ETV Bharat / bharat

Manipur Violence: कांग्रेस ने की राष्ट्रपति शासन की मांग, हिंसा भड़कने के लिए राज्य-केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार

मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की है (Congress demands Presidents rule). ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

author img

By

Published : May 11, 2023, 4:07 PM IST

congress
कांग्रेस

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग (Congress demands Presidents rule) करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारें संविधान के अनुसार काम नहीं कर रही हैं.

मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा, 'हम मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हैं. राज्य और केंद्र सरकार संविधान के अनुरूप काम नहीं कर रही हैं. हिंसा प्रभावित राज्य में तेजी से शांति स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति शासन ही उपयुक्त है.'

उन्होंने कहा कि 'मैंने पिछले कुछ दिनों में नार्थ ईस्ट स्टेट का दौरा किया है. मैंने हाल की घटना पर पार्टी नेताओं और स्थानीय लोगों से बात की है. मैतेई समुदाय लंबे समय से एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है. मैतेई और जनजाति समुदाय दशकों से वहीं शांति से रहते आए हैं, तो फिर अब क्या हुआ. ये दिखाता है कि हाल की हिंसा पूर्ण नियोजित थी.'

गुरुवार को मणिपुर से लौटे दास के मुताबिक ' राज्य और केंद्र सरकार दावा कर रही हैं कि अशांत राज्य में सबकुछ सामान्य है. हालांकि दोलैथाबी इलाके में अब भी फायरिंग और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं इस बात से हैरान हूं कि हिंसा प्रभावित राज्य में शांति के लिए न तो प्रधानमंत्री न ही गृह मंत्री की ओर से कोई ट्वीट किया गया.

उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हे खिड़की से एक जलता हुआ घर दिखाया. हमारे राज्य के नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी भाग लिया. हम शांति की जल्द से जल्द बहाली की दिशा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी ने आरोप लगाया कि भाजपा के एक युवा नेता ने हाल ही में चुराचांदपुर इलाके में आदिवासी छात्रों द्वारा आयोजित एक रैली में भाग लिया था जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी.

उन्होंने कहा कि 'बीजेपी नेता आदिवासी छात्र रैली में क्यों शामिल हुए? उन्हें किसने अनुमति दी. हाल ही में स्थानीय लोगों के दो उग्रवादी समूहों का गठन किया गया. उनके सदस्य मोटरसाइकिलों पर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में घूमे और पुलिस थानों से हथियार और गोला-बारूद लूट लिए. पुलिस उन्हें बेबसी से देखती रही. मोटरसाइकिल पर घूम रहे इन समूहों के कार्यों से स्थानीय युवा प्रभावित हुए. उन्हें कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत किसने दी. क्या पुलिस स्टेशनों पर हमला करना सामान्य है?'

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस स्टेशनों से लूटी गई एके 47 बंदूकें (700) सहित बड़ी संख्या में हथियार बदमाशों द्वारा वापस नहीं किए गए हैं और हाल ही में हुई हिंसा के दौरान लगभग 200 चर्चों को जला दिया गया.

दास ने कहा कि 'मजे की बात यह है कि इस बार मैतेई ईसाइयों को निशाना बनाया गया.' कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने 2022 में मैतेई और आदिवासियों दोनों से उनके मुद्दों पर गौर करने के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट और जनजातीय परिषद बनाने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद कुछ भी नहीं किया जिससे घाटी और पहाड़ी लोगों के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण रहें.'

दास के मुताबिक, 'चुनाव के दौरान मैंने और जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को बताया था कि इलाके में उग्रवादी बंदूक लेकर घूम रहे हैं. भय के माहौल में मतदान हुआ और अब राज्य में भी भय व्याप्त है.'

उन्होंने कहा कि 'हालिया भड़काव ने साबित कर दिया है कि भाजपा नीति निर्माण के लिए हिंसक दृष्टिकोण में विश्वास करती है और संविधान के अनुसार व्यवस्थित, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास नहीं करती है.'

