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कर्नाटक: ठेकेदार सुसाइड मामले पर कांग्रेस और बीजेपी में रार

ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में कर्नाटक कांग्रेस और सत्ताधारी पार्टी भाजपा में तकरार बढ़ गई है. कांग्रेस ने आरोपी मंत्री की गिरफ्तारी की मांग की है तो वहीं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने मंत्री का बचाव करते हुए कांग्रेस को भ्रष्टाचार की गंगोत्री करार दिया है.

बोम्मई Vs शिवकुमार
बोम्मई Vs शिवकुमार
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Published : Apr 14, 2022, 12:39 PM IST

हैदराबाद: ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद से ही कर्नाटक कांग्रेस और सत्ताधारी पार्टी भाजपा में विवाद बढ़ गया है और वह दिन प्रतिदिन वह गहराता ही जा रहा है. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई अपने भ्रष्ट मंत्री को बचाना चाहते हैं. इससे लगता है कि सीएम भी इसमें संलिप्त हैं. अगर वह बीजेपी और अपनी सरकार का चेहरा बचाना चाहते हैं, तो तुरंत मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करें. इसका पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कांग्रेस को विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. कांग्रेस स्वयं ही भ्रष्टाचार की गंगोत्री है. जहां तक संतोष पाटिल की मौत का सवाल है तो उसके शव का पोस्टमॉर्टम कल किया गया था और अब प्रारंभिक जांच (रिपोर्ट) का इंतजार है और जब आएगी तब उसके आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे.

कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज (Rural Development and Panchayati Raj) मंत्री के एस ईश्वरप्पा पर एक ठेके के एवज में 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाला बेलगावी का ठेकेदार संतोष पाटिल की मंगलवार सुबह उडुपी के एक लॉज में लाश मिली है. कर्नाटक पुलिस को शक है कि यह खुदकुशी का मामला है और उसने जांच शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार, बेलगावी जिले के संतोष पाटिल का शव निजी लॉज के एक कमरे में मिला. हालांकि उसके दोस्त बगल के कमरे में ही ठहरे हुए थे.

गौर हे कि ठेकेदार पाटिल ने कुछ मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर संदेश भेजे थें. उस संदेश में उसने कहा कि वह आत्महत्या कर रहा है और आरोप लगाया कि उसकी मृत्यु के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. हालांकि घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें आत्महत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो लेकिन मंत्री ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. वहीं मंत्री ने न केवल आरोप का खारिज किया बल्कि उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया.

यह भी पढ़ें-कर्नाटक के लॉज में मृत मिला ठेकेदार, मंत्री ईश्वरप्पा पर आरोप

एएनआई इनपुट

हैदराबाद: ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद से ही कर्नाटक कांग्रेस और सत्ताधारी पार्टी भाजपा में विवाद बढ़ गया है और वह दिन प्रतिदिन वह गहराता ही जा रहा है. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई अपने भ्रष्ट मंत्री को बचाना चाहते हैं. इससे लगता है कि सीएम भी इसमें संलिप्त हैं. अगर वह बीजेपी और अपनी सरकार का चेहरा बचाना चाहते हैं, तो तुरंत मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करें. इसका पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कांग्रेस को विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. कांग्रेस स्वयं ही भ्रष्टाचार की गंगोत्री है. जहां तक संतोष पाटिल की मौत का सवाल है तो उसके शव का पोस्टमॉर्टम कल किया गया था और अब प्रारंभिक जांच (रिपोर्ट) का इंतजार है और जब आएगी तब उसके आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे.

कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज (Rural Development and Panchayati Raj) मंत्री के एस ईश्वरप्पा पर एक ठेके के एवज में 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाला बेलगावी का ठेकेदार संतोष पाटिल की मंगलवार सुबह उडुपी के एक लॉज में लाश मिली है. कर्नाटक पुलिस को शक है कि यह खुदकुशी का मामला है और उसने जांच शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार, बेलगावी जिले के संतोष पाटिल का शव निजी लॉज के एक कमरे में मिला. हालांकि उसके दोस्त बगल के कमरे में ही ठहरे हुए थे.

गौर हे कि ठेकेदार पाटिल ने कुछ मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर संदेश भेजे थें. उस संदेश में उसने कहा कि वह आत्महत्या कर रहा है और आरोप लगाया कि उसकी मृत्यु के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. हालांकि घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें आत्महत्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो लेकिन मंत्री ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. वहीं मंत्री ने न केवल आरोप का खारिज किया बल्कि उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया.

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एएनआई इनपुट

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