्री अमित शाह के साथ दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आमने-सामने की बैठक भी कोई सकारात्मक परिणाम लाने में विफल रही है.

गोगोई ने कहा और कहा कि घटना से पता चलता है कि केंद्र सरकार में शांति और विकास लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने गृह मंत्री शाह को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने दिन में पहले हुई घटना को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का भी आह्वान किया.

राहुल ने शाह पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'एचएम ने लोगों के जीवन में नफरत और अविश्वास बोकर देश को फिर से विफल कर दिया है. भारत अब इसके भयानक परिणाम भुगत रहा है.'

पढ़ें- असम में तीन दिन का राजकीय शोक और प्रत्येक मृतक परिवार को मिलेगा 50 लाख : सीएम सरमा

पढ़ें- असम-मिजोरम हिंसा पर बोले राहुल गांधी, गृह मंत्री ने देश को फिर किया निराश

नई दिल्ली: सीमा मुद्दों (border issues) को लेकर असम और मिजोरम के बीच चल रहे विवाद (dispute between Assam and Mizoram) के बीच कांग्रेस पार्टी (Congress party) ने स्थिति का आकलन करने के लिए मंगलवार को 7 सदस्यीय समिति का गठन किया.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने असम-मिजोरम सीमा पर हुई घटना के लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह से 'घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए' इस्तीफा देने को भी कहा.

गोगोई ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बुरी तरह विफल रहे हैं. यह घटना गृह मंत्री के पूर्वोत्तर राज्यों के दो दिवसीय दौरे से आने के एक दिन बाद हुई है.

उन्होंने कहा कि घटना एक दिन में नहीं हुई. बकौल गोगोई, दोनों राज्यों के बीच सीमा तनाव था. वास्तव में, असम और मिजोरम दोनों के मुख्य सचिवों के साथ गृह मंत्रालय स्तर की बातचीत भी कोई नतीजा नहीं निकल पाई. गृह मंत्री अमित शाह के साथ दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आमने-सामने की बैठक भी कोई सकारात्मक परिणाम लाने में विफल रही है.

गोगोई ने कहा और कहा कि घटना से पता चलता है कि केंद्र सरकार में शांति और विकास लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने गृह मंत्री शाह को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने दिन में पहले हुई घटना को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का भी आह्वान किया.

इससे पहले कांग्रेस महासचिव ने जितेंद्र सिंह ने कहा, ' हिंसा के बीच पुलिस कर्मियों की जान चली गई है. असम-मिजोरम सीमा विवाद का जमीनी स्तर पर आकलन करने के लिए कछार और किसी अन्य क्षेत्र का दौरा करने के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
कांग्रेस की सात सदस्यीय समिति
कांग्रेस की सात सदस्यीय समिति

समिति में ये लोग शामिल

इस समिति में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा, सीएलपी नेता असम विधानसभा देवव्रत सैकिया, एमपी प्रद्युत बोरदोलोई, उप सीएलपी नेता, असम विधानसभा रॉकीबुल हुसैन, एमपी गौरव गोगोई (एमपी), अध्यक्ष, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी सुष्मिता देब और विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ हैं.
समिति को इसके बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

दुर्भाग्यपूर्ण है गृह मंत्री असम आए लेकिन मुद्दा हल नहीं हुआ : सुष्मिता द

सुनिए सुष्मिता देव ने क्या कहा

इस मामले पर सुष्मिता देव ने कहा, 'असम और मिजोरम सीमा पर जो कुछ हुआ है वह कछार जिले में मेरे निर्वाचन क्षेत्र में होता है. यह कुछ समय से चल रहा है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. कुछ महीने पहले असम और मिजोरम के बीच जमीन के विवाद का पता चला था. यह बेहद गंभीर हो गया है.'

उन्होंने कहा कि 'पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन भारतीय जनता पार्टी ने बनाया था और असम के मुख्यमंत्री इसके संयोजक हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि गठबंधन केवल चुनाव जीतने के लिए बना है. यह ऐसे मामले हल करने में सक्षम नहीं है. सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि गृह मंत्री असम आए, सभी सीएम वहां थे, लेकिन यह मुद्दा हल नहीं हुआ.'

गौरव गोगोई ने राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने असम-मिजोरम सीमा पर हुई घटना के लिए राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह से 'घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए' इस्तीफा देने को भी कहा.

गोगोई ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बुरी तरह विफल रहे हैं. यह घटना गृह मंत्री के पूर्वोत्तर राज्यों के दो दिवसीय दौरे से आने के एक दिन बाद हुई है.

उन्होंने कहा कि घटना एक दिन में नहीं हुई. बकौल गोगोई, दोनों राज्यों के बीच सीमा तनाव था. वास्तव में, असम और मिजोरम दोनों के मुख्य सचिवों के साथ गृह मंत्रालय स्तर की बातचीत भी कोई नतीजा नहीं निकल पाई. गृह मंत्री अमित शाह के साथ दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आमने-सामने की बैठक भी कोई सकारात्मक परिणाम लाने में विफल रही है.

गोगोई ने कहा और कहा कि घटना से पता चलता है कि केंद्र सरकार में शांति और विकास लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने गृह मंत्री शाह को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने दिन में पहले हुई घटना को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का भी आह्वान किया.

राहुल ने शाह पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'एचएम ने लोगों के जीवन में नफरत और अविश्वास बोकर देश को फिर से विफल कर दिया है. भारत अब इसके भयानक परिणाम भुगत रहा है.'

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Last Updated : Jul 27, 2021, 11:33 PM IST
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