दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले में कोरोना से हालात बदतर होते जा रहे हैं. न सिर्फ मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि मौतों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. स्थिति इतनी खराब है कि श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगानी पड़ रही है. एक दिन पहले जली चिता की राख ठंडी भी नहीं हो पाती कि दूसरा शव आ जाता है. दूसरी चिता उसी जगह पर जलाने के लिए आनन-फानन में राख साफ कर जगह बनाई जा रही है. उससे भी बात नहीं बनती है तो शव का अंतिम संस्कार अगले दिन तक के लिए टाला दिया जाता है.
शव उठाने से इनकार कर रहे परिजन
एक सफाई कर्मी राजू राम ने बताया कि लोग कोरोना से मरे अपने परिजनों का शव उठाने से इंकार कर रहे हैं या भाग खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वजह से सफाई कर्मियों को शव उठाकर श्मशान घाट तक ले जाना पड़ रहा है.
कोरोना से मरे लोगों का अंतिम संस्कार करने वाली संस्था कबीर सेवा संस्थान के एक सदस्य नवीन सिन्हा ने बताया कि स्थिति इतनी खराब है कि अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर लाइन लगानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि श्मशान घाट पर एक साथ 6 शवों को जलाने की व्यवस्था है. लेकिन उससे ज्यादा शव आने पर काफी परेशानी हो रही है.
आ गए छह से ज्यादा शव
नवीन सिन्हा ने कहा कि एक दिन पहले जली चिता की राख को अभी हटाया भी नहीं गया है कि उस जगह पर दूसरा शव जलाने के लिए आ जाता है. उसके लिए पहली चिता की राख को आनन-फानन में हटाकर जगह बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह शुक्रवार, शनिवार और रविवार को उन्हें ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा जब 6 से ज्यादा शव आ गए थे.
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी जब किसी तरीके से शव के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बन पा रही है, तो अगले दिन अंतिम संस्कार के लिए सुरक्षित रखना पड़ रहा है.
'कोरोना की स्थिति खराब है. लोगों को धैर्य से काम लेना चाहिए. अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई हैं. अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई गई है. ऑक्सीजन की सप्लाई भी सुनिश्चित की गई है. शहर में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. दुकानों को खोलने का समय निर्धारित किया गया है. जिले में कोरोना के 94 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, जहां पर लोगों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित है. हर हाल में सामाजिक दूरी का पालन करें और मास्क जरूर लगाएं.' -डॉ. त्यागराजन एसएम, डीएम, दरभंगा