चिक्कमगलुरु: केएसआरटीसी की बस में यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई. बस कंडक्टर ने पीड़ित महिला को बीच रास्ते में ही डिलीवरी करवाई. बस ड्राइवर और कंडक्टर दोनों ने इस घटना में सूझबूझ दिखाई. अगर समय रहते कदम नहीं उठाए जाते तो खतरा भी हो सकता था. संयोगवश उस बस की कंडक्टर महिला थी.
चिक्कमगलुरु मंडल की चिक्कमगलुरु इकाई की एक बस सोमवार दोपहर 1.25 बजे बेंगलुरु-चिक्कमगलुरु मार्ग पर उदयपुर के पास कृषि महाविद्यालय के पास जा रही थी. बस में कुल 45 यात्री सवार थे. इनमें एक गर्भवती महिला भी सवार थी. वह बेंगलुरु से बेलूर जा रही थी. रास्ते में उसे प्रसव पीड़ा हुई. जिस रूट से होकर बस जा रही थी उसके आस पास करीब 10 किलोमीटर तक कोई अस्पताल नहीं था. इसलिए बस की कंडक्टर ने बस रुकवाई. बस में सफर कर रहे सभी यात्रियों को उतारा और दर्द से तड़पती महिला की डिलीवरी कराई.
ये भी पढ़ें- स्कूटर से मां को तीर्थाटन कराने निकले 'श्रवण कुमार', अब तक 70 हजार किमी की नाप दी दूरी
महिला ने दिया बच्ची को जन्म: बस कंडक्टर ने बस में ही डिलीवरी कराई और महिला ने बच्ची को जन्म दिया. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. पता चला है कि गर्भवती महिला के परिजन आर्थिक रूप से कमजोर थे और किसी निजी कार या एंबुलेंस से अस्पताल नहीं जा सकते थे और केएसआरटीसी की बस से सफर करते थे. बस ड्राइवर और कंडक्टर ने यात्रियों से पैसे वसूल कर महिला की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 1500 रुपये भिजवाए. बाद में महिला को एंबुलेंस से शांतिग्राम अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज कराने की सुविधा दी गई. चालक और परिचालक की ओर से उठाए गए कदम सराहनीय हैं. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों और आयुक्त ने महिला कंडक्टर के काम की सराहना की है.