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कर्नाटक को चावल की आपूर्ति को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप, आप ने की मदद की पेशकश

कर्नाटक में चावल की आपूर्ति को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. वहीं दोनों ही पार्टियों ने राज्य में कई स्थानों पर प्रदर्शन भी किया. पढ़िए पूरी खबर...

Congress and BJP spar over rice supply
चावल की आपूर्ति को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
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Published : Jun 20, 2023, 3:46 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक को चावल की आपूर्ति के विषय पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को एक दूसरे पर निशाना साधा और राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन भी किया. दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी की कर्नाटक इकाई ने कहा कि पंजाब सरकार कर्नाटक में 'अन्न भाग्य' योजना के लिए चावल की आपूर्ति करने को तैयार है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. कांग्रेस ने चावल की आपूर्ति के विषय को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया और आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार को 'अन्न भाग्य' योजना के लिए चावल उपलब्ध कराने से इनकार किया जा रहा है.

दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत कई भाजपा नेताओं को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया. भाजपा नेताओं का आरोप है कि सिद्धरमैया सरकार गरीब परिवारों को 10-10 किलोग्राम मुफ्त चावल प्रदान करने में विफल रही है. बेंगलुरु में भारी बारिश के बीच कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया. उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (Deputy Chief Minister and Congress state president D K Shivakumar ) ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 'अन्न भाग्य' योजना को बाधित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन राज्य सरकार मुफ्त चावल का अपना चुनावी वादा जरूर पूरा करेगी.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गरीब विरोधी है और वह योजना के रास्ते में रोड़े अटका रही है. अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने की बात कही गई है. केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, 'राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है.' इसमें कहा गया कि हालांकि, ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर से जारी रहेगी.

बेंगलुरु : कर्नाटक को चावल की आपूर्ति के विषय पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को एक दूसरे पर निशाना साधा और राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन भी किया. दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी की कर्नाटक इकाई ने कहा कि पंजाब सरकार कर्नाटक में 'अन्न भाग्य' योजना के लिए चावल की आपूर्ति करने को तैयार है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. कांग्रेस ने चावल की आपूर्ति के विषय को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया और आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार को 'अन्न भाग्य' योजना के लिए चावल उपलब्ध कराने से इनकार किया जा रहा है.

दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत कई भाजपा नेताओं को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया. भाजपा नेताओं का आरोप है कि सिद्धरमैया सरकार गरीब परिवारों को 10-10 किलोग्राम मुफ्त चावल प्रदान करने में विफल रही है. बेंगलुरु में भारी बारिश के बीच कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया. उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (Deputy Chief Minister and Congress state president D K Shivakumar ) ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 'अन्न भाग्य' योजना को बाधित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन राज्य सरकार मुफ्त चावल का अपना चुनावी वादा जरूर पूरा करेगी.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गरीब विरोधी है और वह योजना के रास्ते में रोड़े अटका रही है. अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने की बात कही गई है. केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, 'राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है.' इसमें कहा गया कि हालांकि, ओएमएसएस के तहत चावल की बिक्री पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा दर से जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें - कर्नाटक कांग्रेस का अन्न भाग्य योजना के मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ विरोध करने का फैसला

(पीटीआई-भाषा)

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