नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन परिसर के अंदर बार-बार भारत विरोधी नारे लिखने और लगाने की घटनाओं की जांच के लिए समिति का गठन करेगा. रविवार को विश्वविद्यालय परिसर के अंदर दीवारों पर कई विवादित नारे लिखे पाए गए थे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. फिलहाल प्रशासन की ओर से दीवारों का रंग-रोगन करा दिया गया है.
समिति की जाएगी गठित: जेएनयू के रेक्टर सतीश चंद्र गरकोटी ने बताया कि वे मुख्य सुरक्षा अधिकारी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और उस सुझाव के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि विश्वविद्यालय ने परिसर में राष्ट्रविरोधी नारों की बार-बार होने वाली घटनाओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने की योजना बनाई है.
पहले भी लिखे गए हैं नारे: जेएनयू में रविवार को एक बार फिर राष्ट्र विरोधी नारे लिखने का मामला सामने आया था. यह स्लोगन जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज की दीवारों पर लाल और नीले रंग से लिखे गए थे. इसके अलावा कई जगह फर्श पर भी नीले पेंट से ये स्लोगन लिखे गए थे. एक साल पहले भी जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर जाति सूचक नारे लिखे गए थे. उस समय भी जेएनयू विवादों में आ गया था.
पोती गई थी कालिख: इतना ही नहीं उस समय जेएनयू के कुछ शिक्षकों की नेम प्लेट पर भी कालिख पोती गई थी, जिसपर विवादित टिप्पणियां लिखी भी गई थी. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक जांच कमेटी का गठन किया था, लेकिन उस कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह करनामा करने वाले तत्वों का खुलासा नहीं किया था. उस समय जेएनयू की दीवारों पर कई जाति सूचक नारे लिखे गए थे.
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