नई दिल्ली : पंजाब कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 2002 के पंजाब विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़े जाएंगे.
पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू गुट के चार मंत्रियों और तीन विधायकों ने देहरादून में पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की, लेकिन हरीश रावत के दरबार में मसले का कोई हल नहीं निकला है.
इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए रावत ने कहा कि हमारे 4 वरिष्ठ मंत्रीगण और 3 विधायक यहां आए, उन्होंने अपनी चिंता बताई. वो पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि हमारा विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है. हम चाहते हैं कि चुनाव में हम एक स्पष्ट रोडमैप के साथ जाएं.
उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी से कोई नाराज़गी है, तो नाराज़गी कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए. कांग्रेस के लिए बहुत आवश्यक है कि वो पंजाब में मिलकर चुनाव लड़े. मंत्रीगणों ने, विधायकों ने मुझे आश्वासन दिया कि उनका पार्टी में और पार्टी हाईकमान में पूरा विश्वास है.
हरीश रावत ने कहा कि ज़िला और राज्य प्रशासन की कार्य पद्धति को लेकर उनकी कुछ शिकायतें भी हैं. कांग्रेस का कोई विधायक अगर अपने को असुरक्षित समझता है और समझता है कि प्रशासन उसको हराने की कोशिश कर सकता है या उसके ख़िलाफ काम कर सकता है तो ये बहुत चिंताजनक बात है.
उधर, पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि कांग्रेस में अपनी बात रखने के लिए एक प्रोटोकॉल होता है, पार्टी आलाकमान को कहा जाता है. उन्होंने हरीश रावत के आगे अपनी बात रख दी है. क्योंकि वह पंजाब के प्रभारी हैं और काफी हद तक वह भी उनकी बातों से सहमत हैं. उन्होंने कहा है कि वह इस पूरे मामले को लेकर आलाकमान से बात करेंगे.
चन्नी ने कहा कि जबतक वो सारे मुद्दे और सारे वादे पूरे नहीं हो जाते, जो चुनावों में विधायकों-मंत्रियों ने जनता से किए थे, तबतक वो जोरों-शोरों से पंजाब की आवाम और वहां के विधायकों की बात रखते रहेंगे. चन्नी ने कहा कि अगर यह मसले पूरे हो जाते हैं, तभी कांग्रेस के तमाम विधायक शांत हो पाएंगे.
सलाहकारों को संभालें सिद्धू
हरीश रावत का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने सिद्धू को भी कहा है कि वो अपने सलाहकारों को संभालें, ताकि उनकी वजह से कांग्रेस में कोई विवाद पैदा न हो. रावत ने कहा कि फिलहाल बैठक में क्या हुआ-क्या नहीं, वो दिल्ली में अपने नेता और राहुल गांधी को अवगत कराएंगे.