नई दिल्ली: विपक्षी दलों का I.N.D.I.A. गठबंधन की 19 दिसंबर की बैठक से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर I.N.D.I.A. गठबंधन के भीतर तात्कालिकता की भावना को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. पूर्व सांसद संजय निरुपम ने कहा,'नई दिल्ली में 19 दिसंबर की बैठक पटना, बेंगलुरु और मुंबई के बाद विपक्षी गठबंधन की यह चौथी बैठक है.' उन्होंने कहा, 'सीट बंटवारे पर इस बार तात्कालिकता पर जोर दिया जाएगा. चीजें तेजी से आगे बढ़ेंगी'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, सीट-दर-सीट चर्चा के लिए राज्य में घटक दलों के प्रतिनिधियों सहित राज्य-वार पैनल जल्द ही गठित किए जाएंगे. निरुपम ने कहा, 'पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार में स्थानीय पार्टियों के साथ हमारा पहले से ही समझौता है.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इसके बाद 11 सदस्यीय I.N.D.I.A. समन्वय समिति में सूची पर चर्चा की जाएगी और इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. कुल 543 लोकसभा सीटों में से लगभग 400 पर भाजपा के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने का लक्ष्य है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक गठबंधन सहयोगियों के बीच विभिन्न दलों के कब्जे वाली सीटें उन्हें देने पर आम सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि चर्चा तब शेष सीटों तक ही सीमित रहेगी. इसमें लेन-देन हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि किसी राज्य में किस पार्टी की मजबूत उपस्थिति है. जेडी-यू जैसे कुछ कांग्रेस सहयोगियों ने I.N.D.I.A गठबंधन के काम में कुछ महीनों की देरी पर आशंका व्यक्त की थी क्योंकि कांग्रेस पांच राज्यों के चुनावों में शामिल हो गई थी. सीटों के बंटवारे के अलावा, गठबंधन सहयोगी न्यूनतम साझा एजेंडे को जल्द अंतिम रूप देने पर भी विचार-विमर्श करेंगे.
कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने बताया कि सितंबर में मुंबई बैठक के बाद से हम नहीं मिले हैं. हम तय करेंगे कि 19 दिसंबर की बैठक में किन मुद्दों को उठाने की जरूरत है. संयुक्त कार्रवाई पर भी ध्यान दिया जाएगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक हालांकि कांग्रेस नेता पीएम मोदी पर निशाना साधते रहते हैं, लेकिन विपक्षी गठबंधन का ध्यान बीजेपी का मुकाबला करने के लिए देश के विकास के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण पेश करने पर होगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी गठबंधन के भीतर चर्चाओं पर हावी होने के लिए मजबूत स्थिति में हो सकती थी, अगर उसने तेलंगाना के साथ-साथ तीन हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की होती.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'अब स्थिति अलग है. हमें सीमित समय सीमा में बहुत सारे काम करने हैं. लोकसभा चुनाव की अधिसूचना मार्च में आने की संभावना है और हमारी कार्ययोजना जनवरी तक लागू हो जानी चाहिए. एक प्रमुख स्थान पर संयुक्त रैली एक अच्छी शुरुआत होगी.' सीडब्ल्यूसी सदस्य और जम्मू-कश्मीर इकाई के पूर्व प्रमुख गुलाम अहमद मीर के मुताबिक विपक्षी आवाज को मुख्य राजनीतिक विमर्श में जगह नहीं मिलती है लेकिन भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो वैकल्पिक दृष्टिकोण सुनना चाहते हैं. हमें उन्हें 2024 के चुनावों से पहले कुछ रचनात्मक पेशकश करनी होगी और उनसे अपील करनी होगी. उन्होंने कहा, 'असली मुद्दे नौकरियां और बेरोजगारी हैं और I.N.D.I.A. गठबंधन इस पर बात करता रहेगा.'