पढ़ें- Manipur Violence: मणिपुर के सीएम ने कहा- 35655 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग (Congress demands Presidents rule) करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारें संविधान के अनुसार काम नहीं कर रही हैं.

मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा, 'हम मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हैं. राज्य और केंद्र सरकार संविधान के अनुरूप काम नहीं कर रही हैं. हिंसा प्रभावित राज्य में तेजी से शांति स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति शासन ही उपयुक्त है.'

उन्होंने कहा कि 'मैंने पिछले कुछ दिनों में नार्थ ईस्ट स्टेट का दौरा किया है. मैंने हाल की घटना पर पार्टी नेताओं और स्थानीय लोगों से बात की है. मैतेई समुदाय लंबे समय से एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है. मैतेई और जनजाति समुदाय दशकों से वहीं शांति से रहते आए हैं, तो फिर अब क्या हुआ. ये दिखाता है कि हाल की हिंसा पूर्ण नियोजित थी.'

गुरुवार को मणिपुर से लौटे दास के मुताबिक ' राज्य और केंद्र सरकार दावा कर रही हैं कि अशांत राज्य में सबकुछ सामान्य है. हालांकि दोलैथाबी इलाके में अब भी फायरिंग और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं इस बात से हैरान हूं कि हिंसा प्रभावित राज्य में शांति के लिए न तो प्रधानमंत्री न ही गृह मंत्री की ओर से कोई ट्वीट किया गया.

उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हे खिड़की से एक जलता हुआ घर दिखाया. हमारे राज्य के नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी भाग लिया. हम शांति की जल्द से जल्द बहाली की दिशा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी ने आरोप लगाया कि भाजपा के एक युवा नेता ने हाल ही में चुराचांदपुर इलाके में आदिवासी छात्रों द्वारा आयोजित एक रैली में भाग लिया था जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी.

उन्होंने कहा कि 'बीजेपी नेता आदिवासी छात्र रैली में क्यों शामिल हुए? उन्हें किसने अनुमति दी. हाल ही में स्थानीय लोगों के दो उग्रवादी समूहों का गठन किया गया. उनके सदस्य मोटरसाइकिलों पर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में घूमे और पुलिस थानों से हथियार और गोला-बारूद लूट लिए. पुलिस उन्हें बेबसी से देखती रही. मोटरसाइकिल पर घूम रहे इन समूहों के कार्यों से स्थानीय युवा प्रभावित हुए. उन्हें कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत किसने दी. क्या पुलिस स्टेशनों पर हमला करना सामान्य है?'

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस स्टेशनों से लूटी गई एके 47 बंदूकें (700) सहित बड़ी संख्या में हथियार बदमाशों द्वारा वापस नहीं किए गए हैं और हाल ही में हुई हिंसा के दौरान लगभग 200 चर्चों को जला दिया गया.

दास ने कहा कि 'मजे की बात यह है कि इस बार मैतेई ईसाइयों को निशाना बनाया गया.' कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने 2022 में मैतेई और आदिवासियों दोनों से उनके मुद्दों पर गौर करने के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट और जनजातीय परिषद बनाने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद कुछ भी नहीं किया जिससे घाटी और पहाड़ी लोगों के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण रहें.'

दास के मुताबिक, 'चुनाव के दौरान मैंने और जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को बताया था कि इलाके में उग्रवादी बंदूक लेकर घूम रहे हैं. भय के माहौल में मतदान हुआ और अब राज्य में भी भय व्याप्त है.'

उन्होंने कहा कि 'हालिया भड़काव ने साबित कर दिया है कि भाजपा नीति निर्माण के लिए हिंसक दृष्टिकोण में विश्वास करती है और संविधान के अनुसार व्यवस्थित, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास नहीं करती है.'

पढ़ें- Manipur Violence: मणिपुर के सीएम ने कहा- 35655 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.