कोलकाता : देश में कोरोना कहर बरपा रहा है. इस निबटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर संभव कदम उठा रही हैं. ताजा घटना क्रम में ममता सरकार ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ से आने वाले हवाई यात्रियों के लिए सोमवार से कोविड-19 निगेटिव प्रमाणपत्र लाना अनिवार्य कर दिया गया है.
हवाई यात्रियों को यात्रा से अधिकतम 72 घंटे पहले की गई आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखानी होगी.
पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. इसके मद्देनजर राज्य प्रशासन ने यह निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना से पश्चिम बंगाल आने वाले यात्रियों के लिए पहले ही कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट पेश करने को अनिवार्य बना चुकी है.
बंगाल सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र
वहीं कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से चिकित्सीय ऑक्सीजन की मांग में हो रही वृद्धि के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर राज्य में उपलब्ध जीवन रक्षक गैस को दूसरे राज्यों में नहीं भेजने की मांग की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने यह पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल के विभिन्न संयंत्रों में उत्पादित 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों को आवंटित किए जाने के बाद लिखा है.
स्वास्थ्य विभाग ने 22 अप्रैल को लिखे पत्र में मरीजों की मौजूदा संख्या और संक्रमितों की संख्या में वृद्धि के दौर का हवाला देते हुए कहा कि अगले कुछ हफ्तों में पश्चिम बंगाल में ऑक्सीजन की मांग मोटे तौर पर 450 मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है.
पत्र में कहा गया है कि इसलिए तरल ऑक्सीजन का राज्य के बाहर किए गए मौजूदा आवंटन से यहां कोविड-19 मरीजों का इलाज बाधित होगा. इसी के साथ राज्य सरकार केंद्र से अनुरोध करती है कि वह राज्य की जरूरत पर विचार करे और यहां उपलब्ध ऑक्सीजन को कहीं और नहीं भेजे.