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Opposition Meeting In Patna : कांग्रेस को उम्मीद, पटना में विपक्ष की बैठक से उभरेगा राष्ट्रीय विकल्प

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के सभी पार्टियां रणनीति बना रही हैं. 23 जून को पटना में कई विपक्षी दलों की बैठक होगी (Opposition meeting in Patna June 23). इसे लेकर कांग्रेस को यकीन है कि इसमें राष्ट्रीय विकल्प उभरेगा. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Opposition Meeting In Patna
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Published : Jun 19, 2023, 8:21 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को विश्वास व्यक्त किया कि जब 23 जून को पटना में कई विपक्षी दलों की बैठक होगी तो सत्तारूढ़ भाजपा का एक राष्ट्रीय विकल्प सामने आएगा.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'विपक्षी नेता 23 जून को बैठक कर रहे हैं. वे बैठकर बातचीत करेंगे. देश के सामने एक राष्ट्रीय विकल्प उभरेगा.' पटना की बैठक का समन्वयन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय मोर्चे के गठन के लिए विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

हालांकि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी 23 जून की बैठक में भाग लेने वाले हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हालिया टिप्पणियों ने प्रस्तावित विपक्षी एकता पर संदेह पैदा किया था.

टीएमसी की प्रमुख बनर्जी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा का समर्थन किया तो उनका कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान पहले भी ऐसे आरोप लगाए थे.

केजरीवाल ने रविवार को कांग्रेस शासित राजस्थान में प्रचार किया, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में कोई काम नहीं किया गया है और अनुभवी भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं.

केजरीवाल के दौरे से कुछ दिन पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में न लड़ने की पेशकश की थी, अगर कांग्रेस दिल्ली और पंजाब को छोड़ने के लिए तैयार हो. तिवारी ने दोनों राज्यों में आप के खराब प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, 'आप हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक गई थी और नतीजा सबके सामने है.'

उन्होंने कहा कि 'जिन क्षेत्रीय पार्टियों की एक या दो राज्यों में सरकारें हैं अगर वे राष्ट्रीय विकल्प चाहते हैं तो उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए.' यह संदेश टीएमसी के लिए भी था. टीएमसी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की सहयोगी सीपीआई-एम का विरोध करती है.

संसद के पिछले बजट सत्र के दौरान खड़गे ने अडाणी मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग को लेकर सरकार को घेरने के लिए समान विचारधारा वाले 19 दलों का नेतृत्व किया था. AAP और TMC भी उन सत्रों का हिस्सा थे.

हाल ही में, केजरीवाल ने दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग से संबंधित एक केंद्रीय अध्यादेश पर समर्थन जुटाने के लिए कई विपक्षी दलों से मुलाकात की. दिल्ली के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विपक्ष आगामी मानसून सत्र में इस अध्यादेश का विरोध करे.

हालांकि, कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने हाल ही में खड़गे द्वारा आयोजित एक रणनीति सत्र के दौरान इस मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन करने का विरोध किया. पश्चिम बंगाल में, राज्य इकाई टीएमसी के साथ गठबंधन करने के खिलाफ है.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके बावजूद, आलाकमान भाजपा के लिए एक राष्ट्रीय विकल्प का पीछा करने का इच्छुक है और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पटना में 23 जून की बैठक में जा रहा है.

कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का विरोध करेगी या नहीं, इस पर तिवारी ने कहा, 'जब हम इसके पास आएंगे तो हम पुल को पार कर लेंगे. संसद का सत्र अभी बाकी है. संसद के दोबारा शुरू होने पर मानसून सत्र की रणनीति का खुलासा होगा.'

पढ़ें- Opposition Unity Meeting : '23 जून को स्वार्थी लोगों के गठबंधन की मीटिंग.. इससे कुछ होने वाला नहीं'- रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को विश्वास व्यक्त किया कि जब 23 जून को पटना में कई विपक्षी दलों की बैठक होगी तो सत्तारूढ़ भाजपा का एक राष्ट्रीय विकल्प सामने आएगा.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'विपक्षी नेता 23 जून को बैठक कर रहे हैं. वे बैठकर बातचीत करेंगे. देश के सामने एक राष्ट्रीय विकल्प उभरेगा.' पटना की बैठक का समन्वयन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय मोर्चे के गठन के लिए विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

हालांकि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी 23 जून की बैठक में भाग लेने वाले हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हालिया टिप्पणियों ने प्रस्तावित विपक्षी एकता पर संदेह पैदा किया था.

टीएमसी की प्रमुख बनर्जी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा का समर्थन किया तो उनका कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान पहले भी ऐसे आरोप लगाए थे.

केजरीवाल ने रविवार को कांग्रेस शासित राजस्थान में प्रचार किया, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में कोई काम नहीं किया गया है और अनुभवी भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकिचा रहे हैं.

केजरीवाल के दौरे से कुछ दिन पहले आप नेता सौरभ भारद्वाज ने राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में न लड़ने की पेशकश की थी, अगर कांग्रेस दिल्ली और पंजाब को छोड़ने के लिए तैयार हो. तिवारी ने दोनों राज्यों में आप के खराब प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, 'आप हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक गई थी और नतीजा सबके सामने है.'

उन्होंने कहा कि 'जिन क्षेत्रीय पार्टियों की एक या दो राज्यों में सरकारें हैं अगर वे राष्ट्रीय विकल्प चाहते हैं तो उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए.' यह संदेश टीएमसी के लिए भी था. टीएमसी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की सहयोगी सीपीआई-एम का विरोध करती है.

संसद के पिछले बजट सत्र के दौरान खड़गे ने अडाणी मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग को लेकर सरकार को घेरने के लिए समान विचारधारा वाले 19 दलों का नेतृत्व किया था. AAP और TMC भी उन सत्रों का हिस्सा थे.

हाल ही में, केजरीवाल ने दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग से संबंधित एक केंद्रीय अध्यादेश पर समर्थन जुटाने के लिए कई विपक्षी दलों से मुलाकात की. दिल्ली के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विपक्ष आगामी मानसून सत्र में इस अध्यादेश का विरोध करे.

हालांकि, कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने हाल ही में खड़गे द्वारा आयोजित एक रणनीति सत्र के दौरान इस मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन करने का विरोध किया. पश्चिम बंगाल में, राज्य इकाई टीएमसी के साथ गठबंधन करने के खिलाफ है.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके बावजूद, आलाकमान भाजपा के लिए एक राष्ट्रीय विकल्प का पीछा करने का इच्छुक है और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पटना में 23 जून की बैठक में जा रहा है.

कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का विरोध करेगी या नहीं, इस पर तिवारी ने कहा, 'जब हम इसके पास आएंगे तो हम पुल को पार कर लेंगे. संसद का सत्र अभी बाकी है. संसद के दोबारा शुरू होने पर मानसून सत्र की रणनीति का खुलासा होगा.'

पढ़ें- Opposition Unity Meeting : '23 जून को स्वार्थी लोगों के गठबंधन की मीटिंग.. इससे कुछ होने वाला नहीं'- रविशंकर प्रसाद
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