नई दिल्ली: कांग्रेस, 'इंडिया' गठबंधन के तहत एनसी और पीडीए के साथ संयुक्त रूप से यूटी जम्मू कश्मीर में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रही है.
दोनों क्षेत्रीय दल अतीत में स्थानीय निकाय चुनाव अलग-अलग लड़ते रहे हैं, लेकिन हाल ही में एनसी और पीडीपी दोनों इंडिया गठबंधन में शामिल हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर की एआईसीसी प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा, 'पार्टी के भीतर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में एनसी और पीडीपी के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने पर विचार चल रहा है. लेकिन गठबंधन के मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. 20 अगस्त को श्रीनगर में एक पार्टी सम्मेलन में स्थानीय नेताओं के बीच चर्चा की जाएगी.'
पाटिल ने कहा कि 'हमने स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए 21 मई को जम्मू में निर्वाचित पंचायत पदाधिकारियों का एक सम्मेलन आयोजित किया था. निकाय चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है. इस तरह का दूसरा सम्मेलन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को श्रीनगर में आयोजित किया जाएगा. इस मुद्दे पर वहां भी चर्चा की जाएगी कि क्या हमें एनसी और पीडीपी के साथ स्थानीय निकाय चुनाव लड़ना चाहिए. फिर हम अंतिम निर्णय के लिए लोकप्रिय राय को आलाकमान तक पहुंचाएंगे.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा, तब तक, कांग्रेस सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश में सबसे पुरानी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. पाटिल ने कहा कि 'हमारा मुख्य फोकस कांग्रेस को मजबूत करने पर है. 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुई भारत जोड़ो यात्रा के बाद से जनता की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही है.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस को पिछले साल पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद के जाने से झटका लगा था, लेकिन पार्टी फिर से मजबूत हो रही है. पाटिल ने कहा कि 'ज़मीनी हालात बदल गए हैं. बड़ी संख्या में आजाद की पार्टी के नेता कांग्रेस में लौट आए हैं. आजाद की डीपीएपी के साथ-साथ आप के कई नेता 7 अगस्त को कांग्रेस में शामिल होंगे. इनमें से कई नेता डोडा से हैं जो गुलाम नबी आजाद का जिला है. इन नेताओं का स्वागत पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि श्रीनगर पार्टी सम्मेलन 6 अगस्त को निर्धारित किया गया था, लेकिन 5 अगस्त को कश्मीर घाटी में अनुच्छेद 370 के चार साल पूरे होने को देखते हुए सुरक्षा कारणों से इसे स्थगित करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दल आगामी स्थानीय निकाय चुनाव मिलकर लड़ते हैं तो इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा. लेकिन लोकसभा सीटों पर पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत होगी. केंद्रशासित प्रदेश की कुल 5 संसदीय सीटों में से एनसी के पास तीन सांसद हैं जबकि भाजपा के पास 2 सांसद हैं.
पाटिल ने कहा कि 'हमें विश्वास है कि स्थानीय निकाय चुनाव समय पर होंगे लेकिन यह निश्चित नहीं है कि विधानसभा चुनाव भी होंगे या नहीं. लेकिन हमें तैयार रहना होगा. आने वाले दिनों में मैं संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी पदाधिकारियों के साथ स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लेह और लद्दाख क्षेत्रों का भी दौरा करूंगी'