ETV Bharat / bharat

प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन पर कांग्रेस ने जताई कड़ी आपत्ति

author img

By

Published : Apr 14, 2022, 2:39 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 3:44 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान की जानकारी देने वाले प्रधानमंत्री संग्रहालय को देशवासियों को समर्पित कर दिया है. आगंतुक अब देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी जानकारी को एक ही जगह पर देख सकते हैं. हालांकि, कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया है. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

PM Museum controversy
प्रधानमंत्री संग्रहालय पर विवाद

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने इसे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कमजोर करने का प्रयास करार दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि समस्या यह है कि मोदी सरकार नेहरू की विरासत को धूमिल करना चाहती है, क्योंकि नेहरू की विरासत एक वैज्ञानिक सोच विकसित करने और एक समावेशी भारत के निर्माण के बारे में थी. उन्होंने कहा कि भाजपा नेहरू की बड़ी शख्सियत से डरती है.

पीएम मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के प्रसिद्ध तीन मूर्ति भवन में नए प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया, जिसमें सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्यों से जुड़ी जानकारियों संरक्षित की गई हैं. प्रधानमंत्री संग्रहालय में नेहरू स्मारक पुस्तकालय और संग्रहालय है.

दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनकी उपलब्धियों का बखान करने में कोई समस्या नहीं है, दिक्कत इस बात की है कि सरकार की ऐसी किसी भी परियोजना में कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में क्या दिखाना है, यह तय करने वाली सरकार कौन होती है. मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को नहीं समझती है, अन्य प्रधानमंत्रियों को तो छोड़ दें. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने आगे कहा कि पिछले वर्षों में तीन मूर्ति भवन पर्यटन स्थल के रूप में सिमट कर रह गया था और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह स्थान भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास के बारे में जानने का स्थान बने.

नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के निदेशक के रूप में कार्य कर चुकीं प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी ने ईटीवी भारत को बताया कि तीन मूर्ति भवन न केवल भारत के पहले प्रधानमंत्री की विरासत से जुड़ा है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम और 1947 के बाद के दशकों की पूरी विरासत को प्रदर्शित करता है. मुखर्जी ने सवाल किया कि क्या सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए संग्रहालय की आवश्यकता है? उन्होंने कहा कि मुझे दुनिया में कहीं भी सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के बारे में ऐसी कोई अवधारणा नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री संग्रहालय प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब : पीएम मोदी

डॉ. मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा संग्रहालय के साथ छेड़छाड़ करने की क्या जरूरत थी? इसके बजाय सरकार को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े तथ्यों को संरक्षित करने और प्रदर्शित के लिए एक नई इमारत का निर्माण करना चाहिए था. उन्होंने कहा, मैं सोचने पर मजबूर हूं कि सरकार ने ऐसा क्यों किया. नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum & Library) पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत को बताने के लिए बहुत छोटा वर्ग है.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने इसे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कमजोर करने का प्रयास करार दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि समस्या यह है कि मोदी सरकार नेहरू की विरासत को धूमिल करना चाहती है, क्योंकि नेहरू की विरासत एक वैज्ञानिक सोच विकसित करने और एक समावेशी भारत के निर्माण के बारे में थी. उन्होंने कहा कि भाजपा नेहरू की बड़ी शख्सियत से डरती है.

पीएम मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के प्रसिद्ध तीन मूर्ति भवन में नए प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया, जिसमें सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्यों से जुड़ी जानकारियों संरक्षित की गई हैं. प्रधानमंत्री संग्रहालय में नेहरू स्मारक पुस्तकालय और संग्रहालय है.

दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनकी उपलब्धियों का बखान करने में कोई समस्या नहीं है, दिक्कत इस बात की है कि सरकार की ऐसी किसी भी परियोजना में कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में क्या दिखाना है, यह तय करने वाली सरकार कौन होती है. मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को नहीं समझती है, अन्य प्रधानमंत्रियों को तो छोड़ दें. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने आगे कहा कि पिछले वर्षों में तीन मूर्ति भवन पर्यटन स्थल के रूप में सिमट कर रह गया था और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह स्थान भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास के बारे में जानने का स्थान बने.

नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के निदेशक के रूप में कार्य कर चुकीं प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी ने ईटीवी भारत को बताया कि तीन मूर्ति भवन न केवल भारत के पहले प्रधानमंत्री की विरासत से जुड़ा है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम और 1947 के बाद के दशकों की पूरी विरासत को प्रदर्शित करता है. मुखर्जी ने सवाल किया कि क्या सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए संग्रहालय की आवश्यकता है? उन्होंने कहा कि मुझे दुनिया में कहीं भी सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के बारे में ऐसी कोई अवधारणा नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री संग्रहालय प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब : पीएम मोदी

डॉ. मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा संग्रहालय के साथ छेड़छाड़ करने की क्या जरूरत थी? इसके बजाय सरकार को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े तथ्यों को संरक्षित करने और प्रदर्शित के लिए एक नई इमारत का निर्माण करना चाहिए था. उन्होंने कहा, मैं सोचने पर मजबूर हूं कि सरकार ने ऐसा क्यों किया. नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum & Library) पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत को बताने के लिए बहुत छोटा वर्ग है.

Last Updated : Apr 14, 2022, 3:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.