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पूर्वोत्तर में संविधान और संप्रभुता को चुनौती दी जा रही है, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जवाब दें : कांग्रेस - Northeast into chaos

हाल ही में गोलीबारी की घटना के बाद बढ़ते असम और मिजोरम सीमा तनाव के बीच, कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पूर्वोत्तर को अराजकता की ओर धकेलने का आरोप लगाया है.

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Published : Aug 18, 2021, 9:46 PM IST

Updated : Aug 18, 2021, 10:09 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने असम-मिजोरम विवाद और कुछ अन्य राज्यों की स्थिति का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि पूर्वोत्तर में देश के संविधान और संप्रभुता को खुलेआम चुनौती दी जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार मौन धारण किये हुए है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सामने आकर इस पर जवाब देना चाहिए.

रणदीप सुरजेवाला का बयान

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'पूर्वोत्तर के राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति ख्रराब हो चुकी है. संवैधानिक ढांचे पर हमला बोला जा रहा है. पूर्वोत्तर की स्थिति को टीवी पर नहीं दिखाया जा रहा है.'

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ' दो राज्यों की पुलिस एक-दूसरे के साथ शत्रु जैसा व्यवहार कर रही है और नागरिकों को गोलियां लग रही हैं. यह मोदी सरकार की किसी तरह भी पूर्वोत्तर में सत्ता हथियाने का एक नतीजा है. आज भी भाजपा और मोदी सरकार किसी तरह से सत्ता हथियाये रखना चाहती है, चाहे देश के लिए इसका कितना भी घातक परिणाम हो.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार द्वारा मौन धारण किये रहना, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था और संवैधानिक व्यवस्था का छिन्न-भिन्न हो जाना यह दिखाता है कि केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा से मुंह मोड़ लिया है और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है.'

सुरजेवाला ने सवाल किया, 'क्या प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जवाब देंगे कि असम-मिजोरम की सीमा पर बार-बार हो रही पुलिस गोलीबारी, हिंसा और मौतें पर वे कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं और इस स्थिति से पीछा क्यों छुड़ा रहे हैं?'

पढ़ें :- असम-मिजोरम सीमा विवाद: कोलासिब डीसी ने ताजा गोलीबारी पर हैलाकांडी समकक्ष को पत्र लिखा

उनके मुताबिक, 'मेघालय में उग्रवादी संगठन के लोग तालिबान की तरह हथियार लहराते हुए गाड़ी से खुलेआम घूम रहे थे. वहां 98 घंटे का कर्फ्यू लगाना पड़ा. मुख्यमंत्री के आवास पर पेट्रोल बम फेंके गए और वहां के गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा. राज्यपाल के काफिले पर पथराव हुआ. क्या कारण है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कुछ नहीं बोल रहे?'

उन्होंने दावा किया, 'नगालैंड में एनएससीएन-आईएम नामक संगठन तो भारतीय संविधान को मानने से इनकार कर रहा है. अरुणाचल प्रदेश के अंदर चीन ने गांव बसा दिया है.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. हमारी संवैधानिक और सीमा की संप्रभुता को चुनौती दी जा रही है. मोदी सरकार देश की अखंडता और संप्रभुता से समझौता कर रही है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

सुरजेवाला ने कहा, 'प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को सामने आकर इस पर जवाब देना चाहिए.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कांग्रेस ने असम-मिजोरम विवाद और कुछ अन्य राज्यों की स्थिति का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि पूर्वोत्तर में देश के संविधान और संप्रभुता को खुलेआम चुनौती दी जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार मौन धारण किये हुए है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सामने आकर इस पर जवाब देना चाहिए.

रणदीप सुरजेवाला का बयान

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'पूर्वोत्तर के राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति ख्रराब हो चुकी है. संवैधानिक ढांचे पर हमला बोला जा रहा है. पूर्वोत्तर की स्थिति को टीवी पर नहीं दिखाया जा रहा है.'

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ' दो राज्यों की पुलिस एक-दूसरे के साथ शत्रु जैसा व्यवहार कर रही है और नागरिकों को गोलियां लग रही हैं. यह मोदी सरकार की किसी तरह भी पूर्वोत्तर में सत्ता हथियाने का एक नतीजा है. आज भी भाजपा और मोदी सरकार किसी तरह से सत्ता हथियाये रखना चाहती है, चाहे देश के लिए इसका कितना भी घातक परिणाम हो.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार द्वारा मौन धारण किये रहना, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था और संवैधानिक व्यवस्था का छिन्न-भिन्न हो जाना यह दिखाता है कि केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा से मुंह मोड़ लिया है और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है.'

सुरजेवाला ने सवाल किया, 'क्या प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जवाब देंगे कि असम-मिजोरम की सीमा पर बार-बार हो रही पुलिस गोलीबारी, हिंसा और मौतें पर वे कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं और इस स्थिति से पीछा क्यों छुड़ा रहे हैं?'

पढ़ें :- असम-मिजोरम सीमा विवाद: कोलासिब डीसी ने ताजा गोलीबारी पर हैलाकांडी समकक्ष को पत्र लिखा

उनके मुताबिक, 'मेघालय में उग्रवादी संगठन के लोग तालिबान की तरह हथियार लहराते हुए गाड़ी से खुलेआम घूम रहे थे. वहां 98 घंटे का कर्फ्यू लगाना पड़ा. मुख्यमंत्री के आवास पर पेट्रोल बम फेंके गए और वहां के गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा. राज्यपाल के काफिले पर पथराव हुआ. क्या कारण है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कुछ नहीं बोल रहे?'

उन्होंने दावा किया, 'नगालैंड में एनएससीएन-आईएम नामक संगठन तो भारतीय संविधान को मानने से इनकार कर रहा है. अरुणाचल प्रदेश के अंदर चीन ने गांव बसा दिया है.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. हमारी संवैधानिक और सीमा की संप्रभुता को चुनौती दी जा रही है. मोदी सरकार देश की अखंडता और संप्रभुता से समझौता कर रही है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

सुरजेवाला ने कहा, 'प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को सामने आकर इस पर जवाब देना चाहिए.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 18, 2021, 10:09 PM IST
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