नई दिल्ली : कांग्रेस (Congress) ने शनिवार को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा मुंबई के दो हवाईअड्डों के खातों की कथित जांच को दिखावा करार दिया. कांग्रेस ने मुंबई में अडानी एंटरप्राइजेज के दो हवाई अड्डों के खातों और अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग दोहराई. अमेरिकी अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग द्वारा अनियमितताओं का आरोप लगाने और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाने के बाद विपक्षी दल अरबपति गौतम अडाणी के समूह के वित्तीय लेनदेन पर सवाल उठा रहा है.
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
As Adani group’s skeletons tumble out of the closet on a daily basis, the government is desperately trying to save face by switching to a PR mode to show that it is taking action against PM Modi’s favourite business group.
When will the government…
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 14, 2023
As Adani group’s skeletons tumble out of the closet on a daily basis, the government is desperately trying to save face by switching to a PR mode to show that it is taking action against PM Modi’s favourite business group.
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As Adani group’s skeletons tumble out of the closet on a daily basis, the government is desperately trying to save face by switching to a PR mode to show that it is taking action against PM Modi’s favourite business group.
When will the government…
अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress general secretary Jairam Ramesh) ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें अडाणी एंटरप्राइजेज के हवाले से कहा गया है कि कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में समूह के दो हवाई अड्डों के खातों की जांच कर रहा है. रमेश ने एक पोस्ट में कहा, 'जैसा कि अडाणी समूह के कंकाल रोजाना सामने आ रहे हैं, सरकार पीआर मोड में जाकर अपना चेहरा बचाने की सख्त कोशिश कर रही है ताकि यह दिखाया जा सके कि वह पीएम मोदी के पसंदीदा बिजनेस ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.'
एक्स में पोस्ट करते हुए उन्होंने पूछा कि 'सरकार इस बात की जांच कब करेगी कि नीति आयोग और आर्थिक मामलों के विभाग की आपत्तियों के बावजूद अडाणी समूह को छह में से छह हवाई अड्डे कैसे दिए गए. यह कब जांच की जाएगी कि ईडी और सीबीआई ने मुंबई हवाई अड्डे के पिछले मालिकों पर कैसे छापा मारा, जब वे अडाणी समूह को बेचने के लिए तैयार नहीं थे, और पीएम के सबसे अच्छे दोस्त द्वारा भारत के दूसरे सबसे व्यस्त हवाई अड्डे का नियंत्रण लेने के बाद मामला कैसे ठंडे बस्ते में चला गया?' रमेश ने कहा कि यह दिखावटी जांच वहीं खत्म हो जाएगी जहां अडाणी समूह की पिछली मोदी-युग की जांच कहीं नहीं गई! रमेश ने कहा, इस तरह की दिखावेबाजी से कोई भी मूर्ख नहीं बन सकता है. उन्होंने कहा कि केवल एक संयुक्त संसदीय समिति ही मोदानी मेगा घोटाले के पीछे की सच्चाई का खुलासा कर सकती है.
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