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MP के कॉलेजों में कम्युनिस्ट विचारधारा की एंट्री, B.A 2nd ईयर के स्टूडेंट पढ़ेंगे अरुंधति रॉय की किताब

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में B.A सेकंड ईयर के सिलेबस में अरुंधति रॉय की किताब द एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस को शामिल किया गया है. किताब बीए सेकेंड इयर के अंग्रेजी सिलेबस में शामिल करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मध्य प्रदेश के कॉलेजों में कम्युनिस्ट विचारधारा की एंट्री माना जा रहा है. Arundhati Roy's book ,BA 2nd year syllabus

The Algebra of Infinite Justiceउच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव
एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस
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Published : Aug 31, 2022, 6:09 PM IST

भोपाल। द अलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस, लेखिका अरुंधति राय की इस किताब को एमपी में बीए सेकंड ईयर अंग्रेजी साहित्य (इंग्लिश लिटरेचर) के सिलेबस में शामिल किया गया है. इसे अगले सत्र से छात्रों को पठाया जाएगा. इस किताब को सिलेबस में शामिल किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. इसे प्रदेश के कॉलेजों में कम्युनिस्ट विचारधारा की एंट्री माना जा रहा है. खास बात यह है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और बीजेपी अरुंधति रॉय को उनके बयानों को लेकर कई बार निशाने पर ले चुकी है. ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग का यह फैसला किसी के गले नहीं उतर रहा है.

new education policy
एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस


अरुंधति की किताब को सिलेबस में शामिल करने पर बवाल: अरुंधति रॉय की किताब द अलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस (The Algebra of Infinite Justice) अब मप्र के कॉलेजों में भी पढ़ाई जाएगी. प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के केंद्रीय अध्ययन मंडल ने नई शिक्षा नीति में इस किताब को बीए सेकेंड ईयर के सिलेबस में शामिल किया है. किसी लेखक की किताब को पाठ्यक्रम में शामिल करने का वैसे तो यह कोई नया मामला नहीं है, लेकिन अरुंधति रॉय अपनी वामपंथी सोच के चलते विवादों में रहती हैं. यही वजह है कि उनकी किताब को मप्र के कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का फैसला चौंकाने वाला है.जिसपर सियासी बवाल शुरू हो चुका है.

The Algebra of Infinite Justice
एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस

अमित शाह ने की थी प्रदेश की नई शिक्षा नीति की तारीफ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में अपने भोपाल दौरे के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जमकर तारीफ की थी. शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की भी सराहना की थी, ऐसे में मध्यप्रदेश ने नई शिक्षा नीति में कॉलेजों के सिलेबस में एक नई विचारधारा को एंट्री दे दी है. किताब की ऑर्थर अरुंधति रॉय हैं, जिनका नाम सुनते ही राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग तमतमा उठते हैं. दूसरी तरफ अरुंधति की किताब को सिलेबस में शामिल करने वाले शिक्षकों ने अंग्रेजी साहित्य पढ़ाने के लिए इसे सबसे बेहतर बताते हुए चुना है.

mp collage clybus syllabus
एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस

उच्चशिक्षा मंत्री बोले जानकारी लेने के बाद हटाएंगे: अरुंधति रॉय की किताब को प्रदेश के कॉलेजों में बीए सेकंड ईयर में इंग्लिश लिटरेचर (अंग्रेजी साहित्य) में शामिल किया है. इसी साल फरवरी में केंद्रीय अध्ययन मंडल ने चौथी यूनिट में अरुंधती की किताब द अलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस (न्याय का गणित) को शामिल किया है. इस पूरे मामले में जब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि इस विषय में अभी उन्हें कुछ जानकारी नहीं है, कि सिलेबस में क्या शामिल किया गया है, लेकिन यदि ऐसी बात है तो अधिकारियों से जानकारी लेकर ऐसी किताब को हटाया जाएगा. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में बीजेपी को आड़ेहाथ लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि नई शिक्षा नीति में ढेरों खामियां हैं और इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश की नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम में देखने को मिल रहा है. इससे यह भी साफ दिखाई दे रहा है कि बीजेपी का दोहरा चरित्र है.

भोपाल। द अलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस, लेखिका अरुंधति राय की इस किताब को एमपी में बीए सेकंड ईयर अंग्रेजी साहित्य (इंग्लिश लिटरेचर) के सिलेबस में शामिल किया गया है. इसे अगले सत्र से छात्रों को पठाया जाएगा. इस किताब को सिलेबस में शामिल किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. इसे प्रदेश के कॉलेजों में कम्युनिस्ट विचारधारा की एंट्री माना जा रहा है. खास बात यह है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और बीजेपी अरुंधति रॉय को उनके बयानों को लेकर कई बार निशाने पर ले चुकी है. ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग का यह फैसला किसी के गले नहीं उतर रहा है.

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एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस


अरुंधति की किताब को सिलेबस में शामिल करने पर बवाल: अरुंधति रॉय की किताब द अलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस (The Algebra of Infinite Justice) अब मप्र के कॉलेजों में भी पढ़ाई जाएगी. प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के केंद्रीय अध्ययन मंडल ने नई शिक्षा नीति में इस किताब को बीए सेकेंड ईयर के सिलेबस में शामिल किया है. किसी लेखक की किताब को पाठ्यक्रम में शामिल करने का वैसे तो यह कोई नया मामला नहीं है, लेकिन अरुंधति रॉय अपनी वामपंथी सोच के चलते विवादों में रहती हैं. यही वजह है कि उनकी किताब को मप्र के कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का फैसला चौंकाने वाला है.जिसपर सियासी बवाल शुरू हो चुका है.

The Algebra of Infinite Justice
एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस

अमित शाह ने की थी प्रदेश की नई शिक्षा नीति की तारीफ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में अपने भोपाल दौरे के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जमकर तारीफ की थी. शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की भी सराहना की थी, ऐसे में मध्यप्रदेश ने नई शिक्षा नीति में कॉलेजों के सिलेबस में एक नई विचारधारा को एंट्री दे दी है. किताब की ऑर्थर अरुंधति रॉय हैं, जिनका नाम सुनते ही राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग तमतमा उठते हैं. दूसरी तरफ अरुंधति की किताब को सिलेबस में शामिल करने वाले शिक्षकों ने अंग्रेजी साहित्य पढ़ाने के लिए इसे सबसे बेहतर बताते हुए चुना है.

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एलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस

उच्चशिक्षा मंत्री बोले जानकारी लेने के बाद हटाएंगे: अरुंधति रॉय की किताब को प्रदेश के कॉलेजों में बीए सेकंड ईयर में इंग्लिश लिटरेचर (अंग्रेजी साहित्य) में शामिल किया है. इसी साल फरवरी में केंद्रीय अध्ययन मंडल ने चौथी यूनिट में अरुंधती की किताब द अलजेब्रा ऑफ इंफाइनाइट जस्टिस (न्याय का गणित) को शामिल किया है. इस पूरे मामले में जब उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि इस विषय में अभी उन्हें कुछ जानकारी नहीं है, कि सिलेबस में क्या शामिल किया गया है, लेकिन यदि ऐसी बात है तो अधिकारियों से जानकारी लेकर ऐसी किताब को हटाया जाएगा. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में बीजेपी को आड़ेहाथ लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि नई शिक्षा नीति में ढेरों खामियां हैं और इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश की नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम में देखने को मिल रहा है. इससे यह भी साफ दिखाई दे रहा है कि बीजेपी का दोहरा चरित्र है.

